कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के बेटे फ़ैसल पटेल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने स्टर्लिंग बायोटेक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तलब किया है। ED संदेसरा बंधुओं के साथ फ़ैसल पटेल के संबंधों की भी जाँच कर रही है।
फार्मास्युटिकल कंपनी के मालिक संदेसरा बंधु 5,000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में आरोपित हैं।
अहमद पटेल गुजरात से कॉन्ग्रेस के राज्यसभा सांसद हैं। वह सोनिया गाँधी के राजनीतिक सचिव भी रह चुके हैं।
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— IANS Tweets (@ians_india) August 28, 2019
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ED ने फ़ैसल पटेल को गुरुवार (29 अगस्त) को पूछताछ के लिए बुलाया है। इस साल 30 जुलाई को ED ने इस मामले में अहमद पटेल के दामाद और वकील इरफ़ान सिद्दीकी से भी पूछताछ की थी।
स्टर्लिंग बायोटेक कंपनी ने आंध्र बैंक सहित बैंकों के एक कंसोर्टियम से 5,000 करोड़ रुपए ऋण लिया, लेकिन यह ऋण एक गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) में बदल गया। ED के अनुसार, संदेसरा समूह ने कथित तौर पर कई बैंकों को धोखा दिया और बैंकों और निवेशकों के ख़िलाफ़ उसका कुल बकाया 10,000 करोड़ रुपए से अधिक हो सकता है।
चार्जशीट के अनुसार, स्टर्लिंग ग्रुप के मालिक नितिन संदेसरा और चेतन संदेसरा ने पैसे विदेश ले जाने के लिए करीब 300 मुखौटा कंपनियॉं बनाई।
जॉंच के दौरान ईडी को इस समूह के अहमद पटेल से रिश्तों का पता चला। पूछताछ से इस घोटाले में अहमद पटेल, उनके बेटे फैसल पटेल और दामाद इरफान सिद्दीकी की संलिप्तता सामने आई।
संदेसरा समूह के एक कर्मचारी सुनील यादव ने बताया था कि चेतन संदेसरा (निदेशक संदेसरा समूह) के
नई दिल्ली स्थित पुष्पांजलि फार्म में इरफ़ान सिद्दीकी आया करता था। चेतन संदेसरा भी इरफ़ान के वसंत विहार स्थित घर पर जाता था। यादव के मुताबिक चेतन संदेसरा अहमद पटेल के बेटे को पैसे देता था। उसने भी चेतन की तरफ से फैसल के ड्राइवर को पैसे सौंपे थे।
सीबीआई ने स्टर्लिंग बायोटेक, उसके निदेशकों, वरिष्ठ अधिकारियों और कुछ अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। FIR के अनुसार, समूह की कंपनियों का कुल बकाया 31 दिसंबर 2016 तक 5,383 करोड़ रुपए था।