फ्रांस के एक स्वतंत्र आयोग ने अपनी जाँच में कैथोलिक चर्च में हुए बच्चों के यौन शोषण को लेकर जो आँकड़े दिए हैं वो वाकई खौफनाक हैं। आयोग का अनुमान है कि फ्रांस के कैथोलिक चर्च में पादरी, अधिकारी व अन्य लोगों ने मिलकर 1950 के बाद से 216,000 से ज्यादा बच्चों का यौन शोषण किया। कुछ रिपोर्ट इन आँकड़ों को 3 लाख 30 हजार के करीब बता रही हैं।
French clergy have sexually abused more than 200,000 children over the past 70 years, a major investigation has found.
— CBC News (@CBCNews) October 5, 2021
Its authors accuse the Catholic Church of turning a blind eye for too long. https://t.co/yhXAdg08K8
रिपोर्ट जारी करने वाले आयोग के अध्यक्ष ज्यां मार्क सौवे ने कहा कि यह अनुमान वैज्ञानिक अनुसंधान पर आधारित है। इसमें पादरियों और चर्च से संबद्ध लोगों और अन्य व्यक्तियों द्वारा उत्पीड़न के मामले शामिल हैं।
सौवे ने कहा कि यौन उत्पीड़न के शिकार होने वालों में 80 प्रतिशत लड़के थे जबकि बाकी अन्य लड़कियाँ थीं। रिपोर्ट यह भी बताती है कि बच्चों का उत्पीड़न 3000 से ज्यादा पीडोफाइल द्वारा किया गया। इनमें से दो तिहाई पादरी थे।
French clergy sexually abused over 200,000 children since 1950, report finds
— Amrita Bhinder 🇮🇳 (@amritabhinder) October 5, 2021
The revelations in France are the latest to rock the Roman Catholic Church, after a series of sexual abuse scandals around the world, often involving children. https://t.co/OoOSbepqs5
इस रिपोर्ट की बाबत मंगलवार (अक्टूबर 5, 2021) को पोप ने दुख जाहिर किया और घटना के संबंध में पीड़ितों से माफी माँगी। वेटिकन प्रवक्ता ने बताया कि पोप ने स्वतंत्र आयोग की जाँच में सामने आए निष्कर्ष को दर्दनाक कहा। फ्रेंच में जारी एक बयान में प्रवक्ता माटेओ ब्रूनी ने कहा, “उनके विचार सबसे पहले पीड़ितों की ओर जाते हैं, उनके (पीड़ितों के) दर्द पर बहुत दुख है और बोलने के उनके साहस के लिए आभार है।”
उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले फ्रांस के स्वतंत्र आयोग ने अपनी जाँच में कैथोलिक चर्चों में 2,900 से 3,200 पीडोफाइल (एक प्रकार की मानसिक बीमारी, जिसमें व्यक्ति बच्चों के साथ सेक्स करने की इच्छा रखता है) की उपस्थिति का अनुमान लगाया था। फ्रांस के चर्चों के स्कैंडल और बाल शोषण के मामलों की जाँच के लिए इस आयोग को 2018 में गठित किया गया था। इस बात की जानकारी अंतर्राष्ट्रीय न्यूज एजेंसी एएफपी ने दी थी।
करीब 2500 पन्नों की आयोग की रिपोर्ट में साल 1950 से चर्चों में काम करने वाले पीडोफाइल के न्यूनतम अनुमानों को दिखाया गया। एएफपी ने बताया कि आयोग का गठन फ्रेंच कैथोलिक चर्च और दुनिया के अन्य चर्चों में हुए सेक्स स्कैंडल के बाद किया गया था। आयोग में कानून, चिकित्सा, इतिहास, समाजशास्त्र और धर्मशास्त्र सहित विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ 22 सदस्य शामिल हैं।
फ्रांस के बिशप कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष एरिक डी मौलिन्स-ब्यूफोर्ट ने बताया था कि आयोग की रिपोर्ट ‘महत्वपूर्ण’ और ‘भयावह’ आँकड़े उजागर करेगी। हालाँकि, यह स्पष्ट नहीं है कि कैथोलिक चर्च संदिग्ध पीडोफाइल के खिलाफ किस तरह की प्रतिक्रिया देगा। एएफपी के मुताबिक, ऐसे मामलों में आपराधिक मुकदमा चलाने की संभावना बहुत कम होती है।