अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में पूर्व महिला सांसद मुर्सल नबीजादा और उनके बॉडीगार्ड की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हमलावरों का अब तक पता नहीं चल पाया है। अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद मुर्सल नबीजादा घर छोड़कर नहीं गईं थीं। पुलिस मामले की जाँच कर रही है।
स्थानीय पुलिस के प्रमुख मोल्वी हमीदुल्लाह खालिद ने कहा है कि मुर्सल नबीजादा और उनके गार्ड की हत्या स्थानीय समयानुसार शनिवार (14 जनवरी, 2023) को सुबह 3 बजे हुई। इस हमले में, नबीजादा का भाई और एक अन्य गार्ड भी घायल हुआ है। वहीं, तीसरा सुरक्षाकर्मी रुपए और जेवरात लेकर मौके से फरार हो गया। खालिद ने यह भी कहा है कि नबीजादा अपने घर के फर्स्ट फ्लोर में मृत पाई गईं। इस फ्लोर को वह ऑफिस के रूप में उपयोग करतीं थीं। हालाँकि, जब खालिद से उनकी हत्या के संभावित कारणों को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने जवाब देने से इनकार कर दिया।
अफगानिस्तान की पूर्व सरकार में एक अधिकारी रहे अब्दुल्ला ने नबीजादा की मौत पर दुख जताते हुए उन्हें लोगों का प्रतिनिधि और सेवक बताया है। उन्होंने कहा है कि वह उम्मीद करते हैं, नबीजादा के हत्यारों को कड़ी सजा मिलेगी।
अफगानिस्तान की पूर्व सांसद मरियम सोलेमानखिल ने भी मुर्सल नबीजादा की मौत पर दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “वह एक सच्ची पथ-प्रदर्शक, एक मजबूत, मुखर महिला थीं। जो खतरे के बावजूद भी विश्वास के साथ खड़ी रहीं। अफगानिस्तान छोड़ने का मौका मिलने के बाद भी उन्होंने यहाँ रहने और अपने लोगों के लिए लड़ने का फैसला किया। हमने एक हीरा खो दिया है, लेकिन उसकी विरासत जीवित रहेगी। उनकी आत्मा को शांति मिले।”
A true trailblazer – a strong, outspoken woman who stood for what she believed in, even in the face of danger. Despite being offered the chance to leave Afghanistan, she chose to stay and fight for her people. We have lost a diamond, but her legacy will live on. Rest in peace. https://t.co/g0HjMPicl5
— Mariam Solaimankhil (@Mariamistan) January 15, 2023
यूरोपीय सांसद हन्ना न्यूमैन ने भी उनकी हत्या पर निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा है कि वह इस हत्या को लेकर दुखी और क्रोधित हैं और चाहते हैं कि यह बात पूरी दुनिया को पता चले। उन्होंने तालिबान सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा है, “मुर्सल की हत्या रात के अंधेरे में की गई लेकिन तालिबान ने दिन के उजाले में ही लैंगिक रंगभेद की अपनी प्रणाली का निर्माण किया।”
🖤 Mursal Nabizada, woman parliamentarian in #Afghanistan, was brutally killed alongside her bodyguard in her home, in #Kabul.
— Hannah Neumann (@HNeumannMEP) January 15, 2023
I am sad and angry and want the world to know! She was killed in darkness, but the #Taleban build their system of Gender Apartheid in full daylight. pic.twitter.com/7bCPYQpUZs
गौरतलब है कि मुर्सल नबीजादा साल 2019 में काबुल से सांसद बनीं थीं। तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में कब्जा करने से पहले तक वह अफगानिस्तान सरकार में संसदीय रक्षा आयोग की सदस्य थीं। उन्हें, अफगानिस्तान के लोगों के हित में खुलकर आवाज उठाने वालों के रूप में जाना जाता था।
बता दें कि अफगानिस्तान में कब्जा करने के बाद से तालिबान ने महिलाओं के काम करने, पढ़ाई करने समेत अनेक कामों में पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। यहाँ तक कि महिलाओं को घर से बाहर निकलने में भी कई प्रकार की पाबंदी झेलने पड़ रही है।