Sunday, November 17, 2024
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आतंकी अफजल गुरु की बरसी पर फिदायीन हमले की आशंका: अलर्ट जारी, घाटी में इंटरनेट बंद

पुलिस ने कहा कि प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन जेकेएलएफ से सम्बंधित संगठनों ने घाटी में आने वाले दिनों में हिंसा की घोषणा करते हुए पर्चे बाँटे हैं और वे एक गैरकानूनी संगठन के संदेशों और गतिविधियों का प्रचार कर रहे हैं।

वर्ष 2001 में संसद पर आतंकवादी हमले के आरोपित अफजल गुरु की बरसी पर जम्मू-कश्मीर में कुछ प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठनों ने बंद का ऐलान किया है, जिसके चलते घाटी में प्रशासन ने एक बार फिर से इंटरनेट व्यवस्था को बंद कर दिया है।

दरअसल यह फैसला संसद हमले के दोषी आतंकी अफजल गुरू की बरसी की वजह से सुरक्षा के मद्देनजर लिया गया है। अफजल गुरू की फाँसी की बरसी के चलते घाटी में जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) ने बंद का ऐलान किया है। यह बंद 9 फरवरी और 11 फरवरी को बुलाया गया है। 11 फरवरी को नेशनल लिबरेशन फ्रंट के संस्थापक मकबूल भट्ट की भी बरसी है, जिसके चलते 11 फरवरी को इस बंद का ऐलान किया गया है। मकबूल भट्ट को 1984 में फाँसी पर लटकाया गया था।

रविवार फरवरी 09, 2020 सुबह पुलिस ने कश्मीर में हिंसा भड़काने और कानून-व्यवस्था को बाधित करने की कोशिशों के आरोप में प्रतिबंधित संगठन जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के खिलाफ मामला दर्ज किया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा, ”पुलिस ने घाटी में हिंसा भड़काने और कानून-व्यवस्था को बाधित करने के जेकेएलएफ के प्रयासों को संज्ञान में लिया है।’’

पुलिस ने कहा कि प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन जेकेएलएफ से सम्बंधित संगठनों ने घाटी में आने वाले दिनों में हिंसा की घोषणा करते हुए पर्चे बाँटे हैं और वे एक गैरकानूनी संगठन के संदेशों और गतिविधियों का प्रचार कर रहे हैं।

ज्ञात हो कि अफजल गुरू को वर्ष 2001 में संसद पर हुए हमले का दोषी पाया गया था, जिसके बाद उसे फरवरी 09, 2013 को तिहाड़ जेल में फाँसी की सजा दी गई थी।

फिदायीन हमले की आशंका, अलर्ट जारी

जम्मू पठानकोट हाईवे पर सुरक्षा के यह बंदोबस्त खुफिया एजेंसियो के उस अलर्ट के बाद किए गए हैं, जिसमें कहा गया है, “पाकिस्तान समर्थित आतंकी 9 फरवरी के आस-पास जम्मू में फिदायीन हमला कर सकते हैं।”

केंद्र सरकार द्वारा घाटी में पिछले वर्ष आर्टिकल 370 और आर्टिकल 35ए के कुछ प्रावधानों को निरस्त कर दिया गया था, जिसके बाद घाटी के तमाम नेताओं को नजरबंद कर दिया गया। यही नहीं, जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के खिलाफ पीएसए के तहत केस दर्ज किया गया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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