पाकिस्तान में लोग महंगाई और आर्थिक संकट के कारण भूखे मर रहे हैं, लेकिन इस्लामी कट्टरता है कि जाने का नाम नहीं ले रही है। पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार भी लोगों का ध्यान भटकाने के लिए ईशनिंदा कानून को और कठोर करने जा रही है। इसका परिणाम ये हो रहा है कि पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून से सस्ती लोगों की जिंदगी बन गई है।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के ननकाना साहिब में शनिवार (11 फरवरी 2023) को इस्लामवादियों की उन्मादी भीड़ ने दिनदहाड़े एक शख्स की पीट-पीट कर हत्या कर दी। इतना नहीं, उसे सार्वजनिक रूप से आग के हवाले कर दिया। इस घटना को लेकर पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हो रही है। मानवाधिकार समूहों ने शहबाज सरकार पर सवाल उठाए हैं।
Like in Priyantha Kumara case, the latest victim of blasphemy-related lynching in Pakistan too has been set on fire with religious chants – the fate reserved for kafirs as per their twisted worldview pic.twitter.com/R9TwVvAgPr
— Swati Goel Sharma (@swati_gs) February 11, 2023
रिपोर्टों के अनुसार, कथित तौर पर ईशनिंदा के आरोप में 20 साल के मोहम्मद वारिस नाम के व्यक्ति को पुलिस हिरासत में रखा गया था। इसकी खबर जैसे ही चरमपंथियों को लगी, वे एक बड़े समूह में आकर वारबर्टन पुलिस स्टेशन की घेराबंदी कर दी।
पुलिस स्टेशन पहुँच कर उन्मादी भीड़ ने थाने और आसपास जमकर तोड़फोड़ की। मोहम्मद वारिस को पकड़कर भीड़ ने बुरी तरह पीटा शुरू कर दिया। इस मारपीट के बाद भीड़ ने जिंदा ही उसके शरीर को आग में आग लगा दी। इस दौरान पुलिस चुपचाप देखती रही और भीड़ को रोकने की कोशिश नहीं की।
इस घटना का एक वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी इस घटना के जाँच के आदेश दिए हैं। शहबाज शरीफ ने कहा कि जब उन्मादियों ने मृतक को पकड़ने की कोशिश की, तब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश क्यों नहीं की?
🚨 NEWS ALERT:
— Voicepk.net (@voicepkdotnet) February 11, 2023
An enraged mob in Punjab's Nanka Sahib district has lynched a #blasphemy suspect after attacking a police station and set his body on fire. The suspect was under the police custody.#Nankana #Nankanaincident #Punjab pic.twitter.com/E9wSM9dWbB
वीडियो में चरमपंथी भीड़ थाने की दीवार फांदती नजर आ रही है। इस बीच, स्थानीय प्रशासन ने स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) फिरोज भट्ट और ननकाना साहिब सर्किल के डिप्टी एसपी नवाज वारक को निलंबित कर दिया है। प्रशासन ने संबंधित अधिकारियों से मामले की रिपोर्ट भी माँगी थी।
पत्रकार मुबशिर जैदी द्वारा साझा किए गए एक अन्य वीडियो में यह देखा जा सकता है कि बैकपैक पहने हुए छोटे बच्चे भी कथित आरोपित को पीट-पीटकर मार डालने वाली भीड़ का हिस्सा थे। इसके अलावा, विजुअल्स से इस्लामवादियों द्वारा पुलिस स्टेशन को हुए नुकसान का भी पता चला।
A mob lynched a person, who was arrested by police on #blasphemy charges, after attacking a police station in Nankana Sahab, Punjab, #Pakistan pic.twitter.com/qPR2g72Pqs
— Mubashir Zaidi (@Xadeejournalist) February 11, 2023
पंजाब पुलिस के आधिकारिक हैंडल से किए गए ट्वीट में कहा गया है, “नानकाना में कुरान का अपमान करने के आरोप में एक नागरिक की लोगों द्वारा हत्या करने की जानाकारी आईजी पंजाब को मिली है। वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर पहुँचकर जाँच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया जाता है। घटना के लिए जिम्मेदार लोगों और लापरवाही एवं अक्षमता के अपराधियों के खिलाफ सख्त विभागीय और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
آئی جی پنجاب کا ننکانہ میں شہریوں کی جانب سے قرآن کی بے حرمتی کے الزام میں شہری کی ہلاکت کے واقعہ کا نوٹس۔اعلیٰ افسران کو موقعہ پر پہنچ کر انکوائری رپورٹ پیش کرنے کا حکم۔
— Punjab Police Official (@OfficialDPRPP) February 11, 2023
واقعہ کے ذمہ داروں جبکہ غفلت اور کوتاہی کے مرتکب کے خلاف سخت محکمانہ اور قانونی کاروائی عمل میں لائی جائے گی pic.twitter.com/DZsRIQHzHt
यह पहली बार नहीं है जब इस तरह की घटना सामने आई है। फरवरी 2022 में खानेवाल जिले के एक दूरदराज के गाँव में कुरान के कथित अपमान को लेकर भीड़ ने एक अधेड़ व्यक्ति को मारा डाला था। उस अधेड़ व्यक्ति पर तब तक पत्थर मारे गए, जब तक वह मर नहीं गया।
दिसंबर 2021 में प्रियंता कुमारा नाम की एक श्रीलंकाई प्रबंधक को पाकिस्तान के सियालकोट में इस्लामी भीड़ ने मौत के घाट उतार दिया था। एक वायरल वीडियो में इस जघन्य अपराध में शामिल दो आरोपितों ने कहा था, “कागज पर हुसैन का नाम लिखा हुआ था। उसने कागज फाड़कर फेंक दिया। मैंने अपने सहयोगी को सूचित किया कि यह गलत था। मैंने प्रबंधन से बात भी की थी और हम कारण इकट्ठे हुए थे।”
उसने आगे कहा था, “हमने उस पर तेल डाला और उसे आग लगा दी। जो कोई भी ईशनिंदा करेगा, उसके साथ भी वैसा ही सलूक किया जाएगा। हम पैगंबर मुहम्मद के लिए अपनी जान कुर्बान करने के लिए तैयार हैं। हमारी हदीस में यह उल्लेख है कि हमें उन लोगों का सिर कलम करना चाहिए, जो हमारे नबियों का अपमान करते हैं।”
पाकिस्तान की सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज (CRSS) की एक रिपोर्ट में कहा कि आजादी के बाद से देश में ईशनिंदा के 1,415 आरोपों में 89 नागरिक मारे गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 1947 से 2021 तक ईशनिंदा के आरोप में 18 महिलाओं और 71 पुरुषों की हत्या कर दी गई। 107 महिलाओं और 1,308 पुरुषों के खिलाफ आरोप लगाए गए थे।