हाल ही में पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने यह स्वीकार किया कि 2019 में पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों में कड़वाहट आई। इस हमले में भारतीय सुरक्षा बलों के 40 जवानों की मौत हुई थी। भारत ने इसके बाद पाकिस्तान से व्यापार लगभग समाप्त करते हुए उसके उत्पादों पर 200% की इम्पोर्ट ड्यूटी लगा दी थी।
इस घटना के बाद, भारत ने घोषणा की थी कि पाकिस्तान को ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ या MFN का दर्जा नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा भारत ने पाकिस्तान से आने वाले सभी उत्पादों पर 200% इम्पोर्ट ड्यूटी लगा दी। इससे भारत में आतंकी भेजने वाले पाकिस्तान को भारी झटका आर्थिक फ्रंट पर लगा।
India has withdrawn MFN status to Pakistan after the Pulwama incident. Upon withdrawal, basic customs duty on all goods exported from Pakistan to India has been raised to 200% with immediate effect. #Pulwama
— Arun Jaitley (@arunjaitley) February 16, 2019
इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के भीतर बालाकोट में एयर स्ट्राइक भी की। पाकिस्तान पर की गई आर्थिक स्ट्राइक को लेकर तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, ”पुलवामा घटना के बाद भारत ने पाकिस्तान से MFN का दर्जा वापस ले लिया है। इस नए एक्शन के बाद पाकिस्तान से भारत आने वाली सभी सामानों पर 200% की इम्पोर्ट ड्यूटी लगाई जाएगी”
पाकिस्तान के मंत्री ने मानी नुकसान की बात
पाकिस्तान के मंत्री इशाक डार का यह बयान शर्मिला साहिबा फारुकी हाशम द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में दिया गया। इशाक डार से पूछा गया था कि उन्हें भारत के साथ रिश्ते सुधारने में क्या समस्या आ रही हैं।
भारत से रिश्ते सुधारने को लेकर डार ने दावा किया कि पाकिस्तान भारत के साथ सहयोग वाले रिश्ता रखना चाहता है। इशाक डार ने अपने बयान में जम्मू कश्मीर को एक विवादित क्षेत्र बताया। डार ने दावा किया कि भारत ने ऐसी परिस्थितयां बनाई हैं कि अब दोनों देशों के बीच शांति और सहयोग नहीं हो पा रहा।
डार ने कहा जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना अवैध था और भारत कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन करता है। उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले के बाद भारत ने पकिस्तान से आयात पर 200% इम्पोर्ट ड्यूटी लगा दी और कश्मीर से पाकिस्तान जाने वाली बसें भी बंद कर दी। डार ने यह भी मानने से इनकार किया कि वह भारत में आतंक फैलाता है।
200% इम्पोर्ट ड्यूटी से पाकिस्तान पर पड़ा असर
भारत द्वारा 200% इम्पोर्ट ड्यूटी के कारण पाकिस्तान अब भारत को माल नहीं भेज पा रहा। भारत उसका एक प्रमुख बाजार हुआ करता था। पाकिस्तान भारत को कपड़ा और कृषि उत्पादों भेजता थ। डार ने इस मामले में कहा, “भारी इम्पोर्ट ड्यूटी लगाए जाने के कारण भारत के साथ व्यापार संबंधों के धीमे पड़ने से हमारे निर्यात पर गंभीर रूप से प्रभाव पड़ा है।” उनके इस बयान साफ़ हो गया कि भारत के एक्शन ने पाकिस्तान पर काफी फर्क डाला है।
डार ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के व्यापारी भारत के साथ व्यापार चालू करना चाहते हैं लेकिन अभी ऐसी कोई योजना नहीं है। भारतीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के पास उपलब्ध आँकड़ों के अनुसार, भारत ने वित्त वर्ष 2016-17 और 2018-19 के बीच पाकिस्तान से 450 मिलियन डॉलर (लगभग ₹4,000 करोड़) से अधिक का सामान खरीदा था।
लेकिन जब से 200% इम्पोर्ट ड्यूटी लगी है, यह घट कर 2019-20 में 14 मिलियन डॉलर (लगभग ₹116 करोड़) हो गया। इसके बाद 2020-21 में मात्र 2 मिलियन डॉलर(₹ 16 करोड़) पर आ गया। तब से इसमें तेजी से गिरावट आई। 2023-24 में यह मात्र 3 मिलियन डॉलर (लगभग ₹24 करोड़) पर आ गया। इस दौरान भारत से पाकिस्तान भेजा जाने वाला समान भी घटा, लेकिन उसमें इतनी गिरावट नहीं दर्ज की गई, जितनी पाकिस्तान से आने वाले समान में दर्ज हुई।
भारत ने उठाया सही कदम
जहाँ एक और भारत में मणिशंकर अय्यर और फारूक अब्दुल्ला जैसे नेता पाकिस्तान के साथ ‘सामान्य’ रिश्ते चाहते हैं, वहीं पाकिस्तान के खिलाफ भारत द्वारा की गई एकदम सही है और पाकिस्तान के आतंकवाद को बढ़ावा देने के कारण जरूरी भी हैं। भारत द्वारा डाला गया आर्थिक दबाव इस बात का स्पष्ट संदेश है कि किसी भी प्रकार की आक्रामकता का कड़ा विरोध किया जाएगा। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को निशाना बनाकर, भारत ने उसकी आतंक की फैक्ट्रियों को कमजोर करने में सक्षम रहा है।
वैसे भी पाकिस्तान ने बार-बार कहा है कि जब तक मंत्री नरेंद्र मोदी या भाजपा सत्ता में है, तब तक भारत के साथ ‘सामान्य’ संबंध संभव नहीं हैं। हाल ही में, पूर्व पाकिस्तानी मंत्री फवाद चौधरी ने लोकसभा चुनाव 2024 में कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी को समर्थन दिया।
क्या है भविष्य की संभावना
पीएम मोदी के सत्ता में वापस आने की उम्मीद है, इन परिस्थितयों में पाकिस्तान से व्यापार दोबारा चालू होने के आसार नहीं दिखाई पड़ते, भले ही पाकिस्तान और भारत में कुछ लोग इसका ख्वाब देखते हों। वहीं दूसरी तरफ आने वाले वर्षों में पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति और खराब होने की आशंका है, जिससे वह भारत के खिलाफ आतंक को और पोषित नहीं कर पाएगा।
पाकिस्तान के साथ किसी भी बातचीत पर तब तक आगे नहीं बढ़ा जाना चाहिए जब तक वह आतंक को पैसा देना और पोषित करना बंद ना कर दे। साथ ही उसे जम्मू कश्मीर पर से भी दावा छोड़ना होगा। हालाँकि, यह काम पाकिस्तान कभी नहीं करेगा। ऐसे में भारत की वर्तमान नीति सफल मालूम होती है।