Monday, December 23, 2024
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कार्टून में भेड़िये से लड़ते भेड़, हॉन्गकॉन्ग के 5 डॉक्टरों को देशद्रोह की सजा: चीन को भेड़िये के रूप में दिखाने का आरोप

बता दें कि हॉन्गकॉन्ग चीन का एक विशेष प्रशासनिक क्षेत्र है और इसमें 'एक देश, दो प्रणाली' सिद्धांत लागू है। इसके तहत शहर को कुछ स्वतंत्रता हासिल है। साल 2020 में हॉन्गकॉन्ग में नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया गया था, जिसको लेकर लोगों में भारी असंतोष है।

हॉन्गकॉन्ग के पाँच स्पीच थैरेपी डॉक्टरों को देशद्रोही कंटेंट वाले बच्चों की किताबें प्रकाशित करने की साजिश रचने के आरोप में 19 महीने की जेल की सजा सुनाई गई है। इन किताबों में भेड़ और भेड़ियों के कार्टून थे। इन कार्टून को सरकार विरोधी माना गया और उन पर राजद्रोह का आरोप लगाया गया।

इन डॉक्टरों पर आरोप है उन्होंने तीन ऐसी किताबें प्रकाशित करवाईं, जिनमें भेड़ों को भेड़ियों से लड़ने वाले कार्टून दिखाए गए थे। इन किताबों में साल 2019 में शहर में बड़े पैमाने पर हुए लोकतंत्र समर्थक विरोध प्रदर्शनों का उल्लेख किया गया है।

इसके अलावा इन किताबों में साल 2020 की उस घटना का भी उल्लेख है, जिसमें 12 लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारी स्पीडबोट से भागकर हॉन्गकॉन्ग जा रहे थे, लेकिन उन्हें चीन के तटरक्षक बलों ने पकड़ लिया था और उनके बोट को अपने कब्जे में ले लिया था।

एक किताब में दिखाया गया है कि भेड़िये एक गाँव पर कब्जा करना चाहते हैं और भेड़ों को खाना चाहते हैं। इससे बचने के लिए गाँव के भेड़ उन आक्रमणकारी भेड़ियों से लड़ना शुरू कर देते हैं। इसमें बीजिंग को भेड़िये और हॉन्गकॉन्ग को भेड़ों के गाँव के रूप में प्रदर्शित किया गया है।

इस मामले को लेकर जिला न्यायालय के न्यायाधीश क्वोक वाई किन ने कहा कि प्रतिवादियों को प्रकाशन या शब्दों के कारण नहीं, बल्कि बच्चों के दिमाग को नुकसान पहुँचाने की कोशिश के कारण दंडित किया गया। ये डॉक्टर पिछले 13 महीनों से जल में बंद हैं।

क्वोक ने कहा, “प्रतिवादियों ने 4 साल और उससे अधिक उम्र के बच्चों के साथ जो किया है, वह वास्तव में बहुत छोटी उम्र की बच्चों को उनके विचारों और मूल्यों को स्वीकार करने के लिए ब्रेन वॉशिंग का प्रयास था।” इसके बाद के 26 से 29 की आयु के लोरी लाई, मेलोडी येउंग, सिडनी एनजी, सैमुअल चैन और मार्को फोंग को दोषी ठहरा दिया गया।

साल 2019 के विरोध और 2020 में बीजिंग द्वारा हॉन्गकॉन्ग पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने के बाद से पहली बार है जब किसी पर देशद्रोह का मामला चला। इस केस को अधिकारियों ने देश में स्थिरता बहाल रखने के लिए महत्वपूर्ण बताया।

चीन की यह कार्रवाई साल 2020 में हॉन्गकॉन्ग में लागू की गई नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू के विरोध एवं असंतोष के दमन के तहत की गई है। बीजिंग का कहना कि शहर में स्थिरता के लिए यह कानून जरूरी। वहीं, आलोचकों का कहना है कि असंतोष का दमन करने और हॉन्गकॉन्ग की स्वायत्तता को कमजोर करने के लिए इस कानून को लाया गया है।

बता दें कि हॉन्गकॉन्ग चीन का एक विशेष प्रशासनिक क्षेत्र है और इसमें ‘एक देश, दो प्रणाली‘ सिद्धांत लागू है। इसके तहत शहर को कुछ स्वतंत्रता हासिल है। इन डॉक्टरों के वकीलों को उम्मीद है कि इन्हें एक महीने के भीतर रिहा किया सकता है, क्योंकि वे एक साल से अधिक समय जेल में बिता चुके हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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