Monday, December 23, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयकाबुल गुरुद्वारा अटैक: मास्टरमाइंड ISKP सरगना मौलवी अब्दुल्ला गिरफ़्तार, 4 अन्य पाकिस्तानी भी दबोचे...

काबुल गुरुद्वारा अटैक: मास्टरमाइंड ISKP सरगना मौलवी अब्दुल्ला गिरफ़्तार, 4 अन्य पाकिस्तानी भी दबोचे गए

हमले के दौरान एक फिदायीन ने खुद को उड़ा लिया था। इसके बाद उसके साथी अंधाधुंध फायरिंग करते हुए गुरुद्वारे में घुस गए और लोगों को बंधक बना लिया। ISKP ने फिदायीन हमलावर का नाम अबू खालिद-अल-हिन्दी बताया था। हिन्दी केरल का दुकानदार मोहम्मद साजिद था, जो चार साल पहले चौदह लोगों के साथ ISIS ज्वाइन करने निकल गया था।

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के गुरुद्वारे पर हुए हमले का मास्टरमाइंड दबोचा गया है। अफ़ग़ानिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने एक ऑपरेशन में आतंकी संगठन ‘इस्लामिक स्टेट खोरासन प्रोविंस (ISKP) के सरगना मौलवी अब्दुल्ला उर्फ़ असलम फ़ारूक़ी को गिरफ्तार किया। उसी ने पूरे हमले की साजिश रची थी। वह पाकिस्तानी नागरिक है और पहले आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ था। इसके बाद वो तहरीक-ए-तालिबान में सक्रिय रहा। फिर आईएसकेपी का प्रमुख बना। उससे पहले ये जिम्मेदारी अबू उमर खोरासनी निभा रहा था।

अब्दुल्ला ने ISKP की कमान अप्रैल 2019 में सँभाली थी। अफ़ग़ानिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी ‘नेशनल डायरेक्टरेट ऑफ़ सिक्योरिटी (NDS)’ ने एक प्रेस रिलीज का जरिए खोरासन के सरगना के गिरफ़्तारी की पुष्टि की है। एजेंसी ने बताया कि असलम फ़ारूक़ के तार लश्कर के साथ-साथ हक्कानी और पाकिस्तान के अन्य आतंकी संगठनों से भी जुड़े हुए हैं। उसके अलावा 4 अन्य पाकिस्तानी आतंकियों को भी गिरफ़्तार किया गया। ये भी आईएसआईएस से जुड़े हैं। इनमें मोसदुल्लाह और ख़ान मोहम्मद खैबर पख्तूनख्वा का है, वहीं सलमान कराची का और अली मोहम्मद इस्लामाबाद का रहने वाला है।

बता दें कि काबुल में गुरुद्वारा पर 25 मार्च को हमला किया गया था। हमले में 27 लोगों की मौत हो गई थी। इस्लामिक स्टेट ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। हमले के दौरान एक फिदायीन ने खुद को उड़ा लिया था। इसके बाद उसके साथी अंधाधुंध फायरिंग करते हुए गुरुद्वारे में घुस गए और लोगों को बंधक बना लिया। जवानों ने आतंकियों को ढेर कर लोगों को मुक्त कराया था। हमले के बाद ISKP ने फिदायीन हमलावर का नाम अबू खालिद-अल-हिन्दी बताया था। अबू खालिद कोई और नहीं केरल दुकानदार मोहम्मद साजिद था, जो चार साल पहले चौदह लोगों के साथ ISIS ज्वाइन करने निकल गया था। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि अबू खालिद-अल-हिन्दी जिसका एक और नाम अब्दुल खयूम भी है, केरल के कासरगोड का रहने वाला है, जो साल 2015 में अफगानिस्तान में जाकर इस्लामिक स्टेट का आतंकी बन गया था।

कुछ मीडिया रिपोर्ट में खुफिया सूत्रों के हवाले से बताया गया था कि ये आतंकी पहले भारतीयों को मारने के लिए काबुल स्थित इंडियन एंबेसी को निशाना बनाने आए थे। लेकिन वहाँ सुरक्षा के कड़े इंतजाम देखकर गुरुद्वारे को निशाना बनाया। रिपोर्टों के अनुसार सुरक्षा एजेंसियों ने इस तरह के हमले को लेकर आगाह कर रखा था। इसमें कहा गया था कि अफगानिस्तान से भारत को बाहर ​निकालने के मकसद से आतंकी साजिशें रची जा रही है। इन इनपुट के आधार पर एंबेसी की सुरक्षा के इंतजाम सख्त कर दिए गए थे। इसके कारण आतंकी अपने मूल उद्देश्य को अंजाम नहीं दे पाए।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -