Monday, December 23, 2024
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8 साल के हिंदू बच्चे को होगी फाँसी? इस्लामी किताबों की ‘बेइज्जती’ से हुई ईशनिंदा… कई हिंदू परिवार घर छोड़ भागे

"उसे (8 साल के लड़के को) ईशनिंदा क्या है, ये भी नहीं पता, उसे जबरन मामले में फँसाया जा रहा है। उसे अभी भी समझ नहीं आया है कि उसका अपराध क्या था और उसे एक हफ्ते के लिए जेल में क्यों रखा गया था?"

पाकिस्तान में हिंदुओं के साथ किस तरह का बर्ताव किया जाता है, इसको इस घटना से आसानी से समझा जा सकता है कि वहाँ 8 साल के बच्चे के खिलाफ भी ईशनिंदा के तहत कार्रवाई कर दी गई। रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्वी पाकिस्तान में 8 साल के हिंदू बच्चे पर ईशनिंदा का आरोप लगाया गया है। पाकिस्तान में ईशनिंदा की कार्रवाई झेलने वाला वह अब तक का सबसे कम उम्र का व्यक्ति बन गया है। उसे पुलिस की सुरक्षा में हिरासत में रखा गया है।

मामला पंजाब प्रांत के रहीम यार खान जिले का है, जहाँ पिछले सप्ताह बच्चे को ईशनिंदा के मामले में जमानत दे दी गई थी। इसके बाद से बच्चे का परिवार अंडर ग्राउंड हो गया है। हालाँकि, पिछले सप्ताह ही जमानत के विरोध में कट्टरपंथियों की भीड़ ने एक हिंदू मंदिर पर भी हमला कर दिया था। इसके बाद कई हिंदू परिवार वहाँ से अपना घर छोड़कर चले गए हैं। फिलहाल, इलाके में सेना को तैनात किया गया है। शनिवार (7 अगस्त 2021) को मंदिर पर हमले के मामले में 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

रिपोर्ट के मुताबिक, 8 साल के हिंदू बच्चे पर आरोप है कि उसने पिछले महीने एक मदरसे के पुस्तकालय में एक कालीन पर जानबूझकर पेशाब किया, जहाँ पर धार्मिक किताबें रखी गई थीं। वहाँ के कानून के अनुसार यह ईशनिंदा है। आपको बता दें कि पाकिस्तान में ईशनिंदा के आरोपों में मौत की सजा हो सकती है।

द गार्जियन नाम की न्यूज वेबसाइट को लड़के के परिवार ने बताया, “उसे (लड़का) ईशनिंदा क्या है, ये भी नहीं पता और उसे जबरन मामले में फँसाया जा रहा है। उसे अभी भी समझ नहीं आया है कि उसका अपराध क्या था और उसे एक हफ्ते के लिए जेल में क्यों रखा गया था? हमने अपनी दुकानें और काम छोड़ दिया है। पूरा समुदाय डरा हुआ है और हमें उनके (मुस्लिमों) बदले की कार्रवाई का डर है। हम इस क्षेत्र में वापस नहीं जाना चाहते हैं। हमें नहीं लगता कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस और सार्थक कार्रवाई की जाएगी।”

एक बच्चे के खिलाफ दर्ज ईशनिंदा के आरोपों ने कानूनी विशेषज्ञों को चौंका दिया है। इससे पहले पाकिस्तान में इतनी कम उम्र के बच्चों ईशनिंदा का आरोप नहीं लगा था।

इस मामले में पाकिस्तानी सांसद और पाकिस्तान हिंदू परिषद के प्रमुख रमेश कुमार ने कहा, “मंदिर पर हमले और आठ साल के नाबालिग लड़के के खिलाफ ईशनिंदा के आरोपों ने मुझे वास्तव में झकझोर कर रख दिया है। हमले के डर से 100 से अधिक हिंदुओं ने अपने घर खाली कर दिए हैं।”

वहीं मानवाधिकार कार्यकर्ता कपिल देव ने 8 साल के नाबालिग बच्चे पर लगे आरोपों को वापस लेने की माँग की और सरकार से अपना घर छोड़कर जा रहे हिंदुओं को सुरक्षा देने की माँग की। उन्होंने कहा, “पिछले कुछ वर्षों में हिंदू मंदिरों पर हमले बढ़े हैं, जो चरमपंथ और कट्टरता के बढ़ते स्तर को दर्शाता है। हाल के हमले हिंदुओं के उत्पीड़न की एक नई लहर प्रतीत होते हैं।”

विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के राजदूत को किया तलब

हिंदू मंदिर को निशाना बनाने के मामले में भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के राजदूत को तलब कर पाकिस्तान के मुस्लिम बहुल इलाके में रहने वाले हिंदू समुदाय को सुरक्षा देने की माँग की।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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