अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में गुरुवार (11 अगस्त, 2022) को हुए एक आत्मघाती विस्फोट में तालिबान के प्रमुख मजहबी मौलवी शेख रहीमुल्लाह हक्कानी अपने मदरसे में मारा गया। रहीमुल्ला आतंकी विचारधारा का कट्टर समर्थक बताया जाता है।
विस्फोट की यह घटना काबुल के एक मदरसे में हुई। रिपोर्ट के अनुसार, बताया जा रहा है कि जो आत्मघाती हमलावर ने नकली पैर लगाए हुए था और उसी में वह विस्फोटक छिपाए हुए था। उसने डेटोनेटर की मदद से विस्फोट की घटना को अंजाम दिया।
هرگز نمیرد آنکه دلش زنده شد بعشق
— Bilal Karimi(بلال کریمي) (@BilalKarimi21) August 11, 2022
ثبت است بر جریدهٔ عالم دوام ما
په ډیرې خواشینۍ سره مو خبر تر لاسه کړ، چې د هیواد ستره هستي او علمي شخصیت شیخ صاحب رحیم الله حقاني د نامرده او نامراده دښمن په ناځوانمردانه حمله کې د شهادت لوړ مقام ته رسیدلی، انالله و انا الیه راجعون. pic.twitter.com/hg1wFBzr1N
रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान के उप प्रवक्ता बिलाल करीमी ने शेख रहीमुल्लाह हक्कानी के मारे जाने की पुष्टि करते हुए कहा, “ये बड़े दुख के साथ बताना पड़ रहा है कि देश की बड़ी अकादमिक शख्सियत शेख रहीमुल्लाह हक्कानी ने दुश्मन के क्रूर हमले में शहादत को गले लगा लिया है।”
Religious cleric Sheikh Rahimullah Haqqani was killed, said Bilal Karimi, dep. spokesperson for the Islamic Emirate, on Twitter. Reportedly Haqqani died today in a blast at his seminary in Kabul. pic.twitter.com/rBBV4iGJ6R
— TOLOnews (@TOLOnews) August 11, 2022
गौरतलब है कि रहीमुल्ला हक्कानी पर पहले भी दो बार हमला हो चुका है, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। उस पर दूसरी बार हमला अक्टूबर 2020 में हुआ था। ये तीसरी बार है जब हक्कानी पर हमला हुआ है। वहीं सबसे पहले 2013 में पेशावर के रिंग रोड पर उसके काफिले पर बंदूकधारियों ने हमला किया था, लेकिन वह सुरक्षित बच कर निकल गया था।
बता दें कि पिछले 15 दिन में यह दूसरी बार काबुल में विस्फोट की घटना सामने आई है। हालाँकि, अभी तक यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो सका है कि इस आत्मघाती हमले के पीछे कौन है। किसी भी संगठन ने अभी इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है।