Sunday, November 17, 2024
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अफगानिस्तान के 2 प्राइमरी स्कूल में छात्राओं को दिया जहर, अस्पताल में 80 बच्ची एडमिट: तालिबानी राज में लड़कियों के कक्षा 6 से आगे की पढ़ाई पर है प्रतिबंध

अगस्त 2021 से अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान काबिज है। उसके बाद से लगातार औरतों के अधिकार और उनकी स्वतंत्रता का दमन किया गया है। लड़कियों की छठी से आगे की पढ़ाई पर प्रतिबंध है। लेकिन स्कूली छात्राओं को जहर देने की यह पहली घटना है।

अफगानिस्तान के दो स्कूलों में छात्राओं को जहर देने की घटना सामने आई है। इसके बाद प्राथमिक स्कूलों की करीब 80 लड़कियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना 3 और 4 जून 2023 की है। शिक्षा विभाग के प्रांतीय प्रमुख ने इसकी जानकारी दी है।

उत्तरी अफगानिस्तान के सर-ए-पुल प्रांत के संगचरक जिले में ये दोनों स्कूल हैं। नसवान-ए-कबोद आब स्कूल में 60 छात्राओं को और नसवान-ए-फैजाबाद स्कूल में 17 छात्राओं को जहर दिया गया है। शिक्षा विभाग के प्रांतीय प्रमुख मोहम्मद रहमानी ने न्यूज एजेंसी एपी को बताया कि दोनों स्कूल आसपास ही हैं और एक के बाद एक इनको निशाना बनाया गया। घटना के बाद छात्राओं को अस्पताल ले जाया और अब वे ठीक हैं।

रहमानी के मुताबिक घटना की विभागीय जाँच चल रही है। शुरुआती पूछताछ से पता चला है कि किसी ने द्वेष में इन घटनाओं को अंजाम दिया है। हालाँकि ऐसे करने वाले के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। न ही यह स्पष्ट है कि छात्राओं को किस तरह का जहर दिया गया था। पीड़ित छात्राओं की उम्र के बारे में भी नहीं बताया गया है। रहमानी ने केवल इतना बताया है कि पीड़ित छात्राएँ कक्षा एक से छह की हैं।

गौरतलब है कि अगस्त 2021 से अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान काबिज है। उसके बाद से लगातार औरतों के अधिकार और उनकी स्वतंत्रता का दमन किया गया है। लड़कियों की छठी से आगे की पढ़ाई पर प्रतिबंध है। लेकिन स्कूली छात्राओं को जहर देने की यह पहली घटना है। वैसे 2015 में अफगानिस्तान के हेरात प्रांत में स्कूल की 600 बच्चियों को जहर देने की घटना हुई थी। उस समय कई मानवाधिकार संगठनों ने इसके लिए तालिबान को ही जिम्मेदार बताया था।

बीते साल नवंबर में अफगानिस्तान के पड़ोसी देश ईरान में भी इस तरह की घटना हुई थी। कई स्कूलों में लड़कियों को जहर दिया गया था। हजारों छात्राओं ने बताया था कि वे इन घटनाओं में जहरीले धुएं से बीमार हो गई थीं। लेकिन यह बात कभी सामने नहीं आई कि इन हमलों के पीछे कौन थे या फिर इन्हें अंजाम देने के लिए किस तरह के केमिकल्स का इस्तेमाल किया गया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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