खालिस्तानी आतंकवादी और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का प्रमुख मुहम्मद हाफिज सईद का करीबी सहयोगी, गोपाल सिंह चावला ने घोषणा की है कि वह भारत में चल रहे ‘किसानों के विरोध के समर्थन में पाकिस्तान में एक ट्रैक्टर रैली का आयोजन करेगा।
चावला ने 2 मिनट का वीडियो जारी कर यह घोषणा की है। चावला ने वीडियो में कहा कि भारत में पारित किए गए नए कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे किसानों के विरोध के साथ एकजुटता दिखाते हुए पाकिस्तान में एक ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा चावला को वीडियो के जरिए लोगों को बरगलाते हुए भी सुना गया। उसने आरोप लगाया कि पिछले साल विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से ही मोदी सरकार द्वारा सैकड़ों किसानों को मार दिया गया था।
कथिततौर पर आतंकी गोपाल चावला ने कहा, “पिछले कई महीनों से भारत में किसानों पर जुल्म हो रहा है। किसानों के लिए मोदी वह बिल ले आया है जो किसानों को मंजूर नहीं है। मोदी टस से मस नहीं हो रहा है। सैकड़ों किसान शहीद हो चुके हैं, मुझे इसकी बहुत तकलीफ है। हम किसानों के समर्थन में एक ट्रैक्टर रैली निकालेंगे जो ननकाना साहिब से शुरू होगी और वाघा बॉर्डर तक जाएगी। चावला कहता कि बलूचिस्तान, पेशावर और लाहौर से भी ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी। ये सभी रैलियाँ वाघा बॉर्डर पर मिलेंगी।”
उसने आगे कहा, “हम दुनिया भर के किसानों को बताएँगे कि हम एकजुट हैं। जो कोई भी धरने पर बैठा है वह अन्नदाता है, वे सभी का पेट भरते हैं। इसलिए मैं सभी से रैली में शामिल होने की अपील करता हूँ।”
गौरतलब है कि इसी तरह दिल्ली की सीमा पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के बाद 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली का आह्वान किया गया था। जिसके चलते गणतंत्र दिवस पर हुए ट्रैक्टर रैली के दौरान, प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजधानी में काफी उत्पात मचाया और पुलिस बैरिकेड्स को तोड़ते हुए हिंसा को अंजाम दिया।
हजारों प्रदर्शनकारियों ने लाल किले पर भी धावा बोल दिया और इसकी प्राचीर पर खालिस्तानी झंडे को फहराकर भारत की संप्रभुता के प्रतीक को अपमानित किया। रैली के मद्देनजर जो हिंसा हुई उसमें 300 से अधिक पुलिस कर्मियों को गंभीर चोटें आईं। प्रदर्शनकारियों द्वारा बसों, निजी कारों और सरकारी संपत्तियों की भी तोड़फोड़ की गई थी।
उल्लेखनीय है कि चावला एक ISI आतंकी है और उस पर भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप है। वह लश्कर प्रमुख हाफिज सईद के भी करीब है, जिसे वह पाकिस्तान का “मसीहा” कहता है। भारत सरकार ने 2018 में पाकिस्तान को एक दस्तावेज सौंपते हुए यह दावा किया था कि चावला भारत विरोधी भावनाओं को भड़काने में लिप्त है।
इससे पहले 2018 में करतारपुर यात्रा के दौरान कॉन्ग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू और खालिस्तानी आतंकवादी गोपाल चावला को लेकर काफी कॉन्ट्रोवर्सी हुई थी। दरअसल, चावला ने अपने फेसबुक अकाउंट पर कॉन्ग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बगल में खड़े हो कर एक तस्वीर पोस्ट की थी।
इसके अलावा खालिस्तान का कट्टर समर्थक गोपाल सिंह चावला पंजाबी सिखों के लिए एक अलग राष्ट्र माँगने वाला और खालिस्तानी आतंकवादी संगठनों का सक्रिय सदस्य भी हैं। उसपर हाल ही में अमृतसर में एक निरंकारी सभा में बम विस्फोट में शामिल होने का संदेह है, जिसमें तीन लोग मारे गए थे।
माना जाता है कि गोपाल चावला पाकिस्तान प्रायोजित लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी हाफिज सईद का करीबी सहयोगी है और भारत के खिलाफ आतंकी साजिश रचने के लिए ISI के संपर्क में भी है। गोपाल सिंह चावला ‘सिख रेफरेंडम 2020’ के पीछे के मुख्य सदस्यों में भी हैं और नियमित रूप से भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहा हैं।