चीन सरकार ने गुरुवार (फरवरी 25, 2021) को अमेरिकी सरकार से वादा किया कि वह कोरोना जाँच के लिए अमेरिकी राजदूतों से एनल स्वैब (Anal swab) नहीं लेंगे। इससे पहले चीन की इस हरकत पर वाशिंगटन में नाराजगी जाहिर की गई थी। अमेरिका ने इस अभ्यास को अभद्र करार दिया था। साथ ही खुल कर इसका विरोध भी किया था।
अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी राजदूतों से एनल स्वैब माँगे जाने की बात जानने के बाद अमेरिकी राज्य विभाग ने चीनी विदेश मंत्रालय के साथ गुरुवार को इसका विरोध किया था। उन्हें खबर मिली थी कि चीन के कुछ प्रांतों में प्रशासन ने क्वारंटाइन हुए लोगों के एनल स्वैब लेने के निर्देश दिए हैं, जिसमें विदेशी भी शामिल हैं।
जानकारी के अनुसार चीन ने अब कोविद-19 के लिए कथित तौर पर एनल स्वैब परीक्षण लागू कर दिया है। वहाँ प्रशासन को लगता है कि गले से लिए गए स्वैब से इंफेक्शन चूक सकता है। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने इस पर तर्क दिया है कि गले और नाक के स्वैब की तुलना में कोरोना वायरस एनल स्वैब की मदद से अधिक आसानी से पाया जा सकता है क्योंकि वायरस के निशान साँस के रास्ते पर रहने से ज्यादा देर मल के पास रहते हैं।
यूएस राजनयिकों का एनल स्वैब हुआ गलती से: चीन
इस खबर के आने के बाद यूएस राज्य विभाग के प्रवक्ता ने साफ शब्दों में कहा है कि अमेरिका अपने राजनयिकों और उनके परिवार के सदस्यों की सुरक्षा के लिए तत्पर है। एक रिपोर्ट में अमेरिकी विदेश विभाग के एक अधिकारी के हवाले से लिखा गया है, “विभाग इस तरह के परीक्षण के लिए कभी सहमत नहीं हुआ और जैसे ही हमें पता चला कि कुछ कर्मचारी भी इसके अधीन थे तो सीधे विदेश मंत्रालय का विरोध किया।”
बता दें कि अमेरिका की नाराजगी के बाद चीन ने इस पूरे मामले पर पहले सफाई दी। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान (Zhao Lijian) ने कहा कि चीन ने कभी भी अमेरिकी राजनयिकों को एनल स्वैब टेस्ट की प्रक्रिया से गुजरने के लिए नहीं कहा। हालाँकि, बाद में उन्होंने इस तरह के परीक्षण की बात को स्वीकारा और आश्वासन दिया कि वे भविष्य में कोविड के परीक्षण के लिए अमेरिकी राजनयिकों पर एनल स्वैब का उपयोग नहीं करेंगें।
प्रवक्ता ने जोर देकर कहा कि उन्होंने अमेरिकी सरकार से वादा किया कि जो टेस्ट दिए गए वो गलती से दिए गए थे और राजनयिक कर्मियों को इससे छूट दी जाएगी, जिसे चीन में आने वाले यात्रियों के लिए अनिवार्य किया गया था।