पाकिस्तान के राजनीतिक दल मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (MQM) के नेता अल्ताफ हुसैन ने संयुक्त राष्ट्र, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारतीय संसद और ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से पाकिस्तान के कब्जे से सिंध और बलूचिस्तान को आजाद कराने की अपील की है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले इन दो क्षेत्रों के लोग दयनीय स्थिति में हैं और मदद के लिए संयुक्त राष्ट्र, ब्रिटेन और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत की ओर देख रहे हैं। इन लोकतांत्रिक देशों को पाकिस्तान के कब्जे वाले इन दो क्षेत्रों के लोगों की अपील को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के अनुसार इनकी स्वतंत्रता के लिए अपने प्रभाव और व्यावहारिक समर्थन को अमल में लाना चाहिए।
पाक सेना ने इन दो शहरों को आतंक का अड्डा बना दिया
हुसैन ने कहा कि भारत सहित पड़ोसी देशों में आतंक को निर्यात करने वाली पाकिस्तान की सेना ने इन दोनों राज्यों को तालिबान, आईएसआईएस, लश्कर-ए-झंगवी (एलईजे), लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) जैसे आतंकवादी संगठनों के लिए एक सुरक्षित आश्रय में बदल दिया है। इस प्रकार की गतिविधि से पूरी दुनिया की शांति गंभीर रूप से दाँव पर है।
हुसैन ने कहा कि सिंध और बलूचिस्तान को पंजाब (पाकिस्तानी राज्य) और पाकिस्तानी सेना चीन के हाथों बेच दी है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले सिंध और बलूचिस्तान के लोगों की माँग पर चुप्पी पाकिस्तान की राक्षसी सेना को दुनिया भर के लाखों लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने देने के समान होगी।
भारत का विभाजन मानव इतिहास की सबसे बड़ी गलती: हुसैन
हुसैन ने कहा कि 1947 में हुआ भारत का विभाजन मानव इतिहास की सबसे बड़ी गलती थी। इसके कारण न केवल भूगोल का विभाजन हुआ, बल्कि लाखों लोगों का विस्थापन, परिवारों का विभाजन और लाखों महिलाएँ दुष्कर्म की शिकार हुईं। उन्होंने यह भी कहा कि विभाजन गरीब मुजाहिरों द्वारा नहीं, बल्कि मुस्लिम नवाबों, सामंतों और धनाढ्य अभिजात वर्ग द्वारा किया गया था, जो अंग्रेजों के एजेंट बन गए थे। उन्होंने एक साथ मिलकर भारत को विभाजित किया और हजारों वर्षों से साथ रहने वाले हिंदू-मुस्लिम एक-दूसरे के दुश्मन बन गए।
हुसैन ने कहा, “हर साल ईद, होली और दिवाली पर पाकिस्तान-भारत की सीमा पर सैनिक उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं और एक-दूसरे को गले लगाते हैं, लेकिन जब हम भारत और पाकिस्तान के बीच दोस्ती की बात करते हैं तो हम पर भारत समर्थक होने का आरोप लगाया जाता है।” एमक्यूएम सुप्रीमो ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनकी सरकार, भारतीय संसद और लोगों से अपील की कि भारत का विभाजन पूर्वजों की गलती थी। उन्होंने बहुत बड़ा पाप किया और मुहाजिरों (भारत से पाकिस्तान जाने वाले मुस्लिमों) को इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है।
उन्होंने कहा कि सिंध और बलूचिस्तान अलग होता है तो वे पाकिस्तान के साथ नहीं, बल्कि यूरोपीय संघ की तर्ज पर भारत के साथ एक संघ बनाएँगे। उन्होंने पीएम मोदी से आग्रह किया कि पाकिस्तान में मुहाजिरों के लिए कोई जगह नहीं बची है। ऐसे में भारत को मुजाहिरों के लिए अपने दरवाजे खोलने चाहिए। उन्होंने कहा, “मैं वादा करता हूँ कि हम इतिहास की गलती को पलटेंगे और अपने काम से इस दयालुता का कर्ज चुकाएँगे।”
कौन हैं अल्ताफ हुसैन?
अल्ताफ हुसैन लंबे समय से लंदन में निर्वासित जीवन बिता रहे हैं। अल्ताफ लंदन से ही अपनी राजनीतिक पार्टी एमक्यूएम की गतिविधियों को संचालित करते हैं। पाकिस्तान सरकार की तरफ से उनके ऊपर देशद्रोह समेत कई मामले दर्ज किए गए हैं। हुसैन को भारत समर्थक माना जाता है। भारत से इस तरह की अपील वह पहले भी कई बार चुके हैं।
उनका आरोप है कि बँटवारे के बाद भारत से पाकिस्तान आने वाले मुस्लिमों को वहाँ की सरकारों धोखा दिया है। उन लोगों को अलग समझकर उनके खिलाफ षड़यंत्र रचे गए और उन्हें जेलों में ठूंसा गया और यातनाएँ दी गईं। सरकारी नौकरियों का भी लाभ उन्हें कभी नहीं मिल सका। अल्ताफ हुसैन समय-समय पर पाकिस्तान सरकार और सेना की कारगुजारियों को सामने लाते रहते हैं।