अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद अमेरिका के कई शहरों में नस्लवाद को लेकर बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन और हिंसा हो रही हैं। विरोध प्रदर्शनकारियों ने अब वहाँ पर उपनिवेशवाद और अश्वेतों की गुलामी को समर्थन देने वालों की मूर्तियों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है और उन्हें हटाए जाने की माँग भी जोर-शोर से उठ रही हैं। इसी बीच, बॉस्टन, मियामी और वर्जीनिया में क्रिस्टोफर कोलंबस (Christopher Columbus s) की मूर्तियों को तोड़ दिया गया।
VIDEO: A statue of Christopher Columbus in Boston has been beheaded, as calls to remove sculptures commemorating colonizers and slavers sweep the US.https://t.co/CICkVM4wg6 pic.twitter.com/MpURt87ydK
— AFP news agency (@AFP) June 11, 2020
मिनेसोटा प्रांत की राजधानी सेंट पॉल शहर में प्रदर्शनकारियों ने जिस इतालवी खोजकर्ता कोलंबस की मूर्ती की गर्दन काटी है, उन्हें स्कूल की किताबों में नई दुनिया (The New World) का खोज करने वाले इंसान के रूप में पढ़ाया जाता है। इसके साथ ही, कई लोगों द्वारा मूल अमेरिकियों के खिलाफ नरसंहार के प्रतीक के रूप में भी वह जाने जाते हैं। उनकी प्रतिमाओं को बड़े स्तर पर नुकसान पहुँचाया जा रहा है।
In a chaotic scene in Miami, several people have been arrested for vandalizing a Christopher Columbus statue. Here’s what we know. >> https://t.co/3sw4SLqLgh pic.twitter.com/JvtBLz4jny
— KTBS (@KTBS) June 11, 2020
अमेरिकी मूल के कार्यकर्ताओं ने कोलंबस को सम्मानित करने के विरुद्ध लड़ाई लड़ी है। उनका कहना है कि अमेरिका में उनके अभियानों से पूर्वजों का नरसंहार किया गया था। मिनेसोटा के सेंट पॉल में गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने कोलंबस की 10 फीट की कांस्य प्रतिमा के चारों और रस्सी लगाई और मूर्ति को पत्थर की चौकी से खींचकर उखाड़ दिया गया।
Göstericiler Christopher Colombus heykelini yıkıyor. Minnesota pic.twitter.com/Bln33BZ9J0
— Memet of Rivia (@Mmtbrtnsrml) June 11, 2020
अमेरिकी सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि कोलंबस द्वारा अमेरिका की खोज के चलते ही उपनिवेश और उनके पूर्वजों का नरसंहार हुआ था। वर्ष 1492 में कोलंबस भारत की खोज के लिए निकले थे, लेकिन उन्होंने गलती से अमेरिकी महाद्वीप की खोज की थी।
कोलंबस को लंबे समय से ‘नई दुनिया’ का ‘खोजकर्ता’ कहा जाता है, हालाँकि लेइफ एरिकसन (Leif Eriksson) जैसे ‘वाइकिंग’ (डेनमार्क मूल के खुनी लूटेरे) ने कई शताब्दियों पहले उत्तरी अमेरिका का दौरा किया था।
प्रदर्शनकारियों ने जेफरसन डेविस की प्रतिमा भी तोड़ दी है। अमेरिका के रिचमंड, सेंट पॉल और बोस्टन शहरों में बुधवार (जून 10, 2020) को इन प्रतिमाओं को तोड़ने के मामले सामने आए। प्रदर्शनकारियों ने एक दिन पहले ही रिचमंड में कोलंबस की वर्ष 1927 में स्थापित प्रतिमा उखाड़कर झील में फेंक दी थी।