खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू को अमेरिका में मरवाने के लिए सुपारी देने के आरोपित भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को चेक गणराज्य से अमेरिका प्रत्यर्पित कर दिया गया है। निखिल गुप्ता को अमेरिका की एक जेल में रखा गया है। उसे अमेरिका के एक कोर्ट में पेश किया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, निखिल गुप्ता को इस सप्ताह के अंत (15-16 जून, 2024) में अमेरिका लाया गया है। अभी उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई को आगे बढ़ाया जा रहा है। निखिल गुप्ता ने चेक गणराज्य से प्रत्यर्पण से बचने के लिए वहाँ के स्थानीय कोर्ट में याचिका भी लगाई थी लेकिन मई, 2024 में कोर्ट ने उसके प्रत्यर्पण का रास्ता साफ़ कर दिया था। इससे पहले फरवरी, 2024 में इस पर रोक लगाई गई थी।
कोर्ट ने इस दौरान कहा था कि गुप्ता को प्रत्यर्पित किए जाने से उनके मूलभूत अधिकारों को लेकर कोई खतरा नहीं उत्पन्न होता है, ऐसे में उन्हें प्रत्यर्पित जा सकता है। इसके बाद उनके अमेरिका जाने का रास्ता साफ़ हो गया था। अब यह खबर आई है कि उसे अमेरिका भेज दिया गया है। निखिल गुप्ता जून 2023 से ही चेक गणराज्य में था।
गौरतलब है कि अमेरिका के जस्टिस विभाग ने आरोप लगाए थे कि निखिल गुप्ता अमेरिका में खालिस्तानी आतंकी गुरवतपन्त सिंह पन्नू को मरवाने की साजिश में शामिल था। निखिल गुप्ता पर आरोप था कि उसने अमेरिका में पन्नू को मारने के लिए एक हत्यारे को सुपारी दी।
अमेरिका ने आरोप लगाया था कि निखिल गुप्ता ने 1 लाख डॉलर (लगभग ₹83 लाख) पन्नू को मारने के लिए दिए थे। निखिल गुप्ता पर अमेरिका की एजेंसियों की आरोप ने लगाया था कि वह भारतीय खुफिया एजेंसियों से मिल कर काम कर रहा था और और यह सुपारी उसने भारतीय एजेंटों के कहने पर ही दी थी। इसके लिए 15,000 डॉलर का अग्रिम भुगतान किया गया था।
निखिल गुप्ता ने जिसको पैसे दिए थे वह अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का ही सदस्य था। इसी कारण से पूरा मामला खुलने की बात कही गई थी। निखिल गुप्ता के परिवार ने इस बीच आरोप लगाया था कि निखिल को बीफ और पोर्क खिलाया जा रहा था जो उनके धार्मिक मूल्यों के विरुद्ध है।
इस मामले में भारत ने अमेरिका के आरोपण को खारिज किया है कि वह पन्नू को मारने की साजिश जैसी कोई बात थी और इस पूरे मामले में जाँच के लिए एक कमेटी गठित की है। निखिल गुप्ता के अमेरिका प्रत्यर्पित किए जाने को लेकर विदेश मंत्रालय ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।