पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सऊदी अरब की यात्रा के लिए विमान को अपने हवाई क्षेत्र उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया है। इस बार भारत ने अंतरराष्ट्रीय सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन (ICAO) के समक्ष यह मुद्दा उठाया है। संयुक्त राष्ट्र की जनरल एसेंबली में जाने के लिए भी पाकिस्तान ने पीएम नरेंद्र मोदी के विमान को हवाई क्षेत्र देने से मना कर दिया था।
दरअसल, ICAO के तय दिशा-निर्देशों के अनुसार अन्य देशों द्वारा ओवरफ्लाइट की मँजूरी माँगी जाती है और दी जाती है। भारत ने ICAO के समक्ष यह मामला उठाते हुए कहा कि पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय नियमों पर न चलने के अपने फ़ैसले पर विचार करना चाहिए। साथ ही साथ एकतरफा कार्रवाई करने के कारणों को ग़लत तरीके से पेश करने की पुरानी आदत पर भी विचार करना चाहिए।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि हमें पाकिस्तान सरकार की ओर से वीवीआईपी विशेष उड़ान के लिए ओवरफ्लाइट क्लीयरेंस से इनकार करने के फ़ैसले पर अफ़सोस है। यह तो किसी भी सामान्य देश द्वारा नियमित रूप से प्रदान किया जाता है। प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार (29 अक्टूबर) को सऊदी अरब जाएँगे, जहाँ वो अंतरराष्ट्रीय व्यापार शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे और खाड़ी देश के नेतृत्व से बातचीत करेंगे।
ख़बर के अनुसार, पाकिस्तानी रेडियो ने विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के हवाले से कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी के विमान को पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। कुरैशी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार के कथित उल्लंघन के मद्देनज़र यह फैसला लिया गया है।
जम्मू और कश्मीर में कथित मानवाधिकारों के उल्लंघन की उसी पुरानी बयानबाज़ी का हवाला देते हुए, पाकिस्तान ने रविवार (27 अक्टूबर) को पीएम मोदी के विमान को सऊदी अरब की यात्रा के लिए अपने हवाई क्षेत्र देने के भारत को इनकार कर दिया।
इससे पहले, पाकिस्तान ने सितंबर में पीएम मोदी की अमेरिका की उड़ान के लिए अपने हवाई क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति से इनकार कर दिया था। तब भी, भारत ने पाकिस्तान से एकतरफ़ा कार्रवाई करने के कारणों को ग़लत बताने की अपनी पुरानी आदत पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था, लेकिन वो व्यर्थ था। कमज़ोर दिमाग वाले देश ने तब भी टस से मस होने से मना कर दिया था।
इसी तरह, पाकिस्तानी अधिकारियों ने 7 सितंबर को भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अपनी निर्धारित विदेश यात्रा के लिए हवाई क्षेत्र से उड़ान भरने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।