फ्रांस के तिरंगे झंडे को शैतानी बताने वाले इमाम को देश से निकाल दिया गया। इस इमाम ने एक ऑनलाइन वीडियो में झंडे को शैतानी बताया था, इमाम को पहले फ्रांस की सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ्तार किया, फिर उसे देश से निकाल बाहर फेंका। यह पूरी कार्रवाई 12 घंटे के भीतर हो गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अफ्रीकी देश ट्यूनीशिया से 38 साल पहले फ्रांस आए महजूब महजूबी ने हाल ही में एक ऑनलाइन वीडियो में फ्रांस के नीले, लाल और सफ़ेद रंग की पट्टियों वाले तिरंगे झंडे को शैतानी (Satanic) बताया था। उसने कहा यह झंडा शैतानी है और इसमें अल्लाह से जुड़ा कोई महत्व नहीं है।
कुछ समय बाद इमाम की यह वीडियो वायरल ही गई और इमाम पर कार्रवाई की माँग होने लगी। इसके बाद इमाम को गिरफ्तार कर लिया गया और उसे वापस ट्यूनीशिया भेजे जाने की कार्रवाई फ्रांस सरकार ने अगले 12 घंटों में ही पूरी करके उसे देश निकाला दे दिया।
महजूबी फ्रांस के एक छोटे शहर में एक मस्जिद का इमाम था। हालाँकि, इमाम ने झंडे को शैतानी बताने को लेकर माफ़ी भी मांगी। उसने कहा कि उसकी जुबान फिसल गई थी जिसके कारण उसने ऐसा कहा। इस विषय में फ्रेंच मीडिया ने उसे देश निकाला दिए जाने सम्बंधित आदेश की कॉपी भी प्रकाशित की।
इसमें बताया गया कि इमाम महजूबी मात्र फ्रांस के झंडे के खिलाफ ही नहीं बल्कि यहूदियों के खिलाफ भी जहर उगलता था। बताया गया कि वह महिला विरोधी बातें करता था और जिहादी मानसिकता को बढ़ावा देता था। उसका दृष्टिकोण फ्रांस के मूल्यों से मेल नहीं खा रहा था।
इमाम के निकाले जाने को लेकर कहा, “कट्टरपंथी इमाम महजूब महजूबी को देश की सीमाओं से 12 घंटे के भीतर बाहर कर दिया गया है। यह दिखाता है कि नए इमिग्रेशन कानून के बिना यह संभव नहीं होता, यह फ्रांस को मजबूत करता है। हम किसी को ऐसे ही नहीं छोड़ देंगे।”
« L’Imam » radical Mahjoub Mahjoubi vient d’être expulsé du territoire national, moins de 12h après son interpellation.
— Gérald DARMANIN (@GDarmanin) February 22, 2024
C’est la démonstration que la loi Immigration, sans laquelle une telle expulsion aussi rapide n’aurait pas été possible, rend la France plus forte. Nous ne…
फ्रांस के सरकारी मीडिया फ्रांस24 ने बताया कि मौलाना ने इस निर्णय के खिलाफ अपील करने को कहा है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि उसके फ्रांस में पाँच बच्चे 1980 से लेकर अब तक हो चुके हैं। उसके बच्चों के पास फ्रांस की नागरिकता है, उसे फ्रांस में रहने की अनुमति दी गई थी लेकिन अब यह हटा ली गई है। इमाम वापस ट्यूनीशिया पहुँच गया है।