ब्रिटेन के लीवरपुल शहर में एक अस्पताल के बाहर कार में हुए बम ब्लास्ट मामले में पुलिस ने 4 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। इस आतंकी हमले में सिर्फ एक की मौत हुई है और वो भी आत्मघाती हमलावर इमाद अल-स्वैलमिन की। एक अन्य शख्स (टैक्सी ड्राइवर) घायल हुआ है। पुलिस ने विस्फोट को आतंकवादी हमला घोषित कर दिया है। आतंकवाद संबंधी कानून के तहत ही संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।
बता दें कि अस्पताल के बाहर हुए बम ब्लास्ट के बाद मालूम चला कि जिस कार में विस्फोट हुआ, वह गाड़ी एक टैक्सी थी जिसे कुछ देर पहले अस्पताल के बाहर लाया गया था। हालाँकि बाद की जाँच में यह सामने आया कि आत्मघाती हमलावर को टैक्सी ड्राइवर (डेविड पेरी) ने असलियत जानने के बाद गाड़ी में बंद कर दिया था वरना उसका प्लान तो एक चर्च के पास विस्फोट करने का था।
La policía antiterrorista detiene a 3 personas tras la explosión de un vehículo frente a un hospital y que ha dejado 1 muerto en #Liverpool . #liverpoolwomenshospital #Terrorists #ReinoUnido #Kensington #uk #Terrorismo pic.twitter.com/QqrrUOeUdJ
— AUSTROHÚNGARO (@AUSTROHNGARO2) November 14, 2021
डेविड पेरी नामक टैक्सी ड्राइवर ने आत्मघाती हमलावर के पास विस्फोटक देखने के बाद हिम्मत दिखाते हुए उसे कार में लॉक किया था। डेलीमेल की रिपोर्ट के अनुसार, डेविड से आतंकी ने लीवरपूल की पॉपी डे परेड में ले जाने को कहा था। लेकिन उन्होंने जब आतंकी के पास विस्फोटक देखा तो उसे कार में ही वहीं बंद कर दिया। इस हमले में डेविड पेरी घायल हो गए, लेकिन चंद टाँकों के बाद अब वो सुरक्षित अपने घर पर हैं।
जानकारी के मुताबिक पेरी से पहले लीवरपूल के बड़े चर्च में चलने को कहा गया लेकिन बाद में मूड बदला तो लीवरपूल के महिला अस्पताल के पास गाड़ी रोकने को कहा। इसके बाद जब आत्मघाती हमलावर गाड़ी से उतरने लगा तो डेविड ने उसके कपड़ों पर विस्फोटक बंधा हुआ देखा और यह देख वह तुरंत समझ गया कि आखिर ये शख्स कौन है। उसने आतंकी को कार में बंद किया। जिसके बाद कार के भीतर विस्फोट हुआ।
बताया जा रहा है कि आत्मघाती हमलावर एक ऐसे समारोह में हमला करने की फिराक में था जहाँ 2000 से अधिक सैन्य कर्मी, दिग्गज, नागरिक गणमान्य इकट्ठा होने थे। ये समारोह चर्च में था। लेकिन टैक्सी ड्राइवर की सूझबूझ के कारण एक बड़ी घटना होने से रुक गई। अब पुलिस ने जिन संदिग्धों को पकड़ा है वो 21 से 29 साल के लड़के हैं। पुलिस जरूरी पूछताछ कर रही है।
इमाद अल-स्वैलमिन (Emad Al Swealmeen) कौन?
इमाद अल-स्वैलमिन को इंग्लैंड में उसके दोस्त और जान-पहचान वाले ‘एंज़ो अल्मेनी’ के रूप में जानते थे। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार वो 2017 में इस्लाम को त्याग कर ईसाई धर्म में परिवर्तित हो गया था। लेकिन यह उसकी एक चालाकी भर थी। ऐसा इसलिए क्योंकि 2014 में शरणार्थी बनने का उसका आवेदन निरस्त कर दिया गया था। नाम और धर्म बदल कर उसने 2017 में आखिरकार इंग्लैंड में शरण ले ही ली। इरादा क्या था, वो आत्मघाती हमलावर बन कर मरने से शायद स्पष्ट है।
उसने शादी भी कर ली थी। पत्नी का नाम है मैरियन हिचकॉट, जो एक ईसाई हैं। इस आतंकी घटना के बाद मैरियन ने मीडिया को बताया, “विस्फोट से स्तब्ध हूँ, हम सब बहुत दुखी हैं… हम सब बस उससे प्यार करते थे, वह एक प्यारा लड़का था।”