अमेरिकी सुपरमॉडल बेला हदीद ने फलस्तीन का समर्थन का समर्थन करते हुए इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट डाल विवाद खड़ा कर दिया है। इसमें कहा गया है कि ‘इजरायल देश नहीं’ है। इंस्टाग्राम पर 4.2 करोड़ फॉलोअर्स वाली बेला ने बुधवार (12 मई 2021) को कॉर्टूनों की एक सीरीज शेयर की, जिसमें इजरायल को ‘कब्जा करने वाला’ और फलस्तीन को ‘पीड़ित’ बताया गया है।
ऐतिहासिक अशुद्धियों से भरी और यहूदी विरोधी इस पोस्ट को बेला की बड़ी बहन गिगी ने भी लाइक किया, जिनके इंस्टाग्राम पर 6.6 करोड़ फॉलोअर्स हैं। 24 वर्षीय बेला और 26 वर्षीय गिगी फलस्तीन के प्रति समर्थन को लेकर काफी मुखर रही हैं। इसके लिए कई मार्च और विरोध-प्रदर्शनों में भी हिस्सा ले चुकी हैं।
बेला हदीद की ये पोस्ट ऐसे में सामने आई है जब गुरुवार (13 मई) को इजरायल ने गाजा पट्टी में कड़ी सैन्य कार्रवाई करते हुए हमास के 11 शीर्ष आतंकियों को ढेर कर दिया। बेला और गिगी के 72 वर्षीय पिता मोहम्मद हदीद एक फलस्तीनी हैं। उनका जन्म नवंबर 1948 में नाजारेथ में हुआ था। उनके जन्म के चार महीने पहले ही नाजारेथ पर इजरायली सेना ने अधिकार जमा लिया था। मोहम्मद का परिवार इसके बाद सीरिया भाग गया था और अंत में अमेरिका में बस गया। उनके पास जॉर्डन और अमेरिकी नागरिकता है।
गलत जानकारियों से भरे कॉर्टून
बेला हदीद ने इंस्टाग्राम पर कॉर्टून के जरिए इजरायल–फलस्तीन के इतिहास पर जानकारी देने की कोशिश की है। लेकिन इन कॉर्टूनों में भयंकर ऐतिहासिक गलतियाँ हैं। उदाहरण के तौर पर बेला द्वारा शेयर एक कॉर्टून में इजरायल को एक उपनिवेश के रूप में वर्णित किया गया है जो कि गलत है, क्योंकि यहूदी लोग सदियों से इस क्षेत्र में थे।
इजरायल पर ‘जातीय सफाया’ और ‘सैन्य कब्जे’ करने का भी उनका आरोप गलत है, क्योंकि संयुक्त राष्ट्र की देखरेख में यहाँ सीमाओं का पुनर्विकास किया गया था। साथ ही वह इस क्षेत्र में संघर्ष की वजह धार्मिक बताने को लेकर भी गलत हैं, क्योंकि इजरायल और फलस्तीन अपने-अपने नेताओं को चुनने और अपने नियमों के तहत जीने के लिए स्वतंत्र हैं।
झूठ फैला सोशल मीडिया में घिरीं
इजरायल के खिलाफ अपनी इस पोस्ट को लेकर बेला हदीद सोशल मीडिया में आलोचकों के निशाने पर आ गईं। एक महिला ने लिखा, “आप ऐसे बोलती हैं जैसे आप जानती हैं कि आप किस बारे में बात कर रही हैं। पहले अपनी जानकारी बढ़ाइए।” एक ने लिखा, “बहुत सारी तथ्यात्मक गलत बातें।” एक अन्य ने बेला से कहा, “जाइए किताब पढ़िए।” एक अन्य ने कहा, “झूठ”।
एक यूजर ने कहा, “यह पूरी तरह पक्षपातपूर्ण है।” एक अन्य ने कहा, “अपने भाइयों और बहनों के लिए कोई वास्तविक परिवर्तन करने के बजाय यह यहूदियों को शर्मिंदा करने के एक तरीके की तरह लगता है।”