Sunday, November 17, 2024
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शंघाई में लोगों को भूख से तड़पा रहा चीन, विरोध करने वालों को शी जिनपिंग ने दी धमकी: कहा- बदनाम किया तो करेंगे कार्रवाई

शंघाई में एक व्यक्ति ने कोरोना के नियमों का केवल इसलिए उल्लंघन किया, ताकि वो पुलिस से संपर्क कर सके। उसने पुलिसवालों से कहा कि वो उसे गिरफ्तार कर लें। उसका मानना था कि घर में भूखे मरने की बजाय अगर वो जेल में रहेगा तो उसे वहाँ कुछ खाने को मिल सकता है।

चीन में कोविड-19 को लेकर जारी सख्त लॉकडाउन के कारण वहाँ के लोग भूख-प्यास से तड़प रहे हैं। अपने-अपने घरों में बंद लोगों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। ऐसे में चीन की सरकार हर तरफ आलोचना हो रही है। इन आलोचनाओं को लेकर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि चीन को बदनाम करने वाले देशों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

चीन की जीरो-कोविड पॉलिसी को लेकर शंघाई और देश के अन्य हिस्सों के नागरिकों की खबरें हाल ही में पूरी दुनिया की मीडिया के माध्यम से सामने आई थी। वहाँ के लोगों की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुए थे। अब जिनपिंग ने कहा कि चीन की जीरो कोविड पॉलिसी पर जो भी सवाल उठाएगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी।

कोविड के नाम पर चीन में मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन पर सवाल उठने के बाद गुरुवार (5 मई 2022) को शी जिनपिंग के नेतृत्व में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की सर्वोच्च संस्था पोलित ब्यूरो की स्थाई समिति की बैठक की गई। इसी दौरान यह चेतावनी जारी की गई। साथ ही यह भी कहा गया कि जीरो कोविड नीति का दृढ़ता से पालन होता रहेगा।

चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बताया कि सात सदस्यीय समिति ने कहा कि कोविड की यह नीति पार्टी ने तय की है और यह नीति वैज्ञानिक एवं प्रभावी है। समिति ने यह भी दावा कि वुहान में कोरोना से जंग जीती गई है और अब शंघाई में देश जंग जीतेगा।

बता दें कि शंघाई शहर में हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं। शंघाई में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए 5 अप्रैल से कठोर लॉकडाउन लगाया गया है, जिसके कारण शहर के 2.5 करोड़ लोग अपने घरों में कैद है, लेकिन भोजन खत्म होने के बाद अब ये लोग भूखों मरने लगे हैं। ऐसे में अब शंघाई के लोग लॉकडाउन के नियमों को तोड़कर बाहर आ रहे हैं, ताकि अगर वो पकड़े जाएँ तो कम से खाना तो मिलेगा।

इसी क्रम में शंघाई में एक व्यक्ति ने कोरोना के नियमों का केवल इसलिए उल्लंघन किया, ताकि वो पुलिस से संपर्क कर सके। उसने पुलिसवालों से कहा कि वो उसे गिरफ्तार कर लें। उसका मानना था कि घर में भूखे मरने की बजाय अगर वो जेल में रहेगा तो उसे वहाँ कुछ खाने को मिल सकता है।

शंघाई में हालात इतने बदतर हो गए हैं कि लॉकडाउन के बीच लोग अपने घर की बालकनी में आकर चिल्ला-चिल्ला कर मदद माँग रहे हैं। एक वीडियो में लोगों को ‘मदद करो, मदद करो हमारे पास खाने के लिए कुछ भी नहीं’ है कहते हुए सुना जा सकता है। यहीं नहीं भूख की मार से त्रस्त चीनी नागरिक अब पुलिस के डंडे का खौफ छोड़कर बाहर आकर प्रदर्शन कर रहे हैं।

चीन के शंघाई में पहले कोविड के मद्देनजर 5 अप्रैल तक लॉकडाउन था, लेकिन बाद में इसे अनिश्चित समय तक बढ़ा दिया। स्थानीय अब बुनियादी जरूरतें न पूरी होने के चलते प्रशासन से नाराज हैं। वीबो साइट पर लिख लिखकर स्थानीय लोग अपना गुस्सा उतार रहे हैं। इनमें से एक ने लिखा, “मतलब ही नहीं है कि तुम कहाँ रहते हो। तुम्हारे पास पैसे हैं या नहीं। तुम्हें चिंता इस बात की होनी चाहिए कि तुम क्या-क्या खा सकते हो और कैसे करके चीजों को खरीद सकते हो।” वहीं दूसरे शख्स ने प्रशासन को लिखा कि क्या आप चाहते हो कि बोशन के लोग भूख से तड़प कर मर जाएँ।

चीनी संवाददाता एलिस सु ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया। इसमें ड्रोन से लोगों को अपने घर की खिड़की दरवाजे बंद रखने को कहा जा रहा है। सु ने लिखा, “शंघाई के लोग अपनी बालकनियों में गाने गाकर सप्लाई की कमी का विरोध कर रहे हैं। एक ड्रोन दिखता है, जो कहता है कृपया w covid प्रतिबंधों का पालन करें। स्वतंत्रता के लिए अपनी आत्मा की इच्छा को नियंत्रित करें। खिड़की मत खोलो या गाओ मत।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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