कई मौकों पर विश्व समाज को ये देखने को मिला है कि भारत के लिए मानवीय संवेदनाएँ हमेशा ही सबसे ऊपर रहीं हैं। यही कारण है कि अपने पड़ोसी देशों से लेकर सुदूर देशों तक जहाँ भी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं, वहाँ मदद के लिए भारत का हाथ जरूर पहुँच जाता है। हालिया उदाहरण अफगानिस्तान का है, जिसे भारत सरकार द्वारा चिकित्सा सहायता सामग्रियाँ भेजी गई है।
भारत सरकार द्वारा यह चिकित्सा सामग्री शनिवार (20 अगस्त, 2022) को काबुल के इंदिरा गाँधी हॉस्पिटल को सौंपी गई है। इसके सम्बन्ध में विदेश मंत्रालय द्वारा कहा गया है कि भारत ने मानवीय सहायता के रूप में चिकित्सा सामग्री की 10वीं खेप भेजी है।
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) द्वारा की गई अपील के बाद से अब तक भारत ने 32 टन चिकित्सा सहायता सामग्री अफगानिस्तान के लोगों के लिए भेजी है। विदेश मंत्रालय द्वारा बताया गया है कि यह 10वीं चिकित्सा सहायता आपूर्ति थी, जिसमें आवश्यक जीवन रक्षक दवाएँ, टीबी रोधी दवाएँ और कोविड-19 (कोरोना वायरस) के टीकों की 5 लाख खुराक भी भेजी गई हैं।
भारत ने सबसे पहले बढ़ाया था सहायता का हाथ
उल्लेखनीय है कि जून के आखिरी सप्ताह में आए भूकंप और तेजी से फैले कोरोना संक्रमण के बाद अफगानिस्तान की हालत बेहद नाजुक हो गई थी। ऐसे में उसे मानवीय सहायता की आवश्यकता थी। तब भारत ने सबसे पहले सहायता का हाथ बढ़ाया था।
बता दें कि भारत सरकार अफगानिस्तान के मौजूदा हालातों को लेकर बेहद सजग है। अफगानिस्तान में भले ही तालिबान का शासन आ गया हो, लेकिन भारत ने वहाँ के आम लोगों को मानवीय मदद देना जारी रखा है। भारत ने इसी साल जून में अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में अपने दूतावास में एक “तकनीकी टीम” को तैनात करके अपनी राजनयिक उपस्थिति को एक बार फिर से स्थापित किया है।
यही नहीं, अफगानिस्तान के भारतीय दूतावास में अब कामकाज भी शुरू हो चुका है। ज्ञात हो जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था, तब काबुल स्थित भारतीय दूतावास को अस्थाई तौर पर बंद कर दिया गया था। लेकिन, अब हालात सामान्य होते ही एक बार फिर भारतीय दूतावास में काम शुरू हो गया है।