पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने शुक्रवार (अगस्त 09, 2019) को संसद में कश्मीर मुद्दे पर बात रखते हुए ‘पूर्वी पाकिस्तान’ की जंग के समय को याद करते हुए इंदिरा गाँधी का जिक्र किया। इंदिरा का हवाला देते हुए उन्होंने जो कुछ कहा वह कॉन्ग्रेस की परेशानी बढ़ा सकता है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, जरदारी ने सनसनीखेज दावा करते हुए कहा कि 1971 की जंग के बाद इंदिरा गाँधी ने हजारों एकड़ जमीन पाकिस्तान को लौटाई थी। उन्होंने कहा कि 1971 की जंग में 90,000 कैदी भारत के पास थे। इसके अलावा हजारों एकड़ जमीन भी भारत के कब्जे में थी। तब पूर्व पीएम जुल्फिकार अली भुट्टो ने इंदिरा से बातचीत की। इसके बाद इंदिरा गाँधी ने सैनिक भी लौटाए और हमारी जमीन भी वापस की।
जरदारी ने पाकिस्तान की संसद में कहा कि आर्टिकल 370 को निष्प्रभावी किया जाना पूर्वी पाकिस्तान जैसी बड़ी समस्या है। इस समझने के लिए हमें इतिहास का सहारा लेना होगा। जरदारी ने अपने भाषण में भारत के पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर सेकुलर मूल्यों को खत्म करने का आरोप लगाया।
जरदारी ने कहा- “हम ईस्ट पाकिस्तान की जंग हारे थे। मैं इस पर नहीं जाना चाहता। इसके बहुत से मसले हैं, लेकिन हमारा आधा अंग टूट चुका था। इसी तरह आज कश्मीर का हमारा आधा अंग टूट चुका है। कश्मीर और भारत के मुसलमानों को जिन्ना की यह बात समझ आ गई है कि दो राष्ट्र का सिद्धांत ही चलेगा। उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के बयानों का हवाला देते हुए जरदारी ने कहा कि कश्मीर की लीडरशिप खुद कह रही है कि हमने गलती की कि हमने भारत का साथ दिया। यह बात समझने के लिए हमें दूरदृष्टि चाहिए।”
इसके साथ ही जरदारी ने पाकिस्तान सरकार को संयुक्त राष्ट्र अमीरात, चीन, रूस, ईरान के राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात करने का भी सुझाव दिया।