चाइना से निपटने के लिए निर्मित क्वाड्रीलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग (QUAD/क्वाड) अब एक संगठित रूप ले रहा है। इसी क्रम में 4 देशों के शीर्ष नेताओं ने आज पहली डिजिटल शिखर वार्ता की। इसमें भारत की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा शामिल हुए।
इस वार्ता में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, “हमें कोरोना वैक्सीन, जलवायु परिवर्तन और उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे क्षेत्रों को कवर करके क्वॉड को मजबूत बनाना है।” उनके मुताबिक क्वॉड अब धीरे-धीरे परिपक्व हो गया है और हिंद-प्रशांत इलाके की स्थिरता का अहम बिंदु बन गया है।
वह कहते हैं, “मैं इस सकारात्मक दृष्टि को भारत के प्राचीन दर्शन ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के विस्तार के रूप में देखता हूँ। वह दृष्टि जो दुनिया को एक परिवार के रूप में मानती है। हम साझा मूल्यों को आगे बढ़ाने, धर्मनिरपेक्ष, स्थिर और समृद्ध इंडो-पैसिफिक बनाने के लिए मिलकर काम करेंगे।”
Speaking at the First Quad Leaders’ Virtual Summit. https://t.co/Ypom6buHxS
— Narendra Modi (@narendramodi) March 12, 2021
इस वार्ता में जो बाइडेन ने कहा कि आपसी सहयोग को बढ़ाने में ‘क्वाड’ एक नया तंत्र बनकर उभरा है। उन्होंने चीन के स्पष्ट संदर्भ में कहा, “हम अपनी प्रतिबद्धताओं को जानते हैं। हमारा क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय कानून द्वारा संचालित है। हम सभी सार्वभौमिक मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध है और किसी दबाव से मुक्त हैं। मैं हमारी संभावना के बारे में आशावादी हूँ।”
जो बाइडन ने कहा, “क्वाड हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण क्षेत्र होने जा रहा है और मैं आने वाले वर्षों में आप सभी के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूँ।’’
झाओ लिजियान ने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि संबंधित देश खुलेपन, समावेशी और सभी के लिए लाभदायक के सिद्धांत को कायम रखेंगे। वे विशेष समूह बनाने से बचेंगे और ऐसे कार्य करेंगे जो क्षेत्रीय शांति, स्थिरता एवं समृद्धि के हित में हो।”
वहीं ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन ने अपने भाषण की शुरुआत ही नमस्ते से की। मॉरिसन ने कहा कि चारों देश एक नया भविष्य तैयार करें। समावेशी हिंद प्रशांत क्षेत्र बनाए रखने के लिए आपस में सहयोग करें।
उन्होंने कहा कि इंडो-पैसिफिक अब 21 वीं सदी में दुनिया के भाग्य का निर्धारण करेगा। चीन पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि महान लोकतंत्रों के चार नेताओं के रूप में हमारी साझेदारी शांति, स्थिरता और समृद्धि का प्रतीक है।
बता दें कि क्वाड की शुरुआत साल 2007 में हुई थी। इसकी शुरुआत वर्ष 2004-2005 में हो गई जब भारत ने दक्षिण पूर्व एशिया के कई देशों में आई सुनामी के बाद मदद का हाथ बढ़ाया था। इसमें 4 देश अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत शामिल हैं। इससे पूर्व मार्च में कोरोना वायरस को लेकर भी क्वॉड की मीटिंग हुई थी। इसमें पहली बार न्यूजीलैंड, द कोरिया और वियतनाम भी शामिल हुए थे।
QUAD to reject the 2007 Chinese veto on its Foreign Policies !!
— DEFENCE NEWS (@DefenceNewss) March 12, 2021
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