ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई को हिज्बुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत के बाद सुरक्षा कारणों से सुरक्षित स्थान पर भेजा गया है। इजरायल के हवाई हमले में नसरल्लाह के मारे जाने की खबर के बाद, क्षेत्र में तनाव चरम पर है। ईरान हिज्बुल्लाह और अन्य सहयोगियों के साथ निकट संपर्क में है और इजरायल के खिलाफ रणनीति तैयार कर रहा है।
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई ने इजरायल की क्रूरता की निंदा करते हुए कहा कि वह(ईरान) लेबनान के साथ खड़ा है। ईरान ने मुस्लिम देशों को इजरायल के खिलाफ एकजुट होने की अपील की है। फिलहाल उन्हें सुरक्षित जगह पर भेजा जा चुका है। बता दें कि इजरायल ने ईरान की राजधानी में अपने सबसे बड़े दुश्मनों से एक हमास के चीफ इस्माइल हानिया को ढेर कर दिया था। ऐसे में ईरान को डर है कि कहीं इजरायल वैसा ही कदम न उठा ले। इस बीच, इजरायल में भी हाई अलर्ट जारी किया जा चुका है।
हिज्बुल्लाह प्रमुख की मौत के बाद लेबनान के प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई है। इस बैठक में क्षेत्रीय सुरक्षा, इजरायल के बढ़ते हमले और हिज्बुल्लाह के भविष्य को लेकर विचार-विमर्श हो रहा है। मिकाती ने कहा कि यह बैठक लेबनान की सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए बेहद जरूरी है।
ईरान और हिज्बुल्लाह के बीच संपर्क और भी गहरा हो गया है। ईरान ने हिज्बुल्लाह को सैन्य और रणनीतिक समर्थन देने की पुष्टि की है और पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ाने वाली इजरायली गतिविधियों की आलोचना की है। नसरल्लाह की मौत के बाद, ईरान ने मुस्लिम देशों की बैठक (ओआईसी) बुलाने का प्रस्ताव रखा है, ताकि इस क्षेत्रीय संकट का हल निकाला जा सके।
इजरायल ने हिज्बुल्लाह के खिलाफ लगातार हवाई हमले किए हैं, जिससे लेबनान की राजधानी बेरूत में व्यापक विनाश हुआ है। इजरायली सेना का कहना है कि उन्होंने हिज्बुल्लाह के केंद्रीय ठिकाने पर हमला कर नसरल्लाह को खत्म कर दिया है, हालाँकि हिज्बुल्लाह ने अभी तक इस बारे में कोई बयान नहीं दिया है। इजरायल की इन कार्रवाइयों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई देशों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। लेबनान ने ईरानी विमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसके बाद ईरान से आ रहे एक विमान को वापस लौटना पड़ा।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस संघर्ष को ‘आवश्यक’ बताते हुए कहा कि हिज्बुल्लाह और उसके समर्थकों से निपटना जरूरी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इजरायल अपनी सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा और हिज्बुल्लाह के खिलाफ यह अभियान जारी रहेगा। वहीं, इजरायल ने नसरल्लाह को मारने के बाद हाई अलर्ट जारी किया है।
हिज्बुल्लाह और ईरान के ऐतिहासिक संबंध
ईरान और हिज्बुल्लाह के बीच लंबे समय से गहरे राजनीतिक और सैन्य संबंध हैं। नसरल्लाह की मौत के बाद, ईरान के नेता खामेनेई ने हिज्बुल्लाह को अपने समर्थन का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि इजरायल ने गाजा युद्ध से कोई सबक नहीं सीखा और यह मूर्खतापूर्ण रणनीति उसे ही नुकसान पहुँचाएगी। ईरान ने यह भी साफ कर दिया है कि वह लेबनान के साथ मजबूती से खड़ा है और इजरायल की क्रूरता को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उजागर करेगा।
ईरान ने इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) की आपात बैठक की माँग की है, ताकि मुस्लिम देशों के बीच एकजुटता बढ़ाई जा सके और इजरायल के खिलाफ सामूहिक रुख अपनाया जा सके। ईरान का यह कदम पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच क्षेत्रीय स्थिरता के लिए अहम साबित हो सकता है।
नसरल्लाह की मौत के बाद, हिज्बुल्लाह के भविष्य को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं। ईरान और हिज्बुल्लाह के सहयोगियों के बीच इस पर विचार किया जा रहा है कि अब अगला कदम क्या होगा। इजरायल के खिलाफ किसी बड़े जवाबी हमले की आशंका बनी हुई है, जिससे पूरे क्षेत्र में और ज्यादा हिंसा फैल सकती है।