चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) के मुखपत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने माना है कि 2020 में गलवान घाटी में भारतीय सेना के साथ संघर्ष के दौरान चीनी फ़ौज (PLA) के जवान मारे गए थे। इनमें से एक का नाम चेन होंगजुन है। चीनी मीडिया ने पहली बार इस तरह से गलवान में भारत के साथ युद्ध में अपने मृत सैनिकों के डिटेल्स जारी किए हैं। चीनी मीडिया का कहना है कि उसके क्वी फाबाओ नामक सैन्य अधिकारी को भारतीय सेना ने घेर लिया था।
‘Xinhua’ समाचार एजेंसी के अनुसार, चेन होंगजुन इसके बाद अपने दो सैनिकों के साथ उस तरफ बढ़े, लेकिन इस दौरान भारतीय सेना उन पर लगातार पत्थरबाजी कर रही थी और लाठी-डंडों से पीट रही थी। चीनी मीडिया का कहना है कि चेन होंगजुन ने अपने शरीर पर ये सब झेला। चीनी मीडिया का दावा है कि उनके कई जवानों को भारतीय सेना द्वारा ‘घेर लिए जाने’ किए जाने के बाद चीनी सेना ने उन्हें छुड़ाने के लिए हमला बोला।
चीनी मीडिया का ये भी कहना है कि होंगजुन के साथ ही चेन जीएनग्रोंग नामक एक सेना का जवान भी मारा गया, जो अपने वरिष्ठ की रक्षा कर रहा था। ‘Xinhua’ की मानें तो उस वक़्त चीनी सेना के जवान सिर्फ साथ जीने-मरने की ही सोच रहे थे और इसीलिए कम लोगों के साथ ही उनकी गलवान में ‘जीत’ हुई। बता दें कि चीन का ये दावा झूठा है क्योंकि भारतीय सेना ने जून 2020 में उन्हें अपने क्षेत्रों पर कब्ज़ा करने से सफलतापूर्वक रोका था।
China now admits death of at least 4 PLA soldiers in Galwan clashes. One of the soldier’s name was Chen Xiangrong, pic of whose grave was viral on social media.
— Ankur (@iAnkurSingh) February 19, 2021
Few ‘Self-Certified Factcheckers’ were calling people sharing the pic as Fake.
Were Chinese paying them? pic.twitter.com/bAPdGGjU9N
‘Xinhua’ के अनुसार, “चीनी सेना के जवानों ने इस उद्धरण का पालन किया कि ‘आप निश्चित रहें मेरी मातृभूमि, मैं सीमा पर आपकी सुरक्षा के लिए हूँ’। चेन होंगजुन और उनके 4 साथियों ने जिम्मेदारीपूर्वक बहादुरी दिखाते हुए अपनी जान दे दी। ये लोग काराकोरम की पहाड़ी पर तैनात थे। CPC ने 1 जुलाई, 2021 को वीं वर्षगाँठ से पहले उन्हें अपना सर्वोच्च सम्मान दिया। इस युद्ध में मारे गए अन्य सैनिकों के योगदानों को भी सम्मान दिया गया।”
अर्थात, चीनी मीडिया मान रहा है कि भारत के साथ संघर्ष में उसके सैनिक मारे गए। इस दावे को भारत के कई विपक्षी नेता व वामपंथी पत्रकार भी नकारते रहे हैं। साथ ही चीनी मीडिया ने इन सैनिकों के परिवार की कहानियाँ भी छापी हैं और इनके बारे में देश को बताया है। चेन किस तरह अपनी बीवी को गिफ्ट भेजते थे, उसकी माँ ने क्या कहा से लेकर अन्य अधिकारियों तक के बयान छापे गए हैं। साथ ही इन मृत सैनिकों को ‘नायक’ करार दिया।
चीन ने अपने रेजिमेंटल कमांडर, Qi Fabao को सीमा की रक्षा के लिए वीर रेजिमेंटल कमांडर का टाइटल, चेन होंगज़ुन को बॉर्डर की रक्षा करने के लिए हीरो और चेन जियानग्रोंग, जिओ सियुआन और वांग ज़ुओरन को प्रथम श्रेणी की योग्यता से सम्मानित किया था। चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, वीबो पर अगस्त 2020 में, झड़प में मारे गए चेन सियानग्रोंग (Chen Xiangrong) के एक चीनी सैनिक की एक मकबरे की तस्वीर वायरल हुई थी।