ब्रिटेन के वेस्ट यॉर्कशायर (West Yorkshire) के एक स्कूल में व्यंग्य मैग्जीन शार्ली एब्दो (Charlie Hebdo) में प्रकाशित हुए पैगंबर मोहम्मद के विवादित कार्टून दिखाने पर बवाल हो गया। मुस्लिम कट्टरपंथियों की भीड़ ने वहाँ स्कूल के बाहर प्रदर्शन करते हुए उस टीचर के सस्पेंशन की माँग की। स्थिति इतनी तनावपूर्ण हो गई कि स्कूल के हेडमास्टर को स्वयं इस संबंध में माफी माँगनी पड़ी और प्रदर्शनकारियों की बात मानते हुए टीचर को निलंबित कर दिया गया।
द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, बैटले ग्रामर स्कूल के हेड गैरी किबल ने, मजहबी शिक्षा का पाठ पढ़ाने के दौरान एक टीचर द्वारा इस्तेमाल शार्ली एब्दो के आपत्तिजनक कार्टून पर छात्रों के अभिभावकों से माफी माँगी। किबल ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह इस मामले में आगे पड़ताल बैठाएँगे।
अभिभावकों को भेजे गए ईमेल में उन्होंने लिखा, “जाँच में ये साफ है कि पाठ पढ़ाने के दौरान इस्तेमाल किए गए संसाधन बिलकुल गलत थे और स्कूल के एक समुदाय के सदस्यों को आहत करने वाले थे। इस गलती के लिए हम ईमानदारी से और पूर्णत: माफी माँगते हैं।”
स्कूल हेड ने कहा कि विवादित तस्वीर और सामग्री को स्कूल ने हटवा दिया है। आगे से वह धार्मिक पढ़ाई करवाते हुए पाठ्यक्रम का रिव्यू करेंगे कि उसे पढ़ाने में कहीं आपत्तिजनक संसाधनों का इस्तेमाल न हो।
इस घटना से जुड़ी सोशल मीडिया पर फोटोज वायरल हैं। प्रदर्शनकारी स्कूल के गेट के बाहर मास्क पहन कर खड़े हैं और पुलिस भी उनके सामने खड़ी है। पुलिस ने इस प्रदर्शन को लेकर बताया कि प्रोटेस्ट के दौरान कोई फाइन या कोई गिरफ्तारी नहीं हुई।
हालाँकि, शिक्षा विभाग के प्रवक्ता ने इस प्रकार धमकियाँ देने वाले और कोरोना वायरस प्रतिबंधों का उल्लंघन करने वाले प्रदर्शन की आलोचना की और इसे किसी भी कीमत पर अस्वीकार्य कहा। प्रवक्ता ने कहा कि विद्यालय अपने पाठ्यक्रम में, मुद्दे, विचार और सामग्रियों को शामिल करने के लिए स्वतंत्र हैं चाहे वे चुनौतीपूर्ण हों या फिर विवादित….उन्हें विभिन्न आस्था और विश्वासों के लोगों के बीच सम्मान और सहिष्णुता को बढ़ावा देने की आवश्यकता के साथ इसे संतुलित करना चाहिए, जिसमें यह तय किया जाए कि कक्षा में किस सामग्री का उपयोग करना है।
बता दें कि यॉर्कशायर के स्कूल के बाहर जिस मैग्जीन के कार्टून के कारण इतना विवाद हुआ, उसे लेकर साल 2015 में पेरिस में एक हमला हुआ था। आतंकियों ने मैग्जीन के दफ्तर में घुसकर 12 लोगों की जान ली थी। पिछले साल 25 सितंबर को भी ‘शार्ली एब्दो’ के पुराने ऑफिस के बाहर हमले की खबर सामने आई थी। इसमें 4 लोग घायल हुए थे।
कुछ दिन पहले पेरिस में 47 वर्षीय इतिहास के एक टीचर सैमुअल पैटी का स्कूल के बाहर गला रेत दिया गया था। उनकी गलती बस इतनी थी कि क्लास में ‘शार्ली एब्दो’ अख़बार में प्रकाशित पैगम्बर मोहम्मद का कार्टून दिखाया था। इसी बात पर हत्यारे ने अल्लाह हू अकबर चिल्लाते हुए घटना को अंजाम दिया था।
ऐसी घटनाओं को सुनने के बाद यॉर्कशायर में कोई अप्रिय घटना न घटे, इसलिए स्कूल के माफी माँगने के कदम को कुछ लोगों द्वारा सही बताया जा रहा है। सोशल मीडिया पर इस समय एक वीडियो वायरल है। इसमें पुलिस वाले प्रदर्शनकारियों के सामने हेडमास्टर द्वारा लिखी माफी पढ़ते दिख रहे हैं। स्कूल ने कहा कि उन्होंने उस टीचर को निलंबित कर दिया है और पाठ्यक्रम में इस्तेमाल की गई सामग्री का भी रिव्यू कर रहे हैं।
इस माफीनामे के बाद प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व करने वाले मुफ्ती मोहम्मद अमीन पंडोर ने कहा कि स्कूल समझ गया है कि जो उसने किया, वो बिलकुल अस्वीकार्य है। हमने स्वतंत्र जाँच की माँग की है और ये भी कहा है कि हमें इन्वेस्टिगेशन पैनल में रखें।
Islamists win again! Policeman reads out the headmaster’s apology outside #Batley Grammar School to the mob who were offended at a teacher allegedly showing a caricature of prophet Mohammad! pic.twitter.com/N73wLs2Sza
— Potkin Azarmehr (@potkazar) March 25, 2021
उल्लेखनीय है कि सोशल मीडिया पर स्कूल द्वारा माफी माँगे जाने की बात को लेकर पूछा जा रहा है क्या इस्लामी कट्टरपंथी फिर से जीत गए? पुलिस हेडमास्टर की माफी बैटले ग्रामर स्कूल के बाहर खड़ी उस भीड़ के सामने पढ़ी गई, जो एक टीचर के कैरीकैचर दिखाने से अपमानित हो गए! यूजर्स का पूछना है कि आखिर ब्रिटेन इतना डरपोक कब से हो गया।