अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के गुरुद्वारे पर हुए हमले का मास्टरमाइंड दबोचा गया है। अफ़ग़ानिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने एक ऑपरेशन में आतंकी संगठन ‘इस्लामिक स्टेट खोरासन प्रोविंस (ISKP) के सरगना मौलवी अब्दुल्ला उर्फ़ असलम फ़ारूक़ी को गिरफ्तार किया। उसी ने पूरे हमले की साजिश रची थी। वह पाकिस्तानी नागरिक है और पहले आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ था। इसके बाद वो तहरीक-ए-तालिबान में सक्रिय रहा। फिर आईएसकेपी का प्रमुख बना। उससे पहले ये जिम्मेदारी अबू उमर खोरासनी निभा रहा था।
Pakistani national Mawlawi Abdullah, who was earlier associated with the proscribed Lashkar-e-Tayebba (LeT) group & then Tehreek-e-Taliban terror group, replaced Mawlawi Zia-ul-Haq aka Abu Omar Khorasani as ISKP chief in April 2019. (2/2) https://t.co/TbYZTKzxyl
— ANI (@ANI) April 4, 2020
अब्दुल्ला ने ISKP की कमान अप्रैल 2019 में सँभाली थी। अफ़ग़ानिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी ‘नेशनल डायरेक्टरेट ऑफ़ सिक्योरिटी (NDS)’ ने एक प्रेस रिलीज का जरिए खोरासन के सरगना के गिरफ़्तारी की पुष्टि की है। एजेंसी ने बताया कि असलम फ़ारूक़ के तार लश्कर के साथ-साथ हक्कानी और पाकिस्तान के अन्य आतंकी संगठनों से भी जुड़े हुए हैं। उसके अलावा 4 अन्य पाकिस्तानी आतंकियों को भी गिरफ़्तार किया गया। ये भी आईएसआईएस से जुड़े हैं। इनमें मोसदुल्लाह और ख़ान मोहम्मद खैबर पख्तूनख्वा का है, वहीं सलमान कराची का और अली मोहम्मद इस्लामाबाद का रहने वाला है।
Four Pakistani nationals & ISIS members – Masoudullah from Khyber Pakhtunkhwa, Khan Mohammad from Khyber Pakhtunkhwa, Salman from Karachi, & Ali Mohammad from Islamabad have also been arrested: Sources https://t.co/IVp2bMK7ko pic.twitter.com/9259IUvN86
— ANI (@ANI) April 4, 2020
बता दें कि काबुल में गुरुद्वारा पर 25 मार्च को हमला किया गया था। हमले में 27 लोगों की मौत हो गई थी। इस्लामिक स्टेट ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। हमले के दौरान एक फिदायीन ने खुद को उड़ा लिया था। इसके बाद उसके साथी अंधाधुंध फायरिंग करते हुए गुरुद्वारे में घुस गए और लोगों को बंधक बना लिया। जवानों ने आतंकियों को ढेर कर लोगों को मुक्त कराया था। हमले के बाद ISKP ने फिदायीन हमलावर का नाम अबू खालिद-अल-हिन्दी बताया था। अबू खालिद कोई और नहीं केरल दुकानदार मोहम्मद साजिद था, जो चार साल पहले चौदह लोगों के साथ ISIS ज्वाइन करने निकल गया था। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि अबू खालिद-अल-हिन्दी जिसका एक और नाम अब्दुल खयूम भी है, केरल के कासरगोड का रहने वाला है, जो साल 2015 में अफगानिस्तान में जाकर इस्लामिक स्टेट का आतंकी बन गया था।
कुछ मीडिया रिपोर्ट में खुफिया सूत्रों के हवाले से बताया गया था कि ये आतंकी पहले भारतीयों को मारने के लिए काबुल स्थित इंडियन एंबेसी को निशाना बनाने आए थे। लेकिन वहाँ सुरक्षा के कड़े इंतजाम देखकर गुरुद्वारे को निशाना बनाया। रिपोर्टों के अनुसार सुरक्षा एजेंसियों ने इस तरह के हमले को लेकर आगाह कर रखा था। इसमें कहा गया था कि अफगानिस्तान से भारत को बाहर निकालने के मकसद से आतंकी साजिशें रची जा रही है। इन इनपुट के आधार पर एंबेसी की सुरक्षा के इंतजाम सख्त कर दिए गए थे। इसके कारण आतंकी अपने मूल उद्देश्य को अंजाम नहीं दे पाए।