चीन पर लगातार आरोप लग रहे हैं कि वह कोरोना वायरस को लेकर सच छिपा रहा है और उसने दुनिया को गुमराह किया है। यहाँ तक कि उसने अपने उन नागरिकों को भी नहीं बख्शा, जिसने चीन के झूठ के खिलाफ आवाज बुलंद करने की कोशिश की। एक नए दस्तावेज में खुलासा हुआ है कि वुहान में कोरोना वायरस पर रिपोर्टिंग करने वाली एक महिला पत्रकार को चीन ने पाँच साल के लिए जेल भेज दिया है।
37 साल की झांग झान (Zhang Zhan) को बीते मई महीने में गिरफ्तार किया गया था। वह तभी से जेल में हैं। उन पर आरोप हैं कि उन्होंने झगड़ा करने की कोशिश की और प्रशासन के लिए मुश्किलें खड़ी कीं। चीन हमेशा सामाजिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ इन्हीं आरोपों का इस्तेमाल करता रहा है और इससे संबंधित धाराओं में उन्हें जेल भेजता रहा है।
चीनी मानवाधिकार रक्षकों (CHRD) के अनुसार, वह 14 मई को लापता हो गई और एक दिन बाद पता चला कि उसे शंघाई में पुलिस ने हिरासत में लिया था। उन्हें 19 जून को शंघाई में औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया था और तीन महीने की नजरबंदी के बाद उन्हें अपने वकील से मिलने की अनुमति दी गई थी। सोमवार (नवंबर 17, 2020) को जारी अभियोग पत्र में कहा गया है कि झांग झान ने टेक्स्ट वीडियो और अन्य मीडिया जैसे वीचैट, ट्विटर और यूट्यूब के माध्यम से गलत जानकारी फैलाई थी।
उन पर ये भी आरोप है कि उन्होंने विदेशी मीडिया को इंटरव्यू दिया और वुहान की खबरें लीक कीं। चाइनीज ह्यूमन राइट्स डिफेंडर्स (CHRD) के मुताबिक गिरफ्तारी के खिलाफ उन्होंने भूख हड़ताल भी की। 18 सितंबर को उनके वकील का फोन आया कि उन पर आरोप तय किए गए हैं।
झांग झान को पहले दो मौकों पर हिरासत में लिया गया था
झांग झान को 2018 में इसी तरह के आरोप में हिरासत में लिया गया था। सितंबर 2019 में उसे शंघाई पुलिस ने बुलाया था और बाद में हांगकांग का समर्थन करने के लिए “झगड़ा करने” के संदेह में आपराधिक हिरासत में लिया गया था और फिर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। नवंबर 2019 में रिहा होने से पहले उन्हें दो बार मानसिक चिकित्सा संबंधी परीक्षण से गुजरना पड़ा।
अन्य पत्रकार जिन्हें हिरासत में लिया गया था
ऐसा नहीं है कि झांग झान कोरोना वायरस पर रिपोर्टिंग करने के लिए गिरफ्तार होने वाली पहली पत्रकार हैं, इस साल कई अन्य पत्रकारों को भी गिरफ्तार किया गया है। एक पूर्व वकील से पत्रकार बने चेन क्विशी को जनवरी में गिरफ्तार किया गया था। क्विश के लापता होने की रिपोर्ट देने के लिए ली ज़हुआ को फरवरी में वुहान जाने के बाद गिरफ्तार किया गया था। उन्हें अप्रैल में रिहा किया गया। वुहान निवासी फांग बिन उसी समय के आसपास लापता हो गए, लेकिन उनके बारे में कभी कुछ जानकारी सामने नहीं आई।