एक समय ‘ब्रिटिश एयरवेज’ की पहचान थी कर्मचारियों के यूनिफॉर्म को लेकर उसके सख्त नियम-कानूनों के कारण लेकिन अब उसने इसमें बदलाव किया है। 20 साल बाद हुए बदलाव में ‘ब्रिटिश एयरवेज’ ने अपनी महिला कर्मचारियों को हिजाब पहनने की अनुमति दे दी है। इससे पहले ‘वर्जिन अटलांटिक एयरवेज लिमिटेड’ ने अपने पुरुष कर्मचारियों को स्कर्ट और महिला कर्मचारियों को पजामा पहनने की अनुमति देते हुए नया नियम बनाया था।
डिजाइनर ओजवाल्ड बोटंग ने महिला कर्मचारियों के लिए हिजाब और ट्यूनिक ड्रेस भी डिजाइन किया है। हालाँकि, पेज पर डिजाइन बनाने से लेकर फैसले लेने और इसे वास्तविकता में बदलने में करीब 5 साल लग गए। बीच में 2 साल कोरोना वायरस महामारी के कारन नियमों में बदलाव नहीं किया जा सका। पुरुष कर्मचारियों के लिए थ्री पीस सूट तैयार किया गया है। वहीं महिलाओं को ड्रेस, स्कर्ट या ट्राउजर पहनने की छूट होगी।
‘ब्रिटिश एयरवेज’ के 30,000 कर्मचारियों पर ये नियम लागू होगा। ट्राउजर्स के मामले में छूट दी गई है कि ये स्किनी भी हो सकता है और सामान्य भी। महिला केबिन क्रू को पहले से ही नए यूनिफॉर्म दिए ज रहे हैं। इससे पहले ‘वर्जिन अटलांटिक’ ने बिना किसी लैंगिक भेदभाव के यूनिफॉर्म तैयार करने का दावा किया था। हालाँकि, इंग्लिश टीम के साथ क़तर गए क्रू पर ये नियम लागू नहीं हुआ था। वहीं BA का कहना है कि वो पहले से ही ट्रांसजेंडर कर्मचरियों की भर्ती करता रहा है।
The cabin crew of #BritishAirways, who have traditionally worn regular three-piece trouser and skirt sets, will now additionally feature in jumpsuits apart from giving the option to wear tunics and hijabshttps://t.co/4QT0XQe9fy
— WION (@WIONews) January 7, 2023
‘ब्रिटिश एयरवेज’ के अध्यक्ष सीन डॉयले ने कहा कि हमारी यूनिफॉर्म हमारे ब्रांड का प्रतिनिधित्व करती है और भविष्य में भी ‘आधुनिक ब्रिटेन’ के लिए ये जारी रहेगा। कर्मचारी अब अपनी पुरानी यूनिफॉर्म को रिसाइकल या डोनेट कर सकेंगे। इससे पहले महिलाओं को मस्कारा और कान में कुंडल पहनने की अनुमति दी गई थी। बता दें कि हिजाब और बुर्के को लेकर दुनिया भर में बहस छिड़ी हुई है। कर्नाटक में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब और बुर्का की अनुमति को लेकर कई दिनों तक प्रदर्शन और हिंसा तक की गई।