पाकिस्तान के सिंध प्रांत में पिछले दिनों सरकारी अस्पताल में एक हिंदू महिला के गर्भ में उसके नवजात शिशु का सिर काटकर छोड़ दिया गया था। इसके विरोध में हिन्दुओं के एक समूह ने दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी जय श्री राम सेना फाउंडेशन (JSRF) के सदस्य थे। प्रदर्शनकारियों ने उच्चायोग कर्मियों को ज्ञापन देकर इस घटना के आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई की माँग की।
इस प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे JSRF के महासचिव यश राजवीर ने ऑपइंडिया ने बात की। उन्होंने बताया, “भारी पुलिस बल की तैनाती के बावजूद हमने पाकिस्तानी उच्चायोग पर प्रदर्शन का फैसला किया था। प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस हमें चाणक्यपुरी थाने ले गई। यहाँ करीब 8 घंटे हिरासत में रखा गया। इसके विरोध में हमने थाने में हनुमान चालीसा का पाठ किया।”
इसके बाद पाकिस्तानी उच्चायोग ने 2 प्रदशर्नकारियों को अपने शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की अनुमति दी। JSRF के राष्ट्रीय अध्यक्ष सौरभ जैन और महासचिव यश उच्चायोग गए और आरोपितों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की माँग करते हुए ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया है, “भील समुदाय की 32 वर्षीय हिन्दू महिला के नवजात शिशु का सिर काट कर गर्भ के अंदर छोड़ दिया गया। सिंध प्रान्त में मौजूद अस्पताल के स्टाफ द्वारा पीड़िता का जीवन खतरे में डाला गया। आरोपितों के विरुद्ध अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। हम ऐसी शर्मनाक हरकत की निंदा करते हैं। ऐसी कई घटनाएँ पाकिस्तान के तमाम हिस्सों में हुई हैं, लेकिन दोषियों को सजा दिलाने के लिए पाकिस्तान में कोई सिस्टम नहीं है।” ज्ञापन में पीड़िता को मुआवजा देने और पाकिस्तान के तमाम हिस्सों में अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों को रोकने की भी माँग की गई है। इन अत्याचारों में अल्पसंख्यकों पर हमले और उनका जबरन धर्म परिवर्तन शामिल है।
गौरतलब है कि 19 जून 2022 को पाकिस्तान सरकार द्वारा संचालित एक रूरल हेल्थ सेंटर के स्टाफ ने नवजात बच्चे का सिर काटकर महिला के गर्भ में छोड़ दिया था। इतना ही नहीं अस्पताल के स्त्री रोग वार्ड में स्ट्रेचर पर तड़प रही महिला का अस्पताल के कुछ कर्मचारियों ने तस्वीरें खींची। उसका वीडियो बनाया और फिर कई व्हाट्सएप ग्रुप में उसे शेयर भी किया।