चीन के स्टेट काउंसिल इन्फॉर्मेशन ऑफिस द्वारा प्रकाशित ह्वाइटपेपर में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने संकेत दिए हैं कि उइगर समुदाय के लोगों के साथ जिस तरह का बर्ताव किया जा रहा है, इसके लिए वे खुद ज़िम्मेदार हैं। रिपोर्ट की मानें तो चीन ने उइगर आबादी वाले शिनजियांग प्रांत में साल 2014 से 2019 के बीच लगभग 10.29 लाख लोगों को री एजुकेशन कैम्प में कैद किया।
ह्वाइटपेपर का शीर्षक है ‘शिनजियांग में रोज़गार और मजदूर अधिकार’ (Employment and Labour Rights in Xinjiang)। चीन ने वैश्विक आलोचना का शिकार होने से बचने के लिए बेहद चालाकी से री एजुकेशन सेंटर को ‘वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर’ नाम दिया है।
ह्वाइटपेपर में दावा किया गया है कि उइगर आतंकवादी हैं और पुनर्जन्म में विश्वास रखते हैं। वह अपनी धार्मिक कट्टरता की वजह से आधुनिक विज्ञान में बिलकुल भरोसा नहीं करते हैं। चीन की सरकार ने इस्लामी कट्टरपंथ को मद्देनज़र रखते हुए कहा है कि आतंकवादी, अलगाववादी और धार्मिक रूप से कट्टर वर्ग मानता है कि पुनर्जन्म नियत है। इनकी मजहबी शिक्षा राज्य के क़ानून से बड़ी होती है। इसके अलावा उइगर चीनी भाषा सीखने को तैयार नहीं होते हैं। साथ ही आधुनिक विज्ञान को खारिज करते हैं। इतना ही नहीं अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने पर काम नहीं करना चाहते हैं और न ही अपनी जीवनशैली को बेहतर बनाने की इच्छा रखते हैं।
चीन ने कहा है कि अपनी मानसिकता के चलते उइगर समुदाय के लोग अच्छी शिक्षा और रोज़गार से वंचित हैं। नतीजतन, उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के लिए व्यावसायिक कौशल का प्रशिक्षण देना ज़रूरी था। प्रशिक्षण की वजह से शिनजियांग प्रांत में कुशल, जानकार और रचनात्मक मानव संसाधन तैयार हुआ है, जिससे आने वाले समय की आवश्यकताएँ पूरी हों। साल 2014 से 2019 बीच हर साल लगभग 10.29 लाख ग्रामीण और शहरी मजदूरों को प्रशिक्षण दिया जाता है, जिसमें लगभग 451400 शिनजियांग के दक्षिणी हिस्से से आते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक़ साल 2014 से 2019 के दौरान शिनजियांग प्रांत में रोज़गार पाने वाले लोगों की संख्या 11.35 मिलियन से बढ़ कर 13.3 मिलियन हो गई। यह लगभग 17.2 फ़ीसदी की बढ़ोतरी थी। इसके अलावा शहरी रोज़गार में सालाना औसत बढ़ोतरी 4,71,200 थी (दक्षिणी शिनजियांग में 1,4,800 यानी लगभग 31.4 फ़ीसदी)। चीन के शिनजियांग के ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 20.59 लाख अतिरिक्त काम करने वाले लोग हैं और 10.65 लाख दक्षिणी हिस्से के ग्रामीण इलाके में हैं।
इसके अलावा चीन ने ह्वाइटपेपर में यह भी दावा किया है कि शिनजियांग प्रांत में जिन लोगों को रोज़गार हासिल करने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था, उन्हें बड़े पैमाने पर सहायता दी जा रही है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी को रोज़गार मिले। प्रांत के लोगों को उस श्रेणी का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे उन्हें स्थायी रोज़गार मिलने में परेशानी नहीं हो।
साल 2017 में शिनजियांग के इंस्टीट्यूट ऑफ़ सोशियोलॉजी एट शिनजियांग एकेडमी ऑफ़ सोशल साइंसेस ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। उसके मुताबिक़ उइगर आबादी बढ़ने की वजह से चीन में राजनीतिक अस्थिरता, गरीबी और कट्टरपंथ को बढ़ावा मिल रहा था। उनकी आबादी का एक बड़ा कारण यह था कि इस्लाम के अनुसार बच्चे पैदा होना अल्लाह का उपहार है।
जिसके बाद जानकारों से विमर्श करके चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने उइगर समुदाय के लोगों को उनकी असल धार्मिक पहचान हटा कर हान समुदाय (चीनी समुदाय) में तब्दील करने की योजना बनाई। इस दौरान उइगर बच्चों को अनाथालयों में रखा जाता है। साल 2017 के बाद से चीन में उइगर समुदाय के लोगों पर कार्रवाई जारी है। उन्हें धार्मिक गतिविधियों, बाहर यात्रा करने और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने की वजह से जेल में बंद किया जाता है। जेंज़ नाम के शोधकर्ता के अनुसार अधिकारियों ने सीधा आदेश दिया है कि उनकी फर्टिलिटी दर कम की जाए।