मध्य पूर्व के देश लेबनान के भीतर मंगलवार (17 सितम्बर, 2024) को हजारों धमाके एक साथ हुए। यह धमाके संदेश भेजने-पाने के लिए उपयोग में लाए जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पेजर में हुए। लेबनान और पड़ोसी देश सीरिया के भीतर हजारों पेजर एक साथ फट गए। इस कारण लगभग 3000 लोग घायल हुए हैं, 9 लोगों की मौत की भी सूचना है। घायल होने वाले अधिकांश लोग इस्लामी आतंकी संगठन हिजबुल्लाह से जुड़े हुए थे। पेजर में धमाके करने का आरोप हिजबुल्लाह ने इजरायल पर लगाया है।
यह अभी साफ़ नहीं हो सका है कि एक साथ इतने पेजरों में धमाके कैसे हुए। इसको लेकर अलग-अलग थ्योरी चलाई जा रही हैं। कहीं यह कहा जा रहा है कि पेजरों को एक सिग्नल भेज कर धमाका कर दिया गया तो कहीं कोई और तरीका इस संबंध में बताया गया। लेबनान के लोगों ने भी इस संबंध में इजरायल पर आरोप लगाए हैं।
बैटरी गरम करके किया धमाका?
लेबनान के भीतर हुए धमाकों में देखा गया कि पेजर इकट्ठे गरम हो कर फट गए। इनमें तेज धमाके हुए और इनको रखने वाले के साथ ही आसपास के लोग इसकी चपेट में आ गए। इस कारण बड़ी संख्या में लोग घायल हुए। सबसे पहले कहा गया कि इन हजारों पेजरों के बीच के सिग्नल को इजरायल ने हैक कर लिया और इसमें ऐसी फ्रीक्वेंसी के संदेश भेजे जिससे उनकी बैटरी गरम हो गई और उसमें विस्फोट हो गया। हालाँकि, इसके विरोध में तर्क दिया गया कि बैटरियों में गरम हो कर आग नहीं लगी और वह सीधे फट ही गए, ऐसा इस तरीके से नहीं हो सकता।
पेजरों में कर दी गड़बड़?
पेजरों में हुई गड़बड़ के पीछे एक और थ्योरी यह दी जा रही है कि इजरायल ने इन पेजरों की आपूर्ति के बीच में ही गड़बड़ कर दी। बताया गया कि 5000 पेजर ताइवान से मँगाए गए थे और इसी साल की शुरुआत में हिजबुल्लाह के पास पहुँचे थे। लेबनान से जुड़े लोगों ने मीडिया को बताया कि इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने इन पेजरों के भीतर एक ऐसा बोर्ड लगाया जिससे धमाका हुआ। इस बोर्ड को आसानी से पहचाना नहीं जा सकता और इसी कारण हिजबुल्लाह इस बारे में अनभिज्ञ रहा।
यह भी कहा जा रहा है कि इजरायल ने यह पेजर हिजबुल्लाह के पास पहुँचने से पहले ही इनमें यह गड़बड़ कर दी और जब यह हिजबुल्लाह के लोगों के पास पहुँचे तो उनमें धमाका कर दिया। लेबनान के लोगों ने बताया कि इन पेजर में पड़े बोर्ड को जब मोसाद ने एक कोड वाला मैसेज भेजा तो यह फट गए। हालाँकि, इन पेजरों में इनको बनाने वाली फैक्ट्री में छेड़छाड़ हुई या फिर रास्ते में कहीं पर इनमें बोर्ड डाले गए, इसको लेकर अभी कोई जानकारी नहीं है।
हिजबुल्लाह के लोगों के पास फटने वाले पेजरों के भीतर 3 ग्राम विस्फोटक रखने की बात भी सामने आई है। कहा गया है कि इतनी छोटी मात्रा में पेजरों के भीतर रखा गया विस्फोटक हिजबुल्लाह पहचान नहीं पाया और उसने इन्हें अपने लोगों के बीच बाँट दिया। इसके बाद जब इजरायल ने सही मौक़ा देखा तो इनके भीतर धमाका कर दिया। हालाँकि, अभी इस थ्योरी को लेकर कोई पुष्टि नहीं हो सकी है, लेकिन इस धमाके का निशाना हिजबुल्लाह के लोग बने हैं, इसलिए पूरा शक इजरायल की तरफ है।
पेजर का इस्तेमाल क्यों करते हैं हिजबुल्लाह के लोग?
हिजबुल्लाह पर हुए इस पेजर हमले के बीच यह प्रश्न भी उठा कि आखिर यह हजारों करोड़ का मालिक यह आतंकी समूह दशकों पुरानी तकनीक पर क्यों निर्भर है। बताया गया कि हिजबुल्लाह ने कई सालों से अपने आतंकियों और बाकी लोगों के फोन उपयोग करने पर प्रतिबंध लगा रखा है। ऐसा इसलिए क्योंकि इजरायल इन्हें हैक कर सकता है और बातचीत सुन कर बड़ा नुकसान पहुँचा सकता है। पेजर का इस्तेमाल इसकी तकनीक साधारण और आसानी से हैक ना हो पाने के कारण किया जाता है। इजरायल ने इसमें भी सेंध लगा दी।
कंपनी ने नकारे दावे, हिजबुल्लाह ने बोला- बदला लेंगे
ताइवान की जिस कंपनी से यह पेजर मँगाए जाने की बात कही जा रही है, उसने यह सभी दावे नकार दिए हैं। ताइवान की गोल्ड अपोलो कंपनी ने कहा है कि उसने हिजबुल्लाह के पास पहुँचने वाले पेजर नहीं बनाए थे। गोल्ड अपोलो ने बताया है कि यूरोप की एक कंपनी पेजर बनाती है और उसने गोल्ड अपोलो से ही लाइसेंस ले रखा है।
इसीलिए फटने वाले पेजरों पर गोल्ड अपोलो का स्टीकर लगा हुआ था और डिजाइन भी वही थी जो गोल्ड अपोलो के पेजरों पर थी। हिजबुल्लाह ने इस घटना के बाद कहा है कि वह बदला लेंगे और उसने इजरायल को ही इसका जिम्मेदार माना है।