अफगानिस्तान में तालिबान शासन शुरू होने के साथ ही पिछली सरकार के समर्थकों और अधिकारियों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। इसको लेकर अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था ‘ह्यूमन राइट्स वॉच’ ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें कहा किया गया है कि अफगानिस्तान में तालिबान ने पिछली सरकार के 100 से अधिक अधिकारियों और सैनिकों की या तो हत्या कर दी या उन्हें गायब कर दिया। इस रिपोर्ट के बाद अफगानिस्तान की तालिबान सरकार पर पश्चिमी देशों ने कड़ा रुख अपनाते हुए तालिबान को चेतावनी दी है।
क्या कहती है ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट
ह्यूमन राइट्स वॉच ने 30 नवंबर 2021 को अफगानिस्तान में मानवाधिकार पर अपनी रिपोर्ट जारी की थी। 25 पन्नों की इस रिपोर्ट में ‘ह्यूमन राइट्स वॉच’ ने दावा किया है कि अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा करने के साथ ही तालिबान के लड़ाकों ने अब तक 100 से अधिक पूर्व अधिकारियों की या तो हत्या कर दी या फिर उन्हें गायब कर दिया है। पिछली सरकार में कार्यरत रहे आर्म्ड फोर्सेज के जवानों द्वारा तालिबानी लड़ाकों से माफी माँगने के बाद भी उनके खिलाफ लगातार एक्शन लिया जा रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, किन-किन लोगों को टार्गेट करना है, इसके लिए तालिबानी लड़ाके पिछली सरकार के रोजगार रिकॉर्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहाँ के हालात इतने बुरे हैं कि पिछली सरकार से जुड़ा कोई भी व्यक्ति खुद को सुरक्षित नहीं मान रहा है। यही नहीं, नंगरहार में आईएसआईएस का समर्थन करने वालों पर भी हमले किए जा रहे हैं।
यूरोपीय देशों का कड़ा रुख
तालिबान की इस हरकत पर यूरोपीय यूनियन और अन्य पश्चिमी देशों ने भी कड़ा रुख अपनाते हुए अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को कड़ी चेतावनी दी है और कहा है कि इन मामलों की जाँच होनी चाहिए। इन देशों ने तालिबान से स्पष्टीकरण भी माँगा है। चेतावनी देते हुए इन देशों ने कहा कि हत्याओं पर तुरंत रोक नहीं लगाई गई तो वे कार्रवाई करने के लिए मजबूर होंगे।
अमेरिका और यूरोपीय यूनियन के साथ 21 देशों ने ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी कर कहा, “हम रेखांकित करते हैं कि कथित कार्रवाइयाँ गंभीर मानवाधिकारों के हनन को दिखाती हैं और तालिबान की घोषित माफी का खंडन करती हैं। हम तालिबान से अफगान सुरक्षा बलों के पूर्व सदस्यों और पूर्व सरकारी अधिकारियों के लिए माफी को प्रभावी ढंग से लागू करने का आह्वान करते हैं।”
जिन देशों ने ये बयान जारी किया है उनमें अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, कनाडा, डेनमार्क, यूरोपीय संघ, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, जापान, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, उत्तरी मैसेडोनिया, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, स्पेन, स्वीडन, स्विट्ज़रलैंड, यूनाइटेड किंगडम और यूक्रेन शामिल हैं।