मध्य प्रदेश की एक अदालत ने सतना में 4 साल की बच्ची से बलात्कार के दोषी स्कूल शिक्षक के ख़िलाफ़ डेथ वॉरंट जारी कर दिया है। अपराधी महेंद्र सिंह गोंड को 2 मार्च को जबलपुर जेल में मृत्युदंड दिया जाएगा।
12 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों के बलात्कारियों के लिए मौत की सजा के प्रावधान के तहत यह पहली फाँसी होगी। हालाँकि, आरोपित बलात्कारी के पास अभी सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति के पास जाने का विकल्प खुला है।
सतना की जिला अदालत ने महेंद्र सिंह गोंड के ख़िलाफ़ डेथ वॉरंट जारी कर दिया है। गोंड ने बीते साल 4 साल की एक बच्ची के साथ बलात्कार किया था। बलात्कार के दोषी स्कूल टीचर ने इस कदर दरिंदगी दिखाई थी कि बच्ची को कई महीने दिल्ली के एम्स अस्पताल में गुजारने पड़े और कई सर्जरी से गुजरना पड़ा था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रेप के दोषी महेंद्र सिंह गोंड को फाँसी देने के लिए 2 मार्च की तारीख़ तय की गई है। अधिकारियों ने बताया कि अगर सुप्रीम कोर्ट इस आदेश पर स्टे नहीं लगाता है तो उसे 2 मार्च को ही फाँसी दे दी जाएगी। अपराध और सजा मिलने के बीच सिर्फ 7 महीने का अंतर है। अगर उसे 2 मार्च को फाँसी दे दी जाती है, तो नए रेप कानून के तहत मिलने वाली इस तरह की यह पहली सजा-ए-मौत होगी।
बेंच ने बताया इसे ‘गंभीरतम अपराध’
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की एक डिविजन बेंच ने महेंद्र सिंह गोंड को दी गई सजा पर 25 जनवरी को मुहर लगा दी थी और इस घटना को ‘गंभीरतम अपराध’ की श्रेणी का बताया। जस्टिस पीके जायसवाल और जस्टिस अंजुलि पालो की बेंच ने कहा, ”अदालत ऐसे क्रूर अपराधियों पर कठोर कार्रवाई करने से पीछे नहीं हट सकती। ऐसी घटनाएँ जब तेजी से बढ़ रही हों, तो सख्ती दिखाना और जरूरी हो जाता है। यह मामला इसलिए भी गंभीर है, क्योंकि आरोपी एक शिक्षक है, जिसका काम बच्चों को नैतिकता का पाठ पढ़ाना होता है।” हाई कोर्ट के फैसले के बाद सतना की जिला अदालत ने दोषी के ख़िलाफ़ डेथ वॉरंट जारी कर दिया है।
बलात्कारी महेंद्र सिंह गोंड के पास अभी 2 विकल्प मौजूद हैं
जबलपुर सेंट्रल जेल ही मध्य प्रदेश की एक जेल है, जहाँ फाँसी देने की व्यवस्था है। जेल अधीक्षक गोपाल तामराकर ने बताया, “हमें फैसले की हार्ड कॉपी अभी नहीं मिली है, जो डाक के माध्यम से आती है। एक ई-मेल मिला है और उसके मुताबिक रेप के दोषी को 2 मार्च को सुबह 5 बजे फांसी दी जानी है।” दोषी महेंद्र सिंह गोंड के पास अभी 2 विकल्प मौजूद हैं। वह चाहे तो सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति के पास दया याचिका दे सकता है।