अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को एक कोर्ट ने राष्ट्रपति का आगामी चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है। यह निर्णय अमेरिका के कोलोराडो राज्य की सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया है। निर्णय सुनाने वाले जजों की नियुक्त अमेरिकी राष्ट्रपति बायडेन की पार्टी डेमोक्रेट्स ने की थी।
डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ यह निर्णय कैपिटल हिल हिंसा के मामले दिया गया है। गौरतलब है कि जनवरी 2021 में डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति पद छोड़ने के दौरान उनके कुछ कई समर्थक कैपिटल हिल बिल्डिंग (अमेरिकी सरकार का मुख्यालय) में घुस गए थे और उत्पात मचाया था। कोलोराडो की कोर्ट ने यह निर्णय 4-3 के मत से सुनाया। ट्रम्प अब अमेरिकी चुनावी इतिहास में लड़ने से रोके जाने वाले पहले उम्मीदवार बन गए हैं। यह निर्णय अमेरिकी संविधान के अनुच्छेद 14 की धारा 3 के तहत दोषी करार देकर अयोग्य घोषित किया गया है।
अब यह मामला अमेरिका की राष्ट्रीय सुप्रीम कोर्ट में जाएगा। कोलोराडो सुप्रीम कोर्ट ने ट्रम्प के विरुद्ध इस निर्णय को 4 जनवरी, 2023 तक स्थगित कर दिया है। इसका अर्थ है कि यह निर्णय तब तक लागू नहीं होता जब तक ट्रम्प इसके विरुद्ध राष्ट्रीय सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर नहीं करते।
कोलोराडो के सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर भी प्रश्न उठ रहे हैं। दरअसल, अमेरिका में जजों की नियुक्ति पूरी तरह से राजनीति से प्रभावित होती है। जिस कोलोराडो कोर्ट ने यह निर्णय दिया है, उसमें अधिकांश जज ट्रम्प के विरोधी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बायडेन की पार्टी डेमोक्रेट्स से आए गवर्नर द्वारा नियुक्त किए गए हैं।
अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में जाने पर भी इसके राजनीतिक प्रभाव होने के आसार हैं। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में तीन जज डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा नियुक्त हैं जबकि कुल जजों की संख्या 9 है। यहाँ डोनाल्ड ट्रम्प के विषय में क्या निर्णय आएगा, इसको लेकर चर्चाएँ तेज हैं। ट्रम्प के समर्थकों ने इस निर्णय को अलोकतांत्रिक बताया है।
तो क्या कभी डोनाल्ड ट्रम्प नहीं लड़ पाएँगे राष्ट्रपति का चुनाव?
कोलोराडो कोर्ट का निर्णय ट्रम्प के पूरे राष्ट्रपति चुनाव पर प्रभाव नहीं डालेगा। दरअसल, कोलोराडो की सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय ट्रम्प को 5 मार्च, 2024 को होने वाले रिपब्लिकन प्राइमरी चुनाव लड़ने से रोकता है। यह प्राइमरी चुनाव पार्टी के भीतर राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी को चुनने के लिए करवाए जाते हैं।
इन चुनावों में पार्टी के कार्यकर्ता एक पार्टी के भीतर अलग-अलग प्रत्याशियों के लिए वोट करते हैं। इन चुनावों में जो जीतता है वह आगे फिर राष्ट्रपति के आम चुनावों में लड़ता है। वर्तमान निर्णय ट्रम्प को इससे नहीं रोकता।