पाकिस्तानी महिला अधिकार कार्यकर्ता गुलालाई इस्माइल ने एक बार फिर से अपने ही देश का चेहरा बेनकाब कर दिया है। गुलालाई इस्माइल का आरोप है पाकिस्तान की एजेंसियाँ वहाँ की उन औरतों में डर पैदा करना चाहती हैं जो अपने अधिकारों का इस्तेमाल करने की हिम्मत दिखाती हैं। उनका कहना है कि पाकिस्तान ऐसे लोगों को निशाना बना रहा है, जो अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं।
इस्माइल ने दावा किया है कि उनके पिता को गुरुवार (अक्टूबर 24, 2019) को ‘मिलिट्री पोशाक’ पहने लोगों ने पेशावर हाइकोर्ट से बाहर से किडनैप कर लिया। वो कहती हैं कि पाकिस्तानी एजेंसियों ने ऐसा इसलिए किया है ताकि उनकी आवाज को दबाया जा सके। गुलालाई इस्माइल ने ट्वीट करते हुए लिखा कि उनके पिता का अपहरण कर पाकिस्तान उन महिलाओं को आतंकित करने की कोशिश कर रहा है, जिन्होंने उनके पिता का समर्थन किया और पाकिस्तान से असहमति जताई। अब पाकिस्तान ऐसे लोगों को आतंक के नाम पर डराने की कोशिश कर रहा है।
Abduction of my father attempt to terrorise Pakistanis who dare to use ‘conditional rights’: Gulalai Ismail
— ANI Digital (@ani_digital) October 24, 2019
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गुलालाई इस्माइल ने एक पाकिस्तानी मानवाधिकार कार्यकर्ता के ट्वीट का जवाब देते हुए यह बात कही, जिन्होंने उनके पिता को जेल में यातनाएँ दिए जाने को लेकर चिंता व्यक्त की थी। गुलालाई इस्माइल फिलहाल अमेरिका में राजनीति शरण की माँग कर रही हैं। बता दें कि इस्माइल पर पाकिस्तान में राजद्रोह का आरोप लगाया गया था। जिसके बाद सितंबर में वह पाकिस्तान छोड़कर अमेरिका चली गई थीं।
U.S State department is concerned about the detention of my father. By persecuting citizens for exercising their human rights Pakistan is damaging its own reputation. https://t.co/TVCZDO2kbc
— Gulalai_Ismail (@Gulalai_Ismail) October 24, 2019
पिछले महीने न्यू यॉर्क में मीडिया के साथ बातचीत के दौरान भी इस्माइल ने इस्लामाबाद में अपने माता-पिता की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की थी। न्यू यॉर्क की सड़कों पर इस्लामाबाद के अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने वाले अल्पसंख्यकों के लिए इस्माइल उम्मीद का नया चेहरा बन गई हैं। पिछले महीने इस्माइल को न्यू यॉर्क की सड़कों पर देखा गया था, जो पाकिस्तान में दशकों से अल्पसंख्यकों का सामना कर रहे दुर्दशा और शोषण को उजागर करता है। इस्माइल ने कहा था, “पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान द्वारा खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में तानाशाही है।”
गौरतलब है कि एक पाकिस्तानी अदालत ने राष्ट्रीय संस्थानों को खराब करने से संबंधित एक मामले में इस्माइल के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था। इस्माइल ने इस गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट को देश की खुफिया एजेंसी आईएसआई के समक्ष तुष्टिकरण के समान माना था। उन्होंने इस गौर-जमानती वारंट का जवाब देते हुए लिखा था, “ISI को ख़ुश करने के लिए पाकिस्तान की अदालतें यही सब करती हैं।” अदालत की रिपोर्ट में कहा गया था कि अगर 21 अक्टूबर को इस्माइल अदालत के समक्ष पेश नहीं होती है, तो उसे ‘घोषित अपराधी’ घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।