Saturday, November 16, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयटीवी को 'मौत की सजा' के बाद तालिबान ने कपड़े की दुकानों में लगे...

टीवी को ‘मौत की सजा’ के बाद तालिबान ने कपड़े की दुकानों में लगे पुतलों का ‘सिर कलम’ करने का दिया आदेश, बताया इस्लाम के खिलाफ

तालिबान ने पहले इन पुतलों को हटाने के आदेश दिया था, लेकिन दुकानदारों ने गुहार लगाई कि इस आदेश से उनका छोटा-मोटा व्यवसाय भी बर्बाद हो जाएगा। इसके बाद तालिबान के संबंधी वजीर ने पुतलों के सिर कलम का आदेश दिया।

अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) ने जब से कब्जा किया है तभी से वो मानवाधिकारों के उल्लंघन के साथ ही साथ अजीबो-गरीब फैसलों के कारण चर्चा में आ रहा है। महिलाओं पर प्रतिबंध लगाने वाले तालिबान ने हाल में निर्जीव हारमोनियम तक को नहीं बख्शा इसी क्रम में अब तालिबान ने कपड़ों के दुकानों पर लगाए जाने वाले पुतलों (Mannequins) का सिर कलम (Beheading) करने का आदेश दिया है। तालिबान का कहना है कि बुत इस्लाम के खिलाफ है।

रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान ने यह आदेश अफगानिस्तान के पश्चिमी हेरात में व्यापारियों को दिए हैं। तालिबान ने कहा है कि इस्लाम में बुतपरस्ती सबसे बड़ा गुनाह है और ये पुतले मूर्तियाँ हैं। यह आदेश हेरात में प्रोपेगेशन ऑफ वर्च्यू एंड प्रिवेंशन ऑफ वाइस के लिए बनाए गए मंत्रालय ने जारी किया है। पहले तो तालिबान ने इन सभी पुतलों को पूरी तरह से दुकानों से हटाने का आदेश दिया था, लेकिन बाद में उसने इन पुतलों के सिर कलम करने का आदेश दिया।

दरअसल, दुकानदारों ने गुहार लगाई थी कि तालिबान के इस आदेश से उनका छोटा-मोटा व्यवसाय भी नष्ट हो जाएगा। इसके बाद मंत्रालय के प्रमुख शेख अजीज-उर-रहमान ने पुतलों के सिर कलम का आदेश दिया। हालाँकि, अभी भी दुकानदारों का कहना है कि एक पुतले की कीमत 70 से 100 डॉलर (5,215 से 7,451 रुपए) हैं, इसलिए सिर काटने से उनका नुकसान होगा।

अफगान दुकानदार मोहम्मद यूसुफ ने तालिबान को लेकर कहा, “तालिबान नहीं बदला है। एक बार फिर प्रतिबंध होंगे”। यूसुफ के मुताबिक, अभी तक तालिबान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता नहीं मिली है, लेकिन इसे मान्यता मिल जाती है तो ये और भी कड़े नियम लागू करेंगे।

टीवी को दी थी मौत की सजा

तालिबानी राज में टीवी और हारमोनियम भी सुरक्षित नहीं हैं। हाल ही में तालिबान ने अल्लाह-हू-अकबर का नारा लगाते हुए पत्थर से हारमोनियम को कूच दिया था। इसी तरह से तालिबान लड़ाकों ने टीवी को मौत की सजा सुनाते हुए उसे भी तोड़ दिया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

Kuldeep Singh
Kuldeep Singh
हिन्दी पत्रकारिता के क्षेत्र में करीब आधे दशक से सक्रिय हूँ। नवभारत, लोकमत और ग्रामसभा मेल जैसे समाचार पत्रों में काम करने के अनुभव के साथ ही न्यूज मोबाइल ऐप वे2न्यूज व मोबाइल न्यूज 24 और अब ऑपइंडिया नया ठिकाना है।

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिनके पति का हुआ निधन, उनको कहा – मुस्लिम से निकाह करो, धर्मांतरण के लिए प्रोफेसर ने ही दी रेप की धमकी: जामिया में...

'कॉल फॉर जस्टिस' की रिपोर्ट में भेदभाव से जुड़े इन 27 मामलों में कई घटनाएँ गैर मुस्लिमों के धर्मांतरण या धर्मांतरण के लिए डाले गए दबाव से ही जुड़े हैं।

‘गालीबाज’ देवदत्त पटनायक का संस्कृति मंत्रालय वाला सेमिनार कैंसिल: पहले बनाया गया था मेहमान, विरोध के बाद पलटा फैसला

साहित्य अकादमी ने देवदत्त पटनायक को भारतीय पुराणों पर सेमिनार के उद्घाटन भाषण के लिए आमंत्रित किया था, जिसका महिलाओं को गालियाँ देने का लंबा अतीत रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -