ईरान के सर्वोच्च कट्टरपंथी नेता अयातोल्लाह अली खामनेई को लेकर कई मीडिया रिपोर्टों में खबर आ रही है कि उनकी हालत गंभीर है और माना जा रहा है कि आने वाले समय में खामनेई की सत्ता को उनके बेटे जवान खामनेई को सौंपा जाएगा। ये खबर ऐसे समय में सामने आई है जब पिछले दिनों खामनेई ने ईरानी सेना को इजरायल के खिलाफ युद्ध के लिए तैयार रहने का आदेश दिया था और इजरायल ने पहले ही उनपर हमला कर दिया।
ये हमला 80 के दशक में इराक के साथ युद्ध समाप्त होने के बाद हुए ईरान पर हुए बड़े हमलों में से एक है। 1980 से 1988 के बीच जब ईरान-इराक युद्ध चला था उस समय ईरान की अर्थव्यवस्था को 600 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ था और 10 लाख से ज्यादा लोगों की जान गई थी। उस युद्ध ने जिस तरह ईरानी समाज पर गहरा असर डाला था वैसे ही इजरायल हमले के बाद ईरान का हाल हुआ है।
इजरायल हाल में 100 से अधिक फाइटर जेट्स को छोड़ ईरान पर हवाई हमले कराए थे। हमला तीन घंटे तक चला था और इस दौरान ईरान के सैन्य ठिकानों और बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम को निशाना बनाते हुए ताबड़तोड़ अटैक हुए थे। ये अटैक तीन चरण में अंजाम दिए गए थे –
- हमले के दौरान में ईरान की बैलिस्टिक मिसाइलों के लिए ठोस ईंधन बनाने वाली यूनिट पूरी तरह से नष्ट हो गई थी।
- इसके अलावा इजरायली सूत्रों से पता चला था कि 12 ‘प्लेनेटरी मिक्सर’ जो ईरान की लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों के लिए आवश्यक चीज थी उनको भी इस हमले में ध्वस्त कर दिया गया।
- ऐसे ही चार एस-300 एयर डिफेंस बैटरियों को भी नष्ट किया गया, जो ईरान की परमाणु और ऊर्जा सुविधाओं की रक्षा कर रही थीं।
“I can now confirm that we have concluded the Israeli response to Iran’s attacks against Israel. We conducted targeted and precise strikes on military targets in Iran — thwarting immediate threats to the State of Israel.”
— Israel Defense Forces (@IDF) October 26, 2024
Watch IDF Spokesperson RAdm. Daniel Hagari talk about the… pic.twitter.com/1OOss3etpV
ये हमला चूँकि 1 अक्टूबर को ईरान द्वारा किए गए हमले के जवाब में किया गया था इसलिए इजरायल ने इस कार्रवाई को ‘बदले का दिन (Days of Repentance)’ नाम दिया और आज इसकी तस्वीरें भी सामने आई हैं। चौंकने वाली बात ये है कि तस्वीरों में फायटर जेट को चलाने वाली महिलाएँ पायलटों दिख रही हैं।
इन तस्वीरों को जारी करते हुए इजरायल ने सिर्फ ये नहीं बताया कि उनके सैन्य अभियानों में महिला फाइटर्स की बराबर भागीदारी है या फिर उनके देश में लिंग समानता को महत्व दिया जा रहा है बल्कि ये महिला फायटरों के जरिए ईरान पर हमला कराने का संदेश साफ है कि खामनेई के नेतृत्व में ईरान जिन महिलाओं को खुले में घूमने की आजादी तक नहीं देता वो अगर अपने पर आ जाएँ तो क्या कर सकती हैं।
The @IDF released some images of the 🇮🇱 Air Force preparing for last night’s successful strike on the Islamic Republic of Iran 🇮🇷.
— Israel ישראל (@Israel) October 26, 2024
Notably, several female pilots took part in this historic mission. pic.twitter.com/nypTB40O31
ईरान में हुआ हिजाब प्रदर्शन
याद दिला दें कि यही वो ईरान है जहाँ साल 2022 में एक 22 वर्षीय महिला महसा अमीनी को मोरल पुलिस ने इसलिए पीट-पीटकर मार डाला था क्योंकि उसने हिजाब ढंग से नहीं पहना था। इस एक मौत ने ईरान के सैंकड़ों लोगों को रोष से भर दिया था और महिलाएँ अपनी आजादी की आवाज लेकर सड़कों पर उतर आई थीं। जगह-जगह हिजाब उतारकर महिलाओं ने अपना प्रदर्शन किया था।कट्टरपंथी नेताओं के खिलाफ आवाज उठाई गई थी। मार्च निकले थे, प्रदर्शन हुए थे।
In 21st century, taking off the hijab is a punishable crime in Iran. These brave women waving their hijab in the city of Shiraz to protest against the regime.
— Masih Alinejad 🏳️ (@AlinejadMasih) October 1, 2022
To day across Iran people took to the streets. #مهسا_امینی pic.twitter.com/5mA7odmJd7
शुरुआत में ईरान की कट्टरपंथी पुलिस ने अत्यधिक बल प्रयोग करके प्रदर्शनकारियों को शांत कराने का प्रयास किया और यथास्थिति दिखाने वाले पत्रकारों को गिरफ्तार करने की कोशिश की। लेकिन जब तमाम अत्याचारों के बाद आवाजें उठना बंद नहीं हुई जब ईरान सरकार को फैसला लेकर मोरैलटी पुलिस को खत्म करना पड़ा जिनका काम महिलाओं पर नजर बनाए रखना था कि वो इस्लामी तौर-तरीकों के हिसाब से रह रही हैं या नहीं।
ईरान में महिलाओं की ‘आजादी’- एक संघर्ष
इस पूरे प्रदर्शन में दो हफ्तों के भीतर 83 के करीब लोगों की मौत हुई थी और कई लोगों को सरकार ने बाद में फाँसी भी दी। तमाम मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इस प्रदर्शन को रोकने के लिए ईरान सरकार द्वारा दिखाई सख्ती के खिलाफ आवाज उठाई लेकिन फर्क कुछ नहीं पड़ा। आज भी भले मोरैलिटी पुलिस खत्म हो गई है लेकिन महिलाओं को ऐसी आजादी नहीं मिली है कि वो पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर चल सकें युद्ध में लड़ने की बात तो दूर है। वहाँ कहने को महिलाएँ कानून सैन्य सेवा कर सकती हैं लेकिन ये तो तब होगा न जब उन्हें सेना में भर्ती होने या फिर पदोन्नति का मौका दिया जाएगा। ऐसे देश पर महिलाओं फाइटर पायलटों से हमला कराकर इजरायल ने बड़ा संदेश दिया है।