पाकिस्तान से आए दिन हिन्दू लड़कियों का अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन और फिर निक़ाह पढ़वाए जाने की ख़बरें सामने आती रहती हैं। इससे इस बात का अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार का सिलसिला अभी तक नहीं थमा है। ताज़ा मामला सिंध प्रांत के जकोबाबाद का है, जहाँ 15 जनवरी को आरोक कुमारी (महक कुमारी) का अपहरण कर लिया गया।
इसके बाद एक वीडियो सामने आया, जिसमें पता चला कि नाबालिग लड़की ने इस्लाम क़बूल कर लिया है और अली रज़ा माची नाम के मुस्लिम लड़के से निक़ाह कर लिया। डर के माहौल में जी रहे अल्पसंख्यकों के हालात का पता इस बात से ही चल जाता है कि नाबालिग ने मजबूरी वश इस बात को स्वीकार लिया कि उसने इस्लाम धर्म क़बूल कर निक़ाह कर लिया है। उसने बताया कि उसने दरगाह अमरोत शरीफ में इस्लाम क़बूल किया और अब उसका नाम ‘अलीजा’ है।
बता दें कि 9वीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा 15 जनवरी को अचानक लापता हो गई थी। इसके बाद परिजनों ने उसके लापता होने की शिक़ायत दर्ज कराई, इसमें बताया गया था कि नाबालिग को जबरन इस्लाम में परिवर्तित कर दिया गया है। वहीं, हिन्दू समुदाय ने दावा किया है कि ननकी कुमारी उर्फ़ महक कुमारी उर्फ़ आरोक कुमारी उर्फ़ अलीजा एक कम उम्र की लड़की है क्योंकि उसकी उम्र 15 वर्ष है और वह कक्षा 9वीं की छात्रा है।
हिंदू समुदाय के एक प्रतिनिधि ने कहा,
“ननकी कुमारी जिसे हम महक कुमारी कह रहे हैं, वो 15 साल की है। आज उसे लापता हुए चौथा दिन हो गया है, जकोबाबाद में उसकी गुमशुदगी को लेकर हिन्दू समुदाय चिंतित है। हर दूसरे दिन, हम सुनते हैं कि हमारी लड़कियों का अपहरण कर उन्हें इस्लाम में परिवर्तित कर दिया गया है। ऐसे काम करके मुस्लिम समुदाय हमें प्रताड़ित कर कर रहा है।”
इसके आगे उन्होंने बताया, “हम यहाँ एक अल्पसंख्यक समुदाय हैं और हमारे लिए अब यहाँ रहना लगभग असंभव हो गया है। मैंने एक सूची देखी है जिसके अनुसार, हमारे हिन्दू समुदाय की कम से कम 50 युवा लड़कियों का अपहरण कर उनका जबरन धर्म परिवर्तन करा दिया गया है।”
उन्होंने अपना दर्द बयाँ करते हुए कहा,
“अगर इस तरह के मामले होते रहेंगे, तो हमारे हिन्दू समुदाय को हमारे घरों, हमारे व्यवसायों और इस देश को छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। मैंने मुख्य न्यायाधीश, सेना प्रमुख और प्रधानमंत्री से संसद और विधानसभाओं में हिन्दू नाबालिग लड़कियों के जबरन धर्मांतरण के मामले को उठाने और हमें सुरक्षा देने का आग्रह किया है, जिससे हम यहाँ शांति के साथ अपना जीवन जी सकें।”
सोशल मीडिया पर इस मामले की घोर निंदा हो रही है। सवाल पूछे जा रहे हैं कि जो लोग नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं, क्या इस तरह की घटना जानने के बाद भी वो अपना विरोध-प्रदर्शन जारी रखेंगे?
14 years old Hindu girl kidnapped in Jacobabad Pakistan, forcibly converted to Islam and married to the kidnapper who’s 28 years old, has two previous wives and is daily wage Rs 300 labourer.
— Imtiaz Mahmood (@ImtiazMadmood) January 19, 2020
Now tell me why CAA is wrong at any fucking level?
ख़बर के अनुसार, ऑल पाकिस्तान हिंदू पंचायत (APHP), नाम का एक संगठन है जो पाकिस्तान के अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय के मुद्दों का समाधान करता है। उसके मुताबिक़, वो इस मामले पर बारीकी से काम कर रहा है। APHP के एक सदस्य ने कहा, “किडनैपर अली रज़ा माची 28 साल का है। वो दो बार निक़ाह कर चुका है। कुछ समय पहले उसने अपनी पहली बीवी को छोड़ दिया। उसके (अली रज़ा माची) चार बच्चे हैं।”
APHP के महासचिव रवि दवानी ने अपने एक बयान में कहा, “APHP और जकोबाबाद पंचायत ने पारस्परिक रूप से फ़ैसला किया है कि इस मामले पर कोई भी FIR दर्ज न की जाए और इसे अलग तरीके से हल करने की कोशिश की जाए।”
इस बीच, जकोबाबाद पुलिस ने बताया कि उन्होंने अली रज़ा के चाचा, कुछ चचेरे भाई और परिवार के अन्य सदस्यों को गिरफ़्तार कर लिया है, लेकिन हिन्दू लड़की और अली रज़ा का कुछ पता नहीं चल सका है। पुलिस ने APHP जकोबाबाद प्रमुख लालचंद और अन्य पंचायत सदस्यों के साथ इस बात के लिए आपस में करार किया है कि वो इस घटना में शामिल लोगों को जल्द ही गिरफ़्तार करेंगे।
पिछले साल पाकिस्तान की ननकाना साहिब में एक सिख लड़की का अपहरण कर उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया था। लड़की के परिवार ने आरोप लगाया था कि इस्लाम में परिवर्तित होने के बाद उसे एक मुस्लिम से निक़ाह करने मजबूर किया गया था। इसी तरह के एक अन्य प्रकरण में, एक पाकिस्तानी ईसाई लड़की, जिसकी पहचान हुमा मसीह के रूप में हुई थी, उसका कथित तौर पर अपहरण कर लिया गया और फिर उसे इस्लाम में परिवर्तित कर दिया गया था।
‘मैं महक केसवानी अब बन गई हूँ महक फातिमा, अपनी मर्जी से अपनाया इस्लाम’ – पाकिस्तान से आया Video
अगवा सिख लड़की पहुँची घर, हाफ़िज़ सईद के आतंकी संगठन के मो. हसन से करवाया गया था निकाह