Monday, December 23, 2024
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तुर्की तक पहुँचा ईरान का हिजाब विरोधी प्रदर्शन, महिला सिंगर ने स्टेज पर ही काट डाले बाल: उधर पूर्व राष्ट्रपति की बेटी हुई गिरफ्तार

हाशमी के पिता अली अकबर हाशमी रफसंजानी ईरान में इस्लामी शासन की स्थापना करने वाले लोगों में शामिल रहे हैं। वे ईरान के दो बार राष्ट्रपति रहे। अली अकबर की साल 2017 में निधन हो चुका है।

हिजाब को उतार फेंक अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर उतरने वाली ईरान (Anti-Hijab Protest in Iran) की महिलाओं के खिलाफ वहाँ की इस्लामी सरकार बर्बरतापूर्वक व्यवहार कर रही है। हालाँकि, महिलाएँ भी किसी कीमत पर पीछे हटने को तैयार नहीं है और शरिया कानून का सार्वजनिक रूप से बहिष्कार कर रही हैं।

पूरे ईरान में जारी महिलाओं के प्रदर्शन के बीच वहाँ की पुलिस ने पूर्व राष्ट्रपति अली अकबर हाशमी रफसंजानी (Ali Akbar Hashemi Rafsanjani) की बेटी फाजेह हाशमी (Faezeh Hashemi) को गिरफ्तार कर लिया है। फाजेह पर आरोप लगाया गया है कि वह ईरान की राजधानी तेहरान में महिला प्रदर्शनकारियों को उकसा रही हैं।

वहीं, हिजाब को लेकर ईरान की महिलाओं के समर्थन में तुर्की की प्रसिद्ध गायिका मलेक मोस्सो (Melek Mosso) ने एक स्टेज शो के दौरान सार्वजनिक रूप से अपने बाल को काट दिया। आज बाल मुस्लिम महिलाओं की आजादी का प्रतीक बन गया है।

हिजाब के खिलाफ संघर्ष में ईरान की महिलाओं को दुनिया भर से समर्थन मिल रहा है। इसमें समाज के उच्च तबके से लेकर निचले पायदान के लोग भी शामिल है। दुनिया भर के लोग अलग-अलग तरीकों से ईरानी महिलाओं के प्रति समर्थन जता रहे हैं।

बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति की बेटी ईरान की नीतियों की आलोचक रही हैं। उन्हें साल 2009 में विरोध प्रदर्शन के बाद गिरफ्तार किया गया था। उसी साल उन्हें बेअदबी और सरकार के खिलाफ काम करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन पर पैगंबर मुहम्मद का अपमान करने का भी आरोप लगाया गया था।

हाशमी के पिता अली अकबर हाशमी रफसंजानी ईरान में इस्लामी शासन की स्थापना करने वाले लोगों में शामिल रहे हैं। वे ईरान के दो बार राष्ट्रपति रहे। अली अकबर की साल 2017 में निधन हो चुका है।

गौरतलब है कि ईरान में 13 सितंबर 2022 को हिजाब न पहनने की वजह से महसा अमीनी को मोरल पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उन्हेें पीट-पीट कर कोमा में पहुँचा दिया गया था। गिरफ्तारी के दिन बाद यानी 16 सितंबर को महसा की मौत हो गई थी। इसके बाद से ईरान में सरकार विरोधी प्रदर्शन शुरू हुए, जो कि सरकार की दमनकारी नीतियों के कारण हिंसक होते चले गए।

ईरान के लगभग हर शहर में महिलाएँ मोरल पुलिसिंग और हिजाब कानून के खिलाफ सड़कों पर उतर गई हैं। ईरान में महिलाएँ सरकार के लिए मुश्किल का सबसे बड़ा सबब बन गई हैं। न तो वो हिजाब पहनने को तैयार हैं और न ही बाल ढँकने को तैयार हैं। इसी तरह प्रदर्शन करने वाली एक युवती को वहाँ की पुलिस ने 6 गोलियाँ दाग दीं। उस युवती की मौत के बाद आंदोलन और उग्र हो गया है।

हिजाब विरोधी प्रदर्शन से ईरान में अब तक चार महिलाओं समेत करीब 76 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रदर्शनों से घबराई इब्राहिम रईसी सरकार दमन पर उतारू है। कट्टरपंथी इस्लामिक विचारधारा वाली सरकार ने कुछ दिन पहले ईरान में इंटरनेट भी बंद कर दिया था। इसके कारण वहाँ से काफी कम जानकारी सामने आ रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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