कुछ दिनों पहले अमेरिका में एक हिन्दू मंदिर में हुई तोड़-फोड़ की ख़बर आई। यह घटना अमेरिका के केंटकी राज्य की है। इस घटना में भगवान की मूर्ति पर काला पेंट छिड़का गया, साथ ही मुख्य सभा में रखी हुई कुर्सियों पर चाकू भी गोदा गया।
यह घटना संभवतः रविवार से मंगलवार के बीच हुई है। घटना लुइविले शहर में स्थित स्वामीनायारण मंदिर में घटी। वहाँ की स्थानीय मीडिया से मिली ख़बर के अनुसार इस घटना के दौरान मंदिर में तोड़-फोड़ के अलावे भगवान की मूर्ति पर काला पेंट भी डाला गया। मंदिर की खिड़कियाँ तोड़ी गई और दीवारों पर संदेश (Jesus Is the only lord) के साथ कई चित्र भी बनाए गए।
इस मामले को वहाँ के अधिकारियों ने घृणा अपराध मानकर जाँच शुरू कर दी है। इस घटना की निंदा करते हुए लुइविले के मेयर ग्रेग फिशर ने शहर के सभी निवासियों से अपराध के ख़िलाफ़ खड़े होने की अपील की है।
अमेरीका में हुई यह घटना बेहद शर्मनाक है। लेकिन ऐसा नहीं है कि यह काम सिर्फ़ अमेरिका में ही होता है। भारत में ऐसी घटनाएँ अक्सर सुनाई पड़ती हैं। जब हमारे देश के ही लोग एक दूसरे के धर्म की इज्ज़त करने से कतराते हैं तो विदेश के लोगों से क्या उम्मीद की जाए, जिन्हें न हमारी भावनाओं की कदर है और न ही हमारी सभ्यता और संस्कृति की पहचान है।
साल 2016 में जहाँ जम्मू में मंदिर की तोड़-फोड़ की ख़बरें आईं थी, वहीं 2018 में भी यह सिलसिला थमा नहीं और पश्चिम बंगाल के हावड़ा में हिन्दू मंदिर में तोड़-फोड़ की आई। इसमें कुछ बदमाशों द्वारा नाली में भगवा झंडा फेंका गया और साथ में मंदिर की त्रिशूल भी तोड़ी गई। इसके अलावा अभी हाल ही में यूपी में विशेष समुदाय के एक शख़्स ने अल्लाह का हुकूम बताते हुए हनुमान की मूर्ति को खंडित कर दिया था।