Sunday, November 17, 2024
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अमेरिका समर्थित अफगान सरकार में चरम पर था भ्रष्टाचार, सैनिकों की विधवाओं को पेंशन पाने के लिए बनाने पड़ते थे यौन संबंध: रिपोर्ट

इसमें कहा गया है, "भ्रष्टाचार की रिपोर्ट्स व्यापक और विविध रही हैं, जिनमें नशीली दवाओं के व्यापार में भागीदारी, जबरन वसूली, पद के लिए भुगतान, रिश्वतखोरी, भूमि हथियाने, अमेरिका व नाटो द्वारा आपूर्ति किए गए उपकरणों की बिक्री आदि तक शामिल हैं।''

तालिबानी शासकों के अफगानिस्तान की सत्ता पर फिर से काबिज होने के बाद अफगान नागरिक आतंक के साए में जी रहे हैं। इसी बीच यह खबर सामने आई है कि अमेरिका समर्थित सरकार के अधीन अफगान सैनिकों की विधवाओं को पेंशन पाने के लिए यौन संबंध बनाने पड़े थे।

पत्रकार माइकल ट्रेसी की रिपोर्ट के अनुसार, अपने पतियों की पेंशन पाने के लिए अफगान सैनिकों की विधवाओं को यौन संबंध बनाने पड़े थे। उन्होंने 2017 में एक सरकारी अधिकारी द्वारा की गई टिप्पणियों का हवाला देते हुए यह बात कही। इस दौरान अफगानिस्तान पुनर्निर्माण को लेकर विशेष महानिरीक्षक (एसआईजीएआर) जॉन एफ सोपको ने कई सवाल उठाये थे।

सरकारी अधिकारी को चार साल पहले कह रहे थे, “एक अमेरिकी अधिकारी ने यह जानने के लिए COPS और NCIS जैसे टीवी शो देखे कि उसे अफगान पुलिस रंगरूटों को क्या सिखाना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा, “हमने अफगान सैनिकों की विधवाओं के बारे में भयावह किस्से सुने हैं। जैसे उन्हें पेंशन पाने के लिए कैसे पहले यौन संबंध बनाना पड़ा।”

जॉन सोपको ने आगे कहा, “क्या कोई अमेरिकी इसके साथ खड़ा होगा? इसलिए हम अफगान लोगों का दिल और दिमाग जीतने की कोशिश कर रहे हैं। हमें सबसे पहले अफगान सैनिकों का दिल और दिमाग जीतना है।”

उस वर्ष Sopko की रिपोर्ट ने अमेरिका समर्थित सत्तारूढ़ शासन में व्यापक भ्रष्टाचार को उजागर किया था। रिपोर्ट में कहा गया था, “एएनडीएसएफ नेताओं द्वारा किए कुछ उच्चस्तरीय भ्रष्टाचार से निचले स्तर पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने की संभावना है, क्योंकि बचाव की संस्कृति शीर्ष से शुरू होती है और फिर पूरे सिस्टम के भीतर भ्रष्टाचार को सामान्य करती है।” इस तरह साल 2017 में यह पता चला था कि पूरे अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा बलों में भ्रष्टाचार अपने चरम पर था।

इसमें कहा गया है, “भ्रष्टाचार की रिपोर्ट्स व्यापक और विविध रही हैं, जिनमें नशीली दवाओं के व्यापार में भागीदारी, जबरन वसूली, पद के लिए भुगतान, रिश्वतखोरी, भूमि हथियाने, अमेरिका व नाटो द्वारा आपूर्ति किए गए उपकरणों की बिक्री आदि तक शामिल हैं।”

SIGAR ने अपनी ताजा रिपोर्ट में उन सभी बातों का उल्लेख किया है, जो अमेरिका को अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण के 20 वर्षों के संघर्ष से सीखना चाहिए। उनमें शामिल हैं, “बहुत महँगा है। उदाहरण के लिए पिछले दो दशकों में अफगानिस्तान, इराक और पाकिस्तान में अमेरिका के युद्ध संबंधी सभी लागत 6.4 ट्रिलियन डॉलर होने का अनुमान है।

इस महीने की शुरुआत में जारी ताजा रिपोर्ट में यह भी कहा गया है, “यह बड़े पैमाने पर कहा जाता है कि वे बेहद खराब तरीके से चलते हैं, अमेरिकी अधिकारियों को उनके पीछे जाने से नहीं रोका गया।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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