विश्व कोरोना महामारी की चपेट में है, लेकिन इन दिनों मुस्लिम कट्टरपंथियों की जारी हरकतों से विश्व समुदाय परेशान नजर आ रहा है। भारत-पाकिस्तान के बाद अब खबर इंडोनेशिया से है, जहाँ लॉकडाउन को तोड़कर हजारों की संख्या में मुस्लिम समाज के लोग मस्जिदों में पहुँच गए। इस दौरान मुँह पर मास्क लगाए नमाजियों ने जमकर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियाँ उड़ाईं।
न्यूज 18 हिंदी की खबर के मुताबिक इंडोनेशिया में कोरोना वायरस के चलते जारी लॉकडाउन के बीच कुछ मुस्लिम कट्टरपंथियों ने सरकार की गाइडलाइन का जमकर उल्लंघन किया। इंडोनेशिया के अचे प्रांत में रमजान के मौके पर सैंकड़ों की तादाद में लोग लॉकडाउन तोड़कर मस्जिद में सामूहिक नमाज़ के लिए पहुँच गए। इस दौरान ज्यादातर नमाजियों के मुँह पर मास्क जरूर दिखाई दिए, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की अनदेखी करते हुए काफी करीब-करीब बेठकर नमाज़ पढ़ी गई। बताया जा रहा है कि ऐसा एक स्थान पर नहीं बल्कि प्रांत में कई स्थानों पर देखा गया।
वहीं इंडोनेशिया से पुतरी सराह नाम के एक नमाज़ी ने BBC से बात करते हुए कहा, “कोरोना वायरस का डर है लेकिन नमाज़ के लिए निकलने में कोरोना से डर नहीं है। इससे बचने के लिए सबसे ज़रूरी चीज़ है ख़ुद को साफ़ रखना। हम लगातार हाथ धो रहे हैं और मास्क भी पहन रहे हैं।” हालाँकि, इस दौरान कुछ ऐसे लोग भी नज़र आए जो घरवालों के दबाव में नमाज़ पढ़ने आ गए थे। वाहयुका नाम के एक ऐसे ही शख्स ने बताया, “मुझे साथ में नमाज़ अदा करने में डर लग रहा है इसलिए मैं लाइन से बिल्कुल दूर हूँ।”
ALERT- कोरोना वायरस: रमज़ान पर इंडोनेशिया में गाइडलाइन तोड़ बड़ी संख्या में मस्जिद पहुंचे नमाज़ी https://t.co/IceCHGX6TM
— BBC News Hindi (@BBCHindi) April 24, 2020
बताया जा रहा है कि इंडोनेशिया में इलाके के कई स्थानीय मौलानाओं ने फ़तवा देकर लोगों को ऐसा करने के लिए उकसाया था। अचे में सिया कुअला यूनिवर्सिटी में समाज विज्ञान के प्रोफ़ेसर मारिनी कृस्टिआनी ने बीबीसी से कहा कि यहाँ के लोगों ने सरकार के दिशा-निर्देशों की तुलना में इस्लामिक समूहों और कट्टरपंथी मौलानाओं के फतवे का पालन करना ठीक समझा। बता दें कि अचे इंडोनेशिया का अकेला ऐसा इलाक़ा है जहाँ इस्लामिक शरिया क़ानून का सख्ती से पालन होता है।
इससे पहले इंडोनेशिया ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए इस साल ईद मनाने के लिए लोगों को घर लौटने पर प्रतिबंध लगा दिया है। राष्ट्रपति जोको विडोडो ने मंगलवार को कहा था कि इंडोनेशिया में बड़ी संख्या में लोग रमजान के आखिरी सप्ताह में शहरों से गाँवों में अपने घरों को लौटते हैं, इस साल कोरोना वायरस संक्रमण के चलते इसे प्रतिबंधित किया जा रहा है।
वहीं आपको बता दें कि इससे पहले पाकिस्ताना में भी कट्टरपंथी मौलवियों ने इमरान सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि सरकार मस्जिदों में सामूहिक रूप से नमाज पढ़ने की बंदिशों को आगे बढ़ाने की भूल न करे। पाकिस्तान के अखबार द डॉन के मुताबिक, वक्फकुल मदरिस अल अरेबिया से जुड़े देश के करीब 50 से अधिक मौलवियों ने सरकार को इसके लिए चेतावनी दी थी। बताया जा रहा है कि ये सभी मौलवी रावलपिंडी और इस्लामाबाद से ताल्लुक रखते थे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक इंडोनेशिया में अब तक कोरोना से मरने वालों की संख्या 689, जबकि इससे संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 8211 हो गई है। पूरे विश्व की बात करें तो कोरोना से मरने वालों की संख्या 192,022, जबकि इससे संक्रमित लोगों की संख्या 2,748,126 हो चुकी है।