फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के युद्ध विराम की माँग को ठुकराने के बाद इजरायल अब ग्राउंड लेवल पर भी एक्शन में आ रहा है। खबर है कि इजरायल की ओर से जहाँ अब तक केवल एयर स्ट्राइक करके गाजा को जवाब दिया जा रहा था, वहीं अब जमीनी कार्रवाई के लिए सेना ने मोर्चा संभाला है।
कथित तौर पर गाजा की सीमा के पास सेना की 2 टुकड़ियों के साथ एक हथियारबंद टुकड़ी को तैनात किया गया है। इसके अलावा कम से कम 7000 रिजर्व सैनिकों को भी बुलाया गया है। सीमा के आस-पास रहने वाले लोगों को बंकर में जाने के निर्देश दे दिए गए हैं, क्योंकि हो सकता है कि हमास की ओर से भी जवाबी कार्रवाई हो।
IDF की कार्रवाई
IDF ने अपने ट्वीट में गाजा पर की गई अब तक की कार्रवाई को साझा किया है। साथ ही ये भी बताया है कि अगर इजरायल में मरने वालों की संख्या कम है तो इसका मतलब ये नहीं है कि गाजा से हमले नहीं हो रहे। बल्कि इसका ये अर्थ है कि IDF अपने लोगों को प्रोटेक्ट कर रहा है।
— Israel Defense Forces (@IDF) May 14, 2021
IDF के मुताबिक, गाजा से इजरायल की तरफ अब तक 1750 रॉकेट छोड़े गए। जिनसे 7 इजरायली नागरिकों की मौत हुई है और 523 घायल हुए हैं। हमास और इस्लामी जिहादियों ने स्कूल, अस्पातल, बस और तमाम घरों को निशाना बनाया। इसके बदले IDF ने उनकी उस बिल्डिंग को तबाह किया, जहाँ से वह आतंकी दफ्तर चलाते थे।
— Israel Defense Forces (@IDF) May 14, 2021
सीमा में अभी नहीं घुसी इजरायली सेना
इससे पहले ग्राउंड पर सेना भेजने को लेकर खबर आई थी कि इजरायल डिफेंस फोर्स चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल अवीव कोहावी के पास ग्राउंड अटैक के लिए ड्राफ्ट तैयार कर भेजा गया है। जनरल से मँजूरी मिलने पर इसे नेतन्याहू और उनकी कैबिनेट के पास भेजा जाएगा और उसके बाद एक्शन होगा।
इसके बाद ग्राउंड लेवल पर इजरायली सेना के एक्शन पर आधिकारिक तौर पर अभी अधिक जानकारी नहीं आई। लेकिन सैन्य मामलों के संवाददाताओं जिन्हें सशस्त्र बलों द्वारा ब्रीफ किया गया, उन्होंने साफ किया कि अभी गाजा में जमीन पर आक्रमण नहीं हुआ। इजरायली सेना अपनी ही सीमा में रहकर तोपों से फायरिंग कर रही है।
वहीं गाजा सीमा के पास रहने वालों ने भी इस बात को नकारा कि इजरायली सेना के ग्राउंड हमले को लेकर उन्हें कोई साइन दिखा। लेकिन तोप से अटैक और एयर स्ट्राइक जरूर की गई।
भारी कीमत वसूलेंगे गाजा से: इजरायली PM
गुरुवार को IDF के ट्वीट के बाद ये अटकलें लगनी शुरू हुई थी कि IDF हवाई और जमीन से इस समय गाजा पट्टी पर हमला बोल रही है। हालाँकि बाद में IDF ने इस बात का स्पष्टीकरण दिया कि अभी वह गाजा पट्टी में नहीं घुसे हैं जैसा कि पहले बयान से लग रहा था।
इस बीच प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी अपने बयान में कहा, “मैंने कहा था कि हम हमास से बहुत भारी कीमत वसूलेंगे। हम कर रहे हैं और भारी मात्रा में करते रहेंगे। अंतिम शब्द नहीं कहा गया है। जब तक जरूरी होगा, हमारा ऑपरेशन जारी रहेगा।”
इधर, हमास इस्लामी गुट के प्रवक्ता अबू उमेदा ने साफ किया है कि उनका समूह जमीन पर आक्रमण से नहीं डरता। उनके लिए यह मौका उन्हें पकड़ने का होगा, जिन्होंने उनके सिपाहियों को मारा।
बता दें कि संघर्ष शुरू होने के बाद से इजरायल पर 1700 से ज्यादा रॉकेट दागे गए हैं। जवाब में गाजा में करीब 700 से ज्यादा ठिकानों को इजरायली सेना अब तक निशाना बना चुकी है। गाज़ा में हमास के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, चार दिन की लड़ाई में अब तक कम-से-कम 103 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें 27 बच्चे भी शामिल हैं।
दूसरी ओर अरब उपद्रवियों ने भी इजरायल के भीतर माहौल बिगाड़ना शुरू कर दिया है। हालातों के मद्देनजर इजरायल पुलिस ने कम से कम 400 लोगों को गिरफ्तार किया है। गाजा पर सख्त रुख अपनाने का आह्वान कर चुके रक्षा मंत्री ने देश में हो रही झड़पों को रोकने के लिए सुरक्षाबलों को निर्देश दिए हैं। उन्होंने फलीस्तीनियों के लिए मई 12, 202 शाम को बयान जारी करके बताया कि वे ऐसे हमले तब तक नहीं रोकेंगे, जब तक दुश्मन पूरी तरह शांत नहीं होते।
हमास की युद्ध विराम की अपील को इजरायल ने ठुकराया
उल्लेखनीय है कि हमास के वरिष्ठ नेता मौसा अबू मरजूक ने गुट के 9 कमांडरों के मरने के बाद रूसी विदेश मंत्री (मध्य पूर्व के मुद्दों को देखने वाले) मिखाइल बोगदानोव से फोन पर युद्ध विराम का प्रस्ताव रखा था। लेकिन युद्ध विराम की अपील को इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ठुकरा दिया है। इजरायल की सरकार ने कहा है कि आने वाले 6 महीने या साल भर में वे कुछ ऐसा करेंगे जो उन्होंने अब तक नहीं किया।
हमास पर किसी तरह की दया दिखाने की बात नामंजूर करने वाले इजरायल ने बुधवार को बमबारी में गाजा की कई जगहों को निशाना बनाया था। इस क्रम में कई बिल्डिंग तबाह हुई थीं और सुरक्षा प्रतिष्ठानों को भी धमाके में उड़ा दिया गया था। इसमें से एक 14 मंजिला इमारत थी जिसमें IDF के अनुसार हमास का मिलिट्रि इंटेलिजेंस का दफ्तर था।