बांग्लादेश ने रोहिंग्याओं को शरण देने से मना कर दिया है। वहाँ के नेताओं ने कहा है कि म्यामांर के रास्ते वो अब ज्यादा मात्रा में रोहिंग्याओं को बांग्लादेश की सीमा में नहीं आने देंगे क्योंकि इन लोगों के आने से देश की सुरक्षा में खतरा पैदा हो गया है।
बांग्लादेश के सड़क परिवहन और पुल मंत्री ओबैदुल कादिर ने बुधवार (7 फरवरी 2023) को पत्रकारों से कहा, “हम किसी और रोहिंग्या को देश में प्रवेश करने की अनुमति नहीं देंगे… वे पहले ही हमारे लिए बोझ बन चुके हैं।” उन्होंने बताया कि देश को मिलने वाली विदेशी सहायता पहले ही कम हो चुकी है ऐसे में उन लोगों को समर्थन कैसे दिया जाएगा।
#FPWorld: Bangladesh declared that it will no longer accept the large number of Rohingya refugees from Myanmar into its borders, citing security concerns.
— Firstpost (@firstpost) February 7, 2024
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इसी तरह बांग्लादेश के शरणार्थी राहत और प्रत्यावर्तन आयुक्त मोहम्मद मिजानुर रहमान ने कहा कि म्यांमार में जुंटा शासन व विद्रोहियों के बीच जारी जंग के बीच सैकड़ों लोग बांग्लादेश में प्रवेश करने के लिए म्यांमार की सीमा पर एकत्रित हैं। इनमें ज्यादातर चकमा समुदाय के लोग और रोहिंग्या हैं।
उन्होंने कहा, “बांग्लादेश पहले ही रोहिंग्याओं के अत्यधिक बोझ से दबा हुआ है। 7 साल हो गए हैं और अभी तक जो रोहिंग्या पहले से बांग्लादेश में हैं उन्हें उनकी सीमा में नहीं भेजा जा चुका है। अब ये लोग हमारे लिए, हमारी सुरक्षा के लिए खतरा बन गए हैं।”
बता दें कि बांग्लादेश का रोहिंग्याओं पर ऐसा बयान तब आया है जब भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर भी वहाँ के दौरे पर थे। एस जयशंकर से मिलने के बाद बांग्लादेश के विदेश मंत्री हसन महमूद ने कहा, “हमने बहुत अच्छी चर्चा की। हमने तमाम मुद्दों समेत क्रॉस बॉर्डर मुद्दे, रोहिंग्या मुद्दे, सुरक्षा मुद्दे समेत कई मुद्दों पर बात की।”
#WATCH | Delhi: On his meetings with EAM Dr S Jaishankar, Bangladesh Foreign Minister Hasan Mahmud says, "We had a very good discussion. We discussed all the issues including cross-border issues, Rohingya issues, security issues, powersharing and connectivity issues. We discussed… pic.twitter.com/FddaC96lX6
— ANI (@ANI) February 7, 2024
मालूम रहे कि रोहिंग्याओं की संदिग्ध गतिविधियाँ भारत में भी कम नहीं हैं। कुछ साल पहले खबर आई थी कि बांग्लादेश से एक नाव में भरकर 66 रोहिंग्या अंडमान आए थे। पुलिस ने जानकारी होते ही सबको हिरासत में लिया। इनमें 24 पुरुष, 27 औरतें और 15 बच्चे थे। पुलिस ने फौरन उन सबको वापस भेजने की व्यवस्था हुई।