Sunday, November 17, 2024
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ये 0 भारत की मजबूती का प्रमाण, मंदी आने की कोई आशंका नहीं: 75% के साथ ब्रिटेन सबसे खराब हाल में, अमेरिका-चीन की हालत भी पतली

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अपने ताजा आँकड़े में बताया है कि दुनिया में सबसे ज्यादा उत्पादन साल 2023 में भारत में होने वाला है। इस हिसाब से भारत का विकास दर सबसे अधिक होगा। IMF ने अपनी हालिया रिपोर्ट में भारत की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद विकास दर 5.9 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई है। इसके बाद 5.2 प्रतिशत के साथ चीन दूसरे नंबर पर है।

दुनिया भर में मंदी (Recession) की आशंका के बीच कंपनियाँ छंटनी कर रही हैं। निवेश बैंकिंग की दिग्गज अमेरिकी कंपनी मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) द्वारा 3000 कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा के बाद एक और कंपनी ने कर्मचारियों की संख्या में कटौती की घोषणा की है। अमेरिकी आईटी कंपनी कॉग्निजेंट (Cognizant) ने गुरुवार (4 मई 2023) को कहा कि रेवेन्यू में कमी के कारण वह अपने 3,500 कर्मचारियों की छंटनी करेगी।

वैश्विक श्रम बाजार में मंदी की आशंका के चलते पिछले लगभग डेढ़ सालों से कंपनियाँ लगातार छंटनी कर रही हैं। इसके पहले सोशल मीडिया कंपनी मेटा, ट्विटर, गूगल आदि भी अपने हजारों कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा चुके हैं। हालाँकि, भारत में घरेलू कंपनियों के बीच इस कथित मंदी की आहट का डर कम दिखाई दे रहा है। कई भारतीय कंपनियाँ तो अपने यहाँ कर्मचारियों की भर्ती कर रही हैं।

मंदी को लेकर गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) ने मार्च 2023 में कहा था कि सिलिकॉन वैली बैंकों के दिवालिया होने और व्यापक बैंकिंग क्षेत्र पर इसके प्रभाव के बाद अगले 12 महीनों में अमेरिका में मंदी की उच्च संभावना दिखाई देती है। गोल्डमैन के विश्लेषकों ने अगले 12 महीनों में अमेरिका में मंदी की आशंका 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 35% कर दी थी।

गोल्डमैन सैक्स का यह पूर्वानुमान टेक-केंद्रित सिलिकॉन वैली बैंक और क्रिप्टो-केंद्रित सिग्नेचर बैंक की बर्बादी के बाद आया था। इन आशंकाओं के बीच अमेरिका और यूरोप सहित दुनिया भर के शेयर बाजारों, खासकर बैंकिंग शेयरों में भारी गिरावट देखी गई थी। यूरोप में इसको लेकर विशेष आशंका जाहिर की जाने लगीं। हालाँकि, भारत में मंदी की आशंका जीरो (0) है।

इसी तरह यूरोपीय देशों में भी मंदी की आशंका को लेकर की जाने वाली पूर्वानुमान की दर को बढ़ा दिया गया है। World of Statistics नाम के ट्विटर हैंडल ने विभिन्न एजेंसियों के आँकड़ों के आधार पर विभिन्न देशों में मंदी की आशंका को लेकर डाटा जारी किया है।

इस आँकड़े में साल 2023 में भारत में मंदी की आशंका 0 प्रतिशत है। वहीं, सबसे अधिक मंदी की आशंका वाला देश ब्रिटेन है। वहाँ मंदी की आशंका 75 प्रतिशत है। वहीं, न्यूजीलैंड में 70 प्रतिशत और अमेरिका में 65 प्रतिशत है। वहीं, जर्मनी, इटली और कनाडा में इस साल मंदी की आशंका 60 प्रतिशत है।

जिन देशों में इस साल मंदी की सबसे कम आशंका है, उनमें भारत शीर्ष पर है। हालाँकि, 0 प्रतिशत के साथ भारत में मंदी की आशंका है ही नहीं। भारत के बाद इंडोनेशिया में 2 प्रतिशत, सऊदी अरब में 5 प्रतिशत, चीन में 12.5 प्रतिशत, ब्राजील में 15 प्रतिशत और स्विट्जरलैंड में 20 प्रतिशत इस साल मंदी की आशंका है।

भारत में क्यों नहीं है मंदी की आशंका

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अपने ताजा आँकड़े में बताया है कि दुनिया में सबसे ज्यादा उत्पादन साल 2023 में भारत में होने वाला है। इस हिसाब से भारत का विकास दर सबसे अधिक होगा। IMF ने अपनी हालिया रिपोर्ट में भारत की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद विकास दर 5.9 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई है। इसके बाद 5.2 प्रतिशत के साथ चीन दूसरे नंबर पर है।

ग्रोथ रेट के हिसाब से जो शीर्ष पाँच देश हैं, उनमें भारत और चीन के अलावा इंडोनेशिया की ग्रोथ रेट 5 प्रतिशत, सऊदी अरब की 3.1 प्रतिशत और मेक्सिको की 1.8 प्रतिशत रहने वाली है। ये वही देश हैं, जहाँ इस साल मंदी की आशंका सबसे कम है। हालाँकि, मेक्सिको इसका अपवाद है, क्योंकि मेक्सिको की मंदी आशंका दर 27.5 प्रतिशत है और यह सबसे कम आशंका वाले देशों में आठवें नंबर पर है।

मंदी की आशंका से सबसे अधिक प्रभावित की सूची में शीर्ष पर बैठे ब्रिटेन का आर्थिक वृद्धि दर निगेटिव में है, यानी -0.3 प्रतिशत और जर्मनी की -0.1 प्रतिशत रहने वाली है। वहीं, दक्षिण अफ्रीका साल 2023 में 0.1 प्रतिशत, फ्रांस और इटली का 0.7 प्रतिशत विकास दर रहने का अनुमान है। इसलिए ये मंदी की आशंका को लेकर शीर्ष पर हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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