भारतीय मूल के समीर बनर्जी विंबलडन जूनियर विजेता बन गए हैं। ‘विंबलडन बॉयज’ का ख़िताब जीतने के बाद उनकी लोकप्रियता में भी इजाफा हुआ है। उन्होंने पिछले सप्ताह लंदन में आयोजित हुए इस टूर्नामेंट के ‘बॉयज सिंगल’ कैटेगरी में ये ख़िताब अपने नाम किया। रविवार (11 जुलाई, 2021) को उन्होंने ‘ऑल इंग्लैंड क्लब’ के फाइनल में अमेरिकी-भारतीय खिलाड़ी समीर बनर्जी ने अमेरिका के ही विक्टर लिलोव को 7-5, 6-3 से हराया।
17 वर्ष के समीर बनर्जी पिछले 6 वर्षों में जूनियर विंबलडन चैंपियनशिप की ट्रॉफी अपने नाम करने वाले पहले अमेरिकी खिलाड़ी हैं। साथ ही वो पिछले 12 वर्षों में युकी भांबरी के बाद जूनियर सिंगल्स का ख़िताब जीतने वाले पहले ऐसे टेनिस खिलाड़ी हैं, जो भारतीय मूल के हैं। समीर बनर्जी के पिता कुणाल असम से ताल्लुक रखते हैं और उनकी माँ उषा आंध्र प्रदेश से हैं। उन्होंने अपना नाम उन भारतीय या भारतीय मूल के खिलाड़ियों की सूची में दर्ज किया, जिन्होंने ये ख़िताब जीत रखा है।
1954 में रामनाथ कृष्णन ने जूनियर सिंबलडन चैंपियनशिप की ट्रॉफी अपने नाम की थी। ऐसा करने वाले वो पहले खिलाड़ी थे। उनके बेटे रमेश कृष्णन ने पिता की इस उपलब्धि को 1970 में दोहराया। 1990 में लिएंडर पेस ने ये कारनामा किया। रमेश कृष्णन ने 1970 में ही जूनियर फ्रेंच ओपन के फाइनल में भी विजय हासिल की थी। वहीं 1990 में ही लिएंडर पेस ने भी यूएस ओपन का टाइटल जीता था।
लिएंडर पेस जैसे बड़े खिलाड़ी के नक्शेकदम पर चलने की बात पर समीर बनर्जी ने कहा कि ये उनके लिए गर्व की बात है। उन्होंने उन सभी भारतीय प्रशंसकों का धन्यवाद किया, जिन्होंने पूरे टूर्नामेंट के दौरा उनकी हौंसला-अफ़ज़ाई की। उन्होंने बताया कि वो कई बार भारत गए हैं और नई दिल्ली के हौज खास में स्थित आरके खन्ना स्टेडियम में टेनिस भी खेला है। उन्होंने कहा कि भले ही वो अमेरिका की तरफ से खेलते हों, लेकिन वो भारत का प्रतिनिधित्व भी करते हैं।
Remember the name – Samir Banerjee 🇺🇸
— Wimbledon (@Wimbledon) July 11, 2021
The American wins his first junior Grand Slam singles title by beating Victor Lilov in the boys' singles final#Wimbledon pic.twitter.com/Xc3ueczg5m
मात्र 5-6 साल की उम्र में ही समीर बनर्जी ने खेल में रुचि लेनी शुरू कर दी थी। वीकेंड्स पर वो अपने पिता के साथ खेलने जाते थे। तब वो बेसबॉल और फुटबॉल भी खेला करते थे। लेकिन, उम्र के साथ-साथ उन्हें टेनिस काफी अच्छा लगने लगा और वो इस तरफ आकर्षित होने लगे। उन्होंने कहा कि इसमें हार-जीत उन पर ही निर्भर करता है और इस खेल में जो चुनौतियाँ हैं, उन्हें वो पसंद करते हैं।
उन्होंने कहा कि भविष्य में उन्हें बड़े-बड़े टूर्नामेंट्स में भाग लेना होगा और आशा है कि वहाँ भी वो जीतेंगे। समीर बनर्जी फ़िलहाल न्यू जर्सी में रहते हैं। वो आने वाले महीनों में राजनीतिक विज्ञान या अर्थशास्त्र में कोलंबिया यूनिवर्सिटी से डिग्री के लिए पढ़ाई करेंगे, इसीलिए वो खेल से कुछ समय के लिए ब्रेक लेंगे। समीर बनर्जी ने अपनी जीत पर कहा कि बड़े लक्ष्य की जगह जब वो वो कम उम्मीदों के साथ मैदान में उतरते हैं, तो कमाल करते हैं।