दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं। कुछ खतरे मोल लेते हैं तो कुछ की किस्मत ही ऐसी होती है कि खतरा उनके पीछे-पीछे चलता है। 21 साल के ब्रिटिश छात्र माइल्स रूटलेज (Miles Routledge) दूसरे टाइप में आते हैं। यानी, जहाँ भी जाते हैं हिंसा शुरू हो जाती है।
माइल्स रूटलेज इस वक्त यूक्रेन (Russia Ukraine War) की राजधानी कीव (Keiv) में फँसे हुए हैं। इससे पहले ये ऐन लड़ाई के वक्त ही अफगानिस्तान पहुँच गए थे। तब काबुल में कई दिनों तक फँसे रहने के बाद इन्हें बाहर निकाला गया था। अब कीव में भयानक लड़ाई के बीच फिर माइल्स फँस गए हैं। खीझ में उन्होंने खुद को सबसे ‘पनौती टूरिस्ट’ (The Most Disaster Tourist) बता डाला है। बर्मिंघम का रहने यह वाला यह ब्रिटिश छात्र अपनी छुट्टियाँ मनाने के लिए 25 फरवरी को यूक्रेन की राजधानी कीव पहुँचा था। पोलैंड से कीव पहुँचने के लिए ट्रेन ली और इसका स्टेटस भी ट्विटर पर अपडेट किया था।
युद्ध जारी होने के बावजूद, माइल्स को यूक्रेन में एंट्री मिल गई। उसने दावा किया कि इस दौरान उनके दस्तावेजों की जाँच किए बिना तुरंत अनुमति मिल गई। एक होटल के शेल्टर से उन्होंने डेली स्टार को बताया, “मैं कैथोलिक हूँ। अगर मैं मर गया तो उम्मीद है कि मैं स्वर्ग जाऊँगा। अगर ऐसा नहीं होता है और मैं जीवित रहता हूँ, तो यह अच्छी बात है। यदि मैं एक या दो अंग खो देता हूँ तो मुझे लगता है कि मैं लाभ का दावा कर सकता हूँ।” माइल्स ने कहा कि उसे खतरनाक जगहों का पता लगाना और फिर इस तरह के खतरनाक जगहों पर जाने में मजा आता है।
जब रूस कीव पर गोले-बारूद बरसा रहा था, तो माइल्स ने अपने एक ट्वीट में लिखा, “लंदन और बर्मिंघम से कीव अब भी ज्यादा सुरक्षित है, चूँकि मैं बर्मिंघम से हूँ, इसलिए ये कह सकता हूँ।” माइल्स ने अपने एक ट्वीट में बताया था कि डोनेस्क पहुँचने पर यूक्रेन के सैनिकों ने उसे सेना की वर्दी दी और पुतिन का मास्क भी दिया, जिसे पहनकर वो रूस पर चिल्लाए भी। उन्होंने यूनिफॉर्म और पुतिन का मास्क पहने अपनी तस्वीर भी शेयर की थी।
Refresher: Last week when I was in Donetsk, Ukraine, I befriended some soldiers, got a free uniform, wore a Putin mask yelling at the Russians and went to an abandoned old airforce base pic.twitter.com/QSca5nPueS
— Lord Miles Routledge (@real_lord_miles) February 25, 2022
गौरतलब है कि इससे पहले माइल्स अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में तब फँस गए थे जब तालिबान वहाँ कब्जा कर रहा था। माइल्स दुनिया की सबसे खतरनाक जगहों के बारे में पता लगाना चाहते थे इसलिए वे अफगानिस्तान गए थे। हालाँकि, तालिबान के कब्जे ने उन्हें छिपने के लिए मजबूर कर दिया था। ऐसे माहौल में इस खतरनाक यात्रा के लिए माइल्स की सोशल मीडिया पर खूब आलोचना भी हुई थी।
I’ll probably go back to Afghanistan within the year
— Lord Miles Routledge (@real_lord_miles) February 28, 2022
अब माइल्स ने अपने हालिया ट्वीट में एक बार फिर दावा किया है कि वह इस साल के अंत तक अफगानिस्तान जाएगा। वह दक्षिणी सूडान में भी थोड़ा वक्त बिता चुका है, जब वहाँ गृहयुद्ध चल रहा था।