पाकिस्तान (Pakistan) में जारी सियासी ड्रामे का शनिवार (9 अप्रैल 2022) को अंतत: पटाक्षेप हो गया और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के प्रमुख इमरान खान (Imran Khan) जाते-जाते इतिहास रच गए। शनिवार की देर रात और रविवार के तड़के तक पाकिस्तान में चली गहमा-गहमी और संसद में मारपीट के बाद इमरान खान अविश्वास प्रस्ताव हार गए और वे मुल्क के पहले ऐसे प्रधानमंत्री बन गए, जो जिनकी कुर्सी विश्वास मत हारकर गई है।
देर रात तक सुप्रीम कोर्ट और सेना सत्ता और विपक्षी दलों की कार्यवाही पर नजर बनाए रखा। इस दौरान 342 सदस्यीय संसद में अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 174 वोट पड़े। मतदान से कुछ देर पहले स्पीकर द्वारा इस्तीफा देने के बाद PML-N के अयाज सादिक ने स्पीकर के रूप में संविधान के अनुरूप इमरान खान के पावर सीज का ऐलान कर दिया।
इमरान खान पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं, जिनकी कुर्सी अविश्वास प्रस्ताव हारने के बाद गई है। इसके पहले साल प्रधानमंत्री के रूप में 1989 में बेनजीर भुट्टो और साल 2006 में शौकत अजीज अविश्वास प्रस्ताव जीत गए थे।
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स्पीकर ने विपक्ष के संयुक्त नेता और PML-N के अध्यक्ष शहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) को प्रधानमंत्री के रूप में आमंत्रित किया। शहबाज सोमवार को सदन में अपना बहुमत साबित करेंगे। इस दौरान शहबाज शरीफ ने कहा कि वे बदले की राजनीति में विश्वास नहीं करते। उन्होंने कहा, “मैं अतीत की कड़वाहट में वापस नहीं जाना चाहता। हम उन्हें भूलकर आगे बढ़ना चाहते हैं। हम बदला नहीं लेंगे या अन्याय नहीं करेंगे। हम लोगों को बिना किसी कारण के जेल नहीं भेजेंगे। कानून और न्याय अपना काम करेगा।”
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नई सरकार को समर्थन देने वाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के प्रमुख बिलावल भुट्टो ने कहा कि लोकतंत्र से बढ़कर कुछ नहीं है। देशवासियों का ‘पुराना पाकिस्तान’ में स्वागत है। नई सरकार में मौलाना फजलुर्रहमान की भी महत्वपूर्ण भूमिका है।