चीन के शंघाई में हालात बद्तर होते जा रहे हैं। कोरोना ने वहाँ जो त्राहि मचाई है वो अलग है, लेकिन जो प्रशासन के कारण वहाँ हालात उपजे हैं उन्होंने नागरिकों को हिंसक बना दिया है। वहाँ लोग खाने के लिए लड़ रहे हैं। बुजुर्गों को समय से दवाई नहीं मिल पा रही। एक वीडियो सामने आया है जिसमें स्थानीय सड़कों पर आकर पीपीई किट पहने लोगों के सामने अपना प्रदर्शन कर रहे हैं। इस वीडियो को विदेशी पत्रकार माइकल स्मिथ ने शेयर किया है। उन्होंने सवाल उठाए हैं कि क्या चीन ऐसे कोरोना को रोकने के लिए ये कड़े प्रतिबंध लगा रहा है जिसे लेकर उसका दावा है कि उसने किसी की जान नहीं ली।
The situation in Shanghai is scary. Reports of millions struggling to feed themselves, elderly unable to access medicine, videos of small riots breaking out circulating on social media. Many households relying on inadequate govt food deliveries. pic.twitter.com/bW1ixaTu7O
— Michael Smith (@MikeSmithAFR) April 8, 2022
सोशल मीडिया पर यूजर्स उतार रहे गुस्सा
बता दें कि चीन के शंघाई में पहले कोविड के मद्देनजर 5 अप्रैल तक लॉकडाउन था। लेकिन बाद में इसे अनिश्चित समय तक बढ़ा दिया। स्थानीय अब बुनियादी जरूरतें न पूरी होने के चलते प्रशासन से नाराज हैं। वीबो साइट पर लिख लिखकर स्थानीय लोग अपना गुस्सा उतार रहे हैं। इनमें से एक ने लिखा, “मतलब ही नहीं है कि तुम कहाँ रहते हो। तुम्हारे पास पैसे हैं या नहीं। तुम्हें चिंता इस बात की होनी चाहिए कि तुम क्या-क्या खा सकते हो और कैसे करके चीजों को खरीद सकते हो।” वहीं दूसरे शख्स ने प्रशासन को लिखा कि क्या आप चाहते हो कि बोशन के लोग भूख से तड़प कर मर जाएँ।
NEW – Shanghai's inhuman "zero-COVID" lockdown leaves residents desperate for food and medicines.
— Disclose.tv (@disclosetv) April 9, 2022
Authorities now say they will ease restrictions after another mass test in China's most populous city.pic.twitter.com/3VlV970kUo
बता दें कि शंघाई के हाल इस समय ये हैं कि मेडिकल वॉलिंटियर भी महामारी में खाना पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं जबकि उन्हें खुद प्रशासन ने भेजा है। उनके सवाल हैं कि आखिर जो आपूर्ति भेजी जा रही है क्या वो सिर्फ शंघाई लोगों के लिए है। उनके लिए कुछ नहीं जो इस महामारी को झेल रहे हैं। वीडियो सामने आई है जहाँ यूजर्स प्रशासन पर चिल्लाकर बता रहा है कि वो भूख से मरा जा रहा है।
ड्रोन से चीन दे रहा चेतावनी
मालूम हो कि एक ओर शंघाई की ये हालत है और दूसरी ओर से चीन से पिछले दिनों खबरें आई थी कि वहाँ ड्रोन की मदद से स्थानीय लोगों को धमकाया जा रहा है कि वे बालकनी में न आएँ और घर के अंदर ही रहें। हालात ऐसे हैं कि अन्य जगह के लोग शंघाई की स्थिति पर दुख जताने के सिवा कुछ नहीं कर पा रहे। अनुमान लगाया जा रहा है कि शायद 2022 में शंघाई में ऐसी किल्लत रहे।
खाने की किल्लत से जूझ रहा शंघाई शहर
प्रशासन वहाँ लगातर बढ़ते कोरोना की रोकथाम के लिए कदम उठा रहा है लेकिन उनकी सख्ती सामान्य जन को काफी महंगी पड़ रही है। खाने की कमी इस समय शंघाई शहर के नागरिकों के लिए सबसे ज्यादा चिंता की बात है। रिपोर्ट बताती हैं कि वहाँ के सुपरमार्केट खाली हो गए हैं, सरकार समय से डिलिवरी नहीं दे रही। इसके अलावा जो लोग खाने तक अपनी पहुँच बना पा रहे हैं उन्हें फूड प्वॉयसनिंग का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें हालातों के मद्देनजर पुरानी सब्जियाँ खानी पड़ रही हैं। घर में आने वाला पानी भी ऐसा नहीं है कि उसे इंसान पी सके। जिन लोगों के घर में पानी का फिल्टर लगा है वो संख्या शंघाई में बेहद कम है।
What the?? This video taken yesterday in Shanghai, China, by the father of a close friend of mine. She verified its authenticity: People screaming out of their windows after a week of total lockdown, no leaving your apartment for any reason. pic.twitter.com/iHGOO8D8Cz
— Patrick Madrid ✌🏼 (@patrickmadrid) April 9, 2022
रिपोर्ट्स बताती हैं कि शहर में लॉकडाउन लगने के बाद इस बार आपूर्ति की कमी के अलग-अलग कारण हैं। प्रशासन माल लाने वाले ट्रकों के ड्राइवरों को क्वारंटाइन करता है। माल ढुलाई करने वाले ड्राइवर फिर माल ढुलाई के लिए ज्यादा भुगतान (करीब 2000 यूआन) माँगते हैं और जिन्हें ये देने से मना किया जाता है वो शंघाई में सामान पहुँचाने से मना कर देते हैं।